TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वो ‘आउटसाइडर’ सुशांत सिंह राजपूत जिसे बॉलीवुड के ‘इनसाइडर्स’ ने मार डाला

बॉलीवुड ने एक उभरते हुए कलाकार का गला घोंट दिया

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
15 June 2020
in समीक्षा
सुशांत सिंह राजपूत

PC: The Live Mirro

Share on FacebookShare on X

गुलजार का लिखा एक गीत है:

 छोटे छोटे शहरों से, खली बोर दोपहरो से,

संबंधितपोस्ट

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

और लोड करें

हम तो झोला उठके चले, बारिश कम कम लगती हैं,

नदिया मद्धम लगती हैं, हम समुन्दर के अंदर चले।

यह गीत मुंबई जाने वाले उन सभी सपनों की ओर इशारा करता है जो अपने छोटे शहरों से निकल कर, आँखों में कुछ कर गुजरने की दृढ़ता के साथ मुंबई जैसे बड़े शहर में जाते हैं। सुशांत सिंह राजपूत भी उन्हीं लोगों में से थे जो पटना जैसे शहर से मुंबई की मायानगरी यानि बॉलीवुड में एक सपने को सच का आकार देने के लिए गए थे। सुशांत मुंबई और बॉलीवुड दोनों के लिए एक ‘बाहरी’ थे। एक ऐसा बाहरी जिसके साथ बॉलीवुड ने इतनी क्रूरता की कि उनकी आवाज सदा के लिए शांत हो चुकी है।

पटना में जन्मे सुशांत सिंह राजपूत की प्रारंभिक शिक्षा पटना के संत कैरेंस हॉई स्कूल में हुई थी। वर्ष 2001 में दसवीं की परीक्षा पास की थी और आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए। विज्ञान में उनकी रुचि विशेष की और वे हमेशा टॉप-5 विद्यार्थियों में से एक रहे। उनके साथ स्कूल में पढ़ाई करने वाले और हमारे founder अतुल मिश्रा ने बताया कि वह अपने शिक्षकों में लोकप्रिए थे और काफी intelligent थे। सुशांत अपनी मान के भी काफी करीब थे जो उनके स्कूल के दिनों में ही गुजर गईं थी।

दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले सुशांत का धीरे धीरे झुकाव बॉलीवुड की तरफ हुआ और वे मुंबई चले गए। धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ सुशांत सिंह राजपूत के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ और फिर उसके बाद 2013 में उन्हें Kai Po Che के रूप में पहला ब्रेक मिला। यह फिल्म हिट रही और उसमें काम करने वाले राजकुमार राव आज के दौर के बेहतरीन कलाकार माने जाते हैं।

अक्सर यह देखा जाता है कि पहली फिल्म हिट होने के बाद कलाकार सफलता के चकाचौंध में रास्ते से भटक जाता है और मसाला फिल्में करना शुरू कर देता है। सुशांत के साथ ऐसा नहीं हुआ, उन्होंने Kai Po Che, के बाद डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी जैसी कंटेन्ट फिल्म को चुना। हालांकि, यह फिल्म उतनी सफल तो नहीं रही लेकिन सुशांत सिंह राजपूत ने अपने बेहतरीन अभिनय से अपना एक बार फिर लोहा मनवाया। पर अभी भी वो बॉलीवुड के लिए के ‘Outsider’ यानि बाहरी थी थे।

इसके बाद 2016 में आई उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी जिसे नीरज पांडे ने निर्देशित किया था। उनके इस प्रदर्शन को देख कर स्वयं MS Dhoni भी आश्चर्यचकित हो गए थे। चाहे धोनी के लंबे छक्के मारने का स्टाइल हो, या चलने का अंदाज। सुशांत ने हर चीज़ बारीकी से सीखी था और उसे पर्दे पर उतारा था।

इस फिल्म ने उन्हें कमर्शियल सक्सेस दे दिया जिसकी जरूरत थी। हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने कई फिल्मों में काम किया कुछ हिट रहीं, कुछ सामान्य लेकिन उन्होंने अपनी एक्टिंग का स्तर कभी कम नहीं होने दिया।

सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड में उभरते कलाकारों में 90 प्रतिशत से बेहतर थे। मैं यहाँ स्टारकिड की तो बात ही नहीं कर रहा जिन्हें बस परिवार की वजह से फिल्में मिलती है चाहे वो अर्जुन कपूर हो या वरुण धवन या सारा अली खान।

सुशांत सिंह राजपूत की एक और बात उन्हें बाकी बॉलीवुड से अलग बनाती थी, और वह है विज्ञान और दर्शनशास्त्र में रुचि। अगर हम उनके ट्विटर या इन्स्टाग्राम पर जाएं तो हमें एक अलग प्रकार का व्यक्तित्व दिखाई देगा जो बॉलीवुड में काम करने वाले ‘बाहरी’ सुशांत सिंह राजपूत से बिल्कुल अलग था। उन्हें भगवान शिव से अत्यधिक लगाव था। एक बॉलीवुड के अभिनेता का अंतरिक्ष विज्ञान और मेटा फिजिक्स, ज्योतिष, शिव का अर्थ और नासा की खोजो के बारे में बात करना आश्चर्य में डाल देता है।

अपने एक पोस्ट में तो उन्होंने कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्। सदावसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि॥ मंत्र लिखा था। यही नहीं जब वे जेनेवा गए थे तब वे CERN पहुंच गए थे और वहाँ लगे भगवान शिव की प्रतिमा के बारे में जानकारी हासिल की। कार्ल सेगन और न्यूक्लियर फ़िज़िक्स की बात करने वाले इस अभिनेता के इस व्यक्तित्व से उनके अंदर का इंजीनियर स्पष्ट दिखाई देता था।

https://www.instagram.com/p/CA1di9-DCd8/

उनके ट्विटर या इन्स्टाग्राम टाइमलाइन को देखने से उनके बॉलीवुड में बाहरी होने का अर्थ स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है। आखिर वो बॉलीवुड के Low IQ वालों के बीच एक धार्मिक जुड़ाव और विज्ञान की बात करने वाले जो थे।

बॉलीवुड में काम करने वाले सुशांत सिंह राजपूत का वास्तविक जीवन बिलकुल भिन्न था। उन्हें अपने नाम, अपने धर्म और काम पर न केवल भरोसा था बल्कि गहराई से वो इसका सम्मान भी करते थे परन्तु पद्मावत के विवाद के बाद अपने नाम से कुछ समय के लिए ‘राजपूत’ शब्द सोशल मीडिया से हटाना फिर ‘केदारनाथ’ जैसी कथित लवजिहाद वाली फिल्म में उनके काम करने से कई प्रकार के प्रश्न भी खड़े होते हैं। जैसे कहीं किसी दबाव में तो सुशांत सिंह राजपूत ने ऐसे कदम नहीं उठाये? ये तो बस अटकलें है लेकिन बॉलीवुड के इतिहास को देखते हुए इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति माफिया बन जाता है तो उसे जीवित रहने के लिए अपने गैंग का कहना मानना ही पड़ता है।

सोशल मीडिया पर पर तो यह भी कहा जा रहा है कि यशराज फ़िल्म्स, धर्मा प्रॉडक्शन सलमान खान और बालाजी जैसे बड़े निर्माताओं ने सुशांत सिंह राजपूत को बैन कर रखा था जिसके बाद वे सिर्फ वेब सीरीज या TV में ही काम कर सकते थे।

Hv a look on this #KaranJohar
and imagine how Kangna is surviving pic.twitter.com/pvQL1yjCQZ

— la nina 🐾 (@belladollstan) June 15, 2020

सुशांत सिंह राजपूत के बेहद करीबी माने जाने वाले शेखर कपूर ने भी कुछ इसी प्रकार का ट्वीट किया था और कहा था कि ‘मैं उन लोगों को जनता हूँ जिन्होंने तुम्हें धोखा दिया’।  

I knew the pain you were going through. I knew the story of the people that let you down so bad that you would weep on my shoulder. I wish Iwas around the last 6 months. I wish you had reached out to me. What happened to you was their Karma. Not yours. #SushantSinghRajput

— Shekhar Kapur (@shekharkapur) June 15, 2020

सुशांत बाहरी हैं ये उन्हें शुरू से पता था क्योंकि एक बार उन्होंने अपने फैंस से कहा था कि अगर आप मेरी फिल्में नहीं देखेंगे तो वो मुझे बॉलीवुड से निकाल देंगे। अगर आप लोग मुझे बॉलीवुड में देखना चाहते हैं तो फिल्म को जरूर देखें।

कांग्रेस के संजय निरूपम ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “छिछोरे हिट होने के बाद सुशांत सिंह राजपूत ने सात फिल्में साइन की थी। छह महीने में उसके हाथ से सारी फिल्में निकल गई थीं। क्यों ? फ़िल्म इंडस्ट्री की निष्ठुरता एक अलग लेवल पर काम करती है। इसी निष्ठुरता ने एक प्रतिभावान कलाकार को मार डाला।“

छिछोरे हिट होने के बाद #सुशांत_सिंह_राजपूत ने सात फिल्में साइन की थी।
छह महीने में उसके हाथ से सारी फिल्में निकल गई थीं।क्यों ?
फ़िल्म इंडस्ट्री की निष्ठुरता एक अलग लेवल पर काम करती है।
इसी निष्ठुरता ने एक प्रतिभावान कलाकार को मार डाला।
सुशांत को विनम्र श्रद्धांजलि!#RIPSushant

— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) June 14, 2020

यह निष्ठुरता है भाई-भतीजावाद यानि नेपोटिज्म की जो बॉलीवुड में दशकों से व्याप्त है और आज के जमाने में करण जौहर इसके केंद्र हैं। करण जौहर भाई-भतीजावाद के लिए एक गैंग चलाते हैं जहां सुशांत जैसे ‘बाहरियों’ की कोई इज्ज़त नहीं होती। वे सिर्फ स्टार किड को ही फिल्में देते हैं। आज कल सोशल मीडिया पर पुराने वीडियो भी शेयर हो रहे हैं, जिसमें करण जौहर और आलिया भट्ट ‘सुशांत कौन हैं’ बोल कर हंसते दिख रहे हैं। लेकिन आज यही लोग घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं।

आज तक बॉलीवुड में एक ही बाहरी ने करण जौहर से टक्कर लिया है और उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया था और वह हैं अजय देवगन। लेकिन सुशांत अजय देवगन जैसे स्थापित कलाकार नहीं थे। वी तो अभी उभरते सितारे थे।

इस बॉलीवुड में एक छोटे से शहर से आए प्रतिभावन लड़के को कभी वह इज्ज़त नहीं मिली जिसका वह हकदार था। सुशांत सिंह राजपूत ने बॉलीवुड में बिना गॉडफादर के अपनी मेहनत से ऐसा मुकाम हासिल किया, जो पटना जैसे शहर के लड़के के लिए तो बिल्कुल आसान नहीं था।

बॉलीवुड के इस नेपोटिज्म को उन्होंने स्वीकार भी किया था लेकिन इस वीडियो में उनके हाव-भाव देख कर कोई भी आसानी से यह कह सकता है कि सुशांत सिंह राजपूत बहुत कुछ कहना चाहते हैं लेकिन मजबूरी में कह नहीं पा रहे हैं। शायद उन्हें डर था कि अगर वे कुछ अधिक कह देंगे तो उन्हें कोई काम नहीं देगा।

RIP Bollywood pic.twitter.com/mTDghDFYeY

— IAS Smoking Skills (@Smokingskills07) June 15, 2020

इस नेपोटिज्म की आग में सुशांत सिंह राजपूत जैसे न जाने कितने कलाकारों का करियर ऐसे झुलसा कि वे दोबारा खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और दुनिया उन्हें भूलती चली गई। पर सुशांत ने तो अब स्वयं को इस दुनिया से अलग कर दिया। आखिर कौन है उनकी इस तरह की मौत का जिम्मेदार? क्या बॉलीवुड की नेपोटिजम ने उनकी जान ली? बॉलीवुड उन सपनों, उन उम्मीदों का गला घोंट दिया जो एक छोटे शहर से अपने सपने को पूरा करने के लिए इस चकाचौंध की मायानगरी में आया था।

जिस तरह से बॉलीवुड के खान, कपूर जैसे गैंग और भाई भतीजावाद के बावजूद सुशांत सिंह राजपूत ने अपने लिए जगह बनाई वो सराहनीय है परन्तु लड़ते-लड़ते सुशांत सिंह राजपूत ने ज़िंदगी से हार मान ली। ऐसे में ‘आउटसाइडर’ सुशांत सिंह राजपूत के मौत के वास्तविक जिम्मेदार तो ये बॉलीवुड के ‘इनसाइडर्स’ हैं जिन्होंने गैंग बनाकर एक प्रतिभावान एक्टर को ज़िंदगी से हार मानने के लिए मजबूर किया।

शेयर1416ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु की वीडियो पर ‘Hope You Enjoy’, कहने वाली मुख्यधारा Media को अपनी शर्मनाक और असवेंदनशील Coverage पर शर्म आनी चाहिए

अगली पोस्ट

‘सुशांत सिंह राजपूत की सवेंदनशील Photo शेयर करना बंद करो’, किसी की मौत पर मजाक बनाने में मुख्यधारा मीडिया को टक्कर दे रहा सोशल मीडिया

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited