मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सरकार दिन प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। जिस प्रकार से योगी सरकार विदेशी कंपनियों को अपने यहाँ निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रही है, उससे यह सिद्ध हो चुका है कि, अब उत्तर प्रदेश ‘बीमारू राज्य’ की पहचान से बहुत आगे निकल चुका है। अब, एक और अनूठी उपलब्धि के तौर पर योगी सरकार द्वारा अपनाए गए एक सफल फोर्मूले, “1 District, 1 Product” का अनुसरण केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी स्तर पर करना चाहती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश ने एक अनोखा उपाय निकाला है। इस उपाय के अनुसार हर जिले में एक उत्पाद को सर्वोपरि रखा जाएगा और जिले के अधिकांश संसाधन इसके उत्पादन में प्रयोग किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेंगी, ताकि वह जिला अपने उत्पाद के लिए देश भर में एक आदर्श उदाहरण बने। इस योजना को उत्तरप्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना के नेतृत्व में 2018 में लागू किया गया था, और MSME एवं एक्सपोर्ट प्रोमोशन विभाग के मुख्य सचिव नवनीत सहगल के अनुसार इस योजना से उत्तर प्रदेश के राज्य आधारित निर्यात में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है।
इससे किसानों को भी भारी लाभ होगा। कई ऐसे उत्पाद हैं, जो राज्य के एक जिले के अलावा कहीं नहीं बनाए जाते। ऐसे स्थानीय उत्पादों के निर्माण के लिए केन्द्रों को विकसित कर उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को एक सशक्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना चाहती है। उदाहरण के लिए एक जिला एक उत्पाद अभियान में पौष्टिक काला नमक, चावल, कपड़ों पर प्रयोग होने वाली चिकनकारी, ज़री जारदोज़ी कला एवं Wheat Silk की अनोखी हस्तकला को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी बात से प्रभावित होकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के उद्योग मंत्रियों के साथ एक टेली कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है। इसके अलावा उन्होंने सतीश महाना को पत्र लिखते हुए कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए राज्यों और केंद्र को मिलकर काम करना होगा। पत्र के एक अंश के अनुसार, “ग्रामीण भारत की वास्तविक क्षमता को सामने लाने और उसे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप ढालने हेतु वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय एक जिला एक उत्पाद योजना को, पूरे देश में, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से लागू करना चाहती है।”
सच कहें तो, उत्तर प्रदेश पिछले कुछ समय से देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है। जो उत्तर प्रदेश कभी उपहास का विषय हुआ करता था, वह आज भारत की उन्नति में अपना भरपूर योगदान दे रहा है।
इसकी शुरुआत तो योगी सरकार के सत्ता सम्भालते ही हो गई थी। लेकिन पिछले दो सालों से राज्य में लगातार हो रहे निवेश से राज्य के विकास ने खूब रफ्तार पकड़ी।
इतना ही नहीं, जब कोरोना वायरस की मार के कारण, चीन से विदेशी कंपनियाँ निकलने लगीं, तो अवसर को भाँपते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत उन्हें राज्य में निवेश करने के लिए आकर्षित किया। कई विदेशी कंपनियों ने अपने उत्पादन केन्द्रों को उत्तर प्रदेश में स्थापित करने की स्वीकृति भी दे दी और इसी का अनुसरण करते हुए मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्य भी विदेशी कंपनियों को अपने यहां निवेश करने के लिए आकर्षित करने में जुट गए। अब जिस तरह से योगी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद अभियान को केंद्र सरकार द्वारा देश भर में लागू करने के लिए प्रेरित किया है, उससे सिद्ध हो जाता है कि योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश चहुंमुखी प्रगति कर रहा है।