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चीन ने मानी हार, BRI के अंत ने उसके विस्तारवादी सोच का भी अंत कर दिया है

अब भारत को देखकर आत्मनिर्भर बनना चाहता है चीन

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
31 August 2020
in विश्व
BRI

(PC-ZEE NEWS)

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कोरोना की वैश्विक महामारी ने दुनिया भर के देशों को ग्लोबलाइज़ेशन से दूर होने पर मजबूर कर दिया हैं। इस कारण सभी देश अब आत्म निर्भर होने की राह पर चल रहे हैं। भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने पर ज़ोर दे रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो इस दौरान एक सबसे बड़ा बदलाव चीन में देखने को मिल रहा है और वह भी अब अपने वैश्विक महत्वाकांक्षा को छोड़ कर आत्मनिर्भरता की राह पर जाता दिखाई दे रहा है। इसके दो अर्थ हैं- पहला, चीन और शी जिंपिंग का महत्वकांक्षी BRI प्रोजेक्ट अपनी अंतिम साँसे गिन रहा है और दूसरा, अन्य देशों के चीन से आर्थिक संबंध तोड़ने के बाद वह अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश कर रहा है।

दरअसल, अमेरिका और बाकी लोकतांत्रिक देशों द्वारा चीन के बहिष्कार के बाद अपने BRI को ठंडे बस्ते में डालने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। एक्ज़िम बैंक जैसे चीन के प्रमुख बैंकों ने BRI परियोजनाओं के लिए ऋण देना बंद कर दिया है। महामारी के परिणामस्वरूप, अधिकांश देशों में BRI को झटका लगा है और काम रुका हुआ है जिसके कारण कार्यान्वयन में बड़ी लागत और देरी हो रही है। अधिकांश साझेदार देशों ने ऋण को स्थगित करने या कुछ ऋणों को माफ करने की मांग की है।

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ऐसा प्रतीत होता है कि BRI के रुक जाने से चीन को इतना नुकसान हुआ है कि अब वह इस पर अपना समय नहीं गंवाना चाहता है। शायद यही कारण है कि BRI को बीजिंग के आर्थिक प्लान dual circulation में स्थान नहीं मिला है।

बता दें कि अमेरिका जापान भारत और यूरोप से आर्थिक संबंध खराब होने के बाद अब चीन “dual circulation” की आर्थिक रणनीति को अपना रहा है। Dual Circulation में मुख्यतः घरेलू बाजार को अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार बनाया जाता है, इसके साथ ही घरेलू और विदेशी बाजारों को भी बढ़ावा दिया जाता है।

यह शब्द पहली बार 14 मई को आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो की बैठक में इस्तेमाल किया गया था। इसे एक ऐसी नीति के रूप में वर्णित किया गया था, जो पूरी तरह से चीन के सुपर-लार्ज मार्केट स्केल और घरेलू डिमांड का लाभ उठाएगा और एक नए विकास पैटर्न को स्थापित करने की संभावना को पूरा करेगा जहां घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार के Dual Circulation एक दूसरे के पूरक होंगे।

यानि चीन अब अपना ध्यान विदेशी बाज़ारों से अपने घरेलू बाजार पर केन्द्रित कर रहा है। पिछले कुछ समय से चीन में यह परिवर्तन देखा गया था लेकिन कोरोना और चीन के आर्थिक साझीदारों जैसे अमेरिका, यूरोप और जापान के नाराज होने से इस आर्थिक रणनीति को तेज़ किया जा रहा है।

हालांकि एक बयान में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि ” Dual Circulation ” किसी भी तरह से चीन को घरेलू बाज़ारों तक ही सीमित नहीं करेगा। परंतु जिस तरह अन्य देश चीन के खिलाफ एक्शन ले रहे हैं और चीन को झटका लग रहा है उसे देखते हुए यह स्पष्ट हो गया है कि चीनी कंपनियों को विदेश भेज कर वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी बनाने की ताकत अब चीन के पास नहीं बची है और चीन अब अपने घरेलू बाजार पर ध्यान केन्द्रित करना चाहता है। यही कारण है कि चीन को BRI के लिए काम करने वाली इनफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को भी वापस बुलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) ने China Communications Construction Company  (CCCC) जैसे कुछ सबसे बड़े इनफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को जन्म दिया था। आज, इन कंपनियों के पास यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व सहित दुनिया के सभी हिस्सों में सहायक, शाखाएं, अनुसंधान संस्थान और सेवा केंद्र हैं। अब चीन की गिरती साख और कोरोना के कारण इन कंपनियों को गहरा झटका लगा है। ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में CCCC की कुछ सहायक कंपनियों को BRI परियोजनाओं में शामिल होने और दक्षिण चीन सागर को सैन्यीकरण करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। वहीं चीन के BRI के लिए सबसे बड़े बाजार एशिया और अफ्रीका में कोरोना के कारण आए रुकावट और स्लोडाउन के कारण सभी देश ऋण माफ करने या ऋण चुकाने के लिए और समय की मांग कर रहे हैं, जिससे चीन को ही नुकसान हुआ है। इन नुकसान को चीन अब झेलने की स्थिति में नहीं है।

यही कारण है कि लगभग एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के BRI की कहानी समाप्त होने के बाद, शी जिनपिंग अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अब Duel Circulation के प्लान को अपना रहें है, जिससे चीन की कंपनियों को चीन के भीतर स्थान मिले। इसी क्रम में चीन ने घरेलू इनफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए 565 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्लान शुरू किया था।

जब से अमेरिका, भारत और अन्य ऐसे देशों ने चीन का बहिष्कार शुरू किया है तब से BRI का पतन वास्तव में चीन के लिए सबसे बड़ा रणनीतिक झटका है। BRI के पतन के बाद शी जिनपिंग विश्व व्यवस्था के चीनी वर्चस्व के अपनी महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं और ” Duel Circulation” प्लान इसमें पहला कदम है।

Tags: BRIचीन
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