कल के दिन जो कुछ भी हुआ, उससे एक बात तो सिद्ध हो गई, कि कांग्रेस के शासन में सोनिया मैडम पर उंगली नहीं उठाना है, वरना आप चाहे इस देश के सबसे धाकड़ पत्रकारों में से एक क्यों ना हो, आपको बख्शा नहीं जाएगा। सोनिया गांधी को उसके वास्तविक नाम एंटोनिया माइनो से बुलाने के लिए रिपब्लिक चैनल के एडिटर और संचालक अर्नब गोस्वामी को ना सिर्फ मुंबई पुलिस ने तलब किया, बल्कि 10 से ज़्यादा घंटों तक उनसे पूछताछ भी की।
दरअसल, कुछ दिन पहले अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक भारत के एक शो में सोनिया गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया था, और उसे एंटोनिया माइनो, यानी उसके वास्तविक नाम से संबोधित किया।
अर्नब ने पालघर में 2 साधुओं की हत्या पर कांग्रेस प्रमुख से कई सीधे सवाल किए थे और पूछा था कि अगर किसी पादरी या किसी मुस्लिम को मारा गया होता तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई इटली वाली’ सोनिया गांधी चुप रहतीं?
अर्नब गोस्वामी के अनुसार,
“सोनिया गांधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहां पर मैंने सरकार बनाई है, वहां पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूं। वहां से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गांधी ने अच्छा किया। इन लोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? यह सभी को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”
https://twitter.com/i/status/1252923861420539904
बस फिर क्या था, कांग्रेस के हर एक चाटुकार पर मानो वज्र का प्रहार हुआ और वे बिलबिला कर अर्नब के विरुद्ध अपने-अपने इलाकों में FIR दर्ज कराने लगे। परन्तु बात यहीं पर न खत्म हुई। चाटुकारिता की सभी सीमाएं लांघते हुए अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी सम्यब्रता रे पर कुछ गुंडों ने देर रात हमला कर दिया। जब अर्णब गोस्वामी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ा तो युवा कांग्रेस के गुंडे निकल भागे।
यूं तो अर्णब ने अधिकतर FIR पर सुप्रीम कोर्ट से अधिकांश मुकदमों पर राहत तो प्राप्त कर ली, पर मुंबई पुलिस के एक धड़े का मानना था – ऐसे कैसे? इसी परिप्रेक्ष्य में अर्णब को मुंबई पुलिस ने सम्मन जारी किया और उनसे लगभग 12 घंटे तक लंबी पूछताछ की। इतना ही नहीं, मुंबई पुलिस ने जो FIR दर्ज की है, उसमें अर्नब पर दंगा भड़काने के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
Fearless and honest journalist #ArnabGoswamy
#IsupportArnabGoswami #SoniaMaino #AntoniaMaino @sambitswaraj pic.twitter.com/PjfIR8vkyE
— Hindu Zone (@HinduZone_) April 24, 2020
इससे आखिर क्या संदेश भेजना चाहती है महाराष्ट्र की सरकार? संदेश स्पष्ट है – जहां भी कांग्रेस का प्रभाव है, वहां कांग्रेस के प्रिय समुदाय, या फिर कांग्रेस के सर्वेसर्वा के विरुद्ध आप मुंह तक नहीं कह सकते, वरना आपका जीवन नर्क से भी बदतर हो जाएगा। विश्वास नहीं होता तो झारखण्ड में उदाहरण से ही समझ लीजिए। हालांकि यहां निशाने पर सोनिया गांधी नहीं थी, पर चूंकि एक फल विक्रेता ने अपने दुकान पर हिन्दू फल दुकान का बैनर लगाया था, इसलिए जमशेदपुर पुलिस ना सिर्फ उस दुकानदार से अभद्रता से पेश आई, बल्कि उसका बैनर भी हटवाया।
इतना ही नहीं, कांग्रेस के चाटुकारों ने मुंबई पुलिस के इस कदम की सराहना करते हुए अर्णब गोस्वामी के विरुद्ध ट्विटर पर #WellDoneMumbaiPolice भी ट्रेंड कराया। लेकिन अर्नब गोस्वामी ने भी हार नहीं मानी है। पूछताछ खत्म होने के कुछ ही घंटों में उन्होंने रिपब्लिक पर एक डिबेट शो होस्ट किया, जहां उन्होंने फिर से सोनिया गांधी को एंटोनिया माइनो के नाम से संबोधित किया।
Arnab Goswami has guts to speak against her. He again called her #AntonioMaino on TV show. He just nailed it 😀 #WeStandWithArnabGoswami #SoniaSpeakNow pic.twitter.com/jQizhOoCcW
— Pratik Patel (@PratikP2806) April 28, 2020
अब अर्नब गोस्वामी एंटोनिया माइनो और उनके चाटुकारों की कैसे खबर लेते हैं ये तो आने वाला समय बताएगा, परन्तु इतना तो पक्का है कि कांग्रेस जब तक जिस भी क्षेत्र में है, वहां पर उनकी तानाशाही प्रवृत्ति ऐसी ही दिखाई जाएगी।