अगर किसी भी कंपनी का जुड़ाव चीन से हो तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार उसके जरिये अपना एजेंडा चलाने की भरपूर कोशिश करेगी ही। फिर चाहे हुवावे के जरिये पूरे विश्व के wireless नेटवर्क को हाईजैक करने की कोशिश करना हो, Xiaomi के जरिये लोगों के मोबाइल से डेटा चोरी कर सीधा चीन पहुंचाना हो, या फिर टिकटॉक के जरिये चीन विरोधी आवाज़ दबाकर लोगों को कम्युनिस्ट एजेंडा परोसना हो, चीन की सभी कंपनी चीन की सरकार के इशारे पर ही काम करती है। अब सामने आया है कि भारत में भी टिकटॉक को चीन की सरकार विरोधी कोई भी video पब्लिश करने का अधिकार नहीं और अगर कोई भी चीन की सरकार विरोधी video को अपलोड करता है, तो उसे तुरंत हटा दिया जाता है।
दरअसल, अब टिकटॉक द्वारा भारत के कर्मचारियों को वर्ष 2019 में भेजी गयी एक ई-मेल का खुलासा हुआ है जिसमें टिकटॉक का एक अधिकारी सभी कर्मचारियों को निर्देश दे रहा है कि अगर टिकटॉक पर तिब्बत और दलाई लामा से जुड़ा कोई भी कंटेन्ट पब्लिश किया जाता है, तो उसे तुरंत हटा दिया जाए।
E-mail done by TikTok to their India employees for removing anything which is against Chinese Government, especially Tibet and Dalai Lama!
Is this your way China to curb the Freedom of Speech across the globe? pic.twitter.com/6ujBAcRogd
— Zankrut Oza (Modi Ka Parivar) (@zankrut) May 16, 2020
इस ई-मेल से साफ है कि टिकटॉक ना सिर्फ अपने प्लेटफॉर्म पर जिहाद और पॉर्न कंटेन्ट फैलाता है, बल्कि अब भारत में रहकर इस एप्प ने “फ्री स्पीच” पर भी हमला बोलना शुरू कर दिया है। इस एप्प पर पहले ही भारत में जिहाद फैलाने और पॉर्न को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं।
हाल ही में अमेरिका में भी इस एप पर बैन लगाने की मांग खड़ी हुई थी जब टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म से अमेरिकी युवती की एक video को हटा दिया था जिसमें वह make up करते हुए चीन में ऊईगर मुसलमानों की बुरी हालत को बयान कर रही थी। बाद में टिकटॉक को अपनी इस करतूत के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी थी।
आंकड़े दिखाते हैं कि यह एप लोगों के बीच बहुत पॉपुलर है और यही कारण है कि इसे लेकर भारत और अमेरिकी सरकार अपनी चिंता व्यक्त कर रहीं हैं। जैसा हमने आपको बताया, इस एप के डेटा शेयरिंग मॉड्यूल को लेकर तो सरकारों के बीच संशय है ही, साथ ही इस प्लेटफॉर्म पर सामग्री की गुणवत्ता और बच्चों पर उसके प्रभाव को लेकर भी सरकारों की अपनी समस्याएँ हैं। अभी कुछ महीने पहले ही भारत में यह एप खबरों में तब आई थी जब एक टिकटॉक स्टार ने इसके जरिये आतंक का प्रचार करने की कोशिश की।
तबरेज अंसारी के मामले में हमें यही देखने को मिला था जब कुछ टिकटॉक स्टार्स ने एक समुदाय विशेष के लोगों को भ्रामक खबरों के माध्यम से भड़काने की कोशिश की थी। सबसे चिंता की बात तो यह है कि यह एप बच्चों और किशोरों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इस एप पर कंटैंट की क्वालिटी बेहद घटिया है। बेहद आपत्तिजनक सामग्री को बच्चे आसानी से एक्सेस कर सकते हैं जो कि उनके लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
बता दें कि भारत सरकार इन्हीं कारणो से टिकटॉक से कई कड़े सवाल भी पूछ चुकी है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले दिनों टिकटॉक से स्पष्टीकरण मांगा था कि इन सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करने के लिये बच्चों की न्यूनतम आयु 13 साल क्यों रखी गई है जबकि भारत में 18 साल से कम आयु वाले को बालक माना गया है। इसी कारण से भारत में कुछ समय के लिए मद्रास हाई कोर्ट ने इस एप्प को प्रतिबंधित भी कर दिया था।
हालांकि, जब इस एप्प ने लिखित में कोर्ट को यह विश्वास दिया कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण को और मजबूत करेगा, तो मद्रास हाई कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था। सरकार को इस एप पर और कड़े एक्शन लेने की जरूरत है ताकि लोगों के डेटा की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। अब इस कंपनी ने भारत के लोगों के फ्री स्पीच के अधिकार पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। भारत में इस कंपनी पर तुरंत प्रतिबंध लगा देना चाहिए।