अभी हाल ही में चीन ने अपने एक सैन्य कमांडर को उस लद्दाख क्षेत्र से हटाया, जहां पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच अभी भी काफी तनाव है। परन्तु यह तो बस ट्रेलर था। अब ऐसा लगता है कि भारत का भौकाल रंग ला रहा है। अभी चीनी सोशल मीडिया नेटवर्क Weibo पर उन सभी ट्रेंड्स को हटाया जा रहा है, जो भारत विरोधी रहे हैं।
https://twitter.com/ananthkrishnan/status/1269182859924762632?s=20
द हिन्दू के लिए पत्रकारिता कर रहे अनंत कृष्णन के ट्वीट्स के अनुसार, “Weibo ने अब ‘ China India border confrontation’ नामक हैशटैग पर कैंची चलानी शुरू कर दी है। अब आपको उसपर सर्च करने पर मैसेज मिलेगा, “ये पोस्ट कुछ कानूनों के उल्लंघन के कारण उपलब्ध नहीं है”। अब आपको इसका जो निष्कर्ष निकालना है निकाल सकते हैं”।
रुकिए, यह इतना भी सरल नहीं है, जितना चीन दिखाना चाह रहा है। दरअसल, कुछ दिनों पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। इसमें भारतीय सैनिक चीन की गुंडई का ना केवल मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, बल्कि हाथापाई पर उतारू कुछ चीनी सैनिकों की धुलाई भी कर रहे थे। भारतीय सेना ने वीडियो के सोर्स पर संशय जताते हुए इसे ‘unauthenticated’ बताया, पर यदि Weibo के वर्तमान निर्णय का हम लोग ध्यान से विश्लेषण करें, तो ये सिद्ध होगा कि चीन में सब कुछ ठीक नहीं है।
इसी ओर इशारा करते हुए अनंत कृष्णन ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जिसने भी वीडियो को ‘leak’ कराया, उसका आभारी रहूंगा। इस कारण काफी चीनी लोगों को बॉर्डर पर उत्पन्न हुई स्थिति के बारे में पता चला, और शायद इसलिए, ‘ China India border confrontation’ पर 30 मिलियन से भी ज़्यादा व्यूज आएं हैं”।
https://twitter.com/ananthkrishnan/status/1267449805535539206?s=20
इसका अर्थ क्या हुआ? इसका अर्थ यह है कि अब चीन आधिकारिक रूप से बैकफुट पर आ चुका है, और चीनी जनता के समक्ष अपनी इज्ज़त बचाने के लिए वह शांति के मसीहा का चोगा भी ओढ़ने को तैयार है। इससे पहले चीन ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड का नेतृत्व कर रहे जनरल झाओ जोंगकी को भारत चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर होने वाली वार्ता से पहले विवादित क्षेत्र से हटा दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उसी जनरल के नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर यह तनाव बढ़ा था। इसके अलावा भारत ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति में अपने क्षेत्र में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर रोक नहीं लगाएगा।
इसके अलावा भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी चीन को घेरना शुरू कर दिया। चीन के स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स नीति के जवाब में भारत ने भी अपना खुद का स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स रचा है, जो यूरोप में फ़्रांस से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक फैला हुआ है। इसी दिशा में एक अहम पहल करते हुए 4 जून को भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय वर्चुअल समिट के दौरान Mutual Logistics Support Agreement यानि MLSA पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद दोनों देशों को एक दूसरे के military bases इस्तेमाल करने का अधिकार मिल गया है। अब खबर आ रही है कि भारत जापान के साथ भी ऐसा ही MLSA समझौता कर सकता है। इससे पहले भारत सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका के साथ भी इसी प्रकार Logistics Support Agreement पर साइन कर चुका है।
लद्दाख में चीनी सेना दोबारा बैकफुट पर आ गयी है। इससे पहले वर्ष 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी ऐसे ही चीन को धूल का स्वाद चखने पर मजबूर होना पड़ा था। ऐसे में weibo द्वारा भारत विरोधी सोशल मीडिया ट्रेंड्स हटवाना इसी दिशा में एक अहम कदम है, लेकिन वो कपते हैं न एक गधे को कितना भी सजा लो, वह गधा ही रहेगा, घोड़ा नहीं बन जाएगा।