पिछले कुछ वर्षों में, चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा दिए गए समर्थन और सब्सिडी के कारण चीन के तकनीकी क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई थी। लेकिन कोरोना के बाद चीन की जैसे-जैसे पोल खुलती जा रही है वैसे-वैसे अब कई देश चीन की तकनीकी कंपनियों को बैन कर रहे हैं। पहले हुवावे के खिलाफ अमेरिका ने अन्य देशों के साथ मिल कर एक्शन लिया अब एक और चीनी कंपनी Tencent को लगातार झटके मिल रहे हैं।
कोरोना के बाद देखा जाए तो हुवावे के बाद Tencent सबसे अधिक नुकसान झेलने वाली कंपनी रही है। हाल ही अमेरिका ने Tencent की Wechat और भारत ने PUBG सहित 25 ऐप्स को बैन किया। Wechat और PUBG Tencent की सबसे बड़े पावर हाउस की तरह है जहां से कंपनी को सबसे अधिक प्रॉफ़िट मिलता है।
भारत में PUBG बैन के दो दिनों के अंदर ही चीनी टेक कंपनी Tencent ने अपने बाजार मूल्य का लगभग 34 बिलियन डॉलर खो दिया है। Tencent के लिए यह दूसरा सबसे बड़ा झटका था। इससे पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी कंपनी के ऐप Wechat पर प्रतिबंध लगा दिया था तब ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया था कि, Tencent को पिछले महीने 66 बिलियन डॉलर का झटका लगा था।
बता दें कि, अकेले अमेरिका में Wechat के लगभग 19 से 26 मिलियन डाउनलोड के आंकड़े थे। लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने 6 अगस्त को आदेश जारी कर “Wechat से संबंधित सभी लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। यही नहीं, ट्रम्प ने इसके साथ ही चीनी स्वामित्व वाले वीडियो ऐप TikTok के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी कर चीन को दोहरा झटका दिया था। Tencent के स्वामित्व वाली चीन की दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी Wechat ही है। पहले हुवावे फिर Tik Tok और अब Wechat को अमेरिका से बाहर कर राष्ट्रपति ट्रम्प एक-एक करके चीनी तकनीकी दिग्गज कंपनियों को नष्ट कर रहे हैं।
वहीं भारत की बात करें तो भारत ने अगस्त में हुए दोबारा चीनी आक्रामकता के बाद फिर से 118 चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला किया जिसमें PUBG और Wechat शामिल थे। अभी तक देखा जाए तो पहली लिस्ट को मिला कर Tencent के लगभग 25 ऐप्स बैन हो चुके हैं।
Tencent ने पहली बार वर्ष 2017 में भारत पर अपनी आँख गड़ाई थी। तब उसने उस समय के भारत के सबसे मूल्यवान online शौपिंग वेबसाइट- फ्लिपकार्ट में $700 मिलियन डॉलर का निवेश किया। इसके बाद उसने OLA कैब सेवा में 1।1 अरब डॉलर का निवेश किया। चीन में पहले से ही अग्रणी Tencent की नजर भारत के बाजार की थी ताकि वो उसे नियंत्रण में ला सके। चीन में लॉन्च के एक साल बाद, इसने PUBG को दुनिया के बाकी हिस्सों में जारी किया। 2020 तक PUBG के एक चौथाई डाउनलोड यानी 175 मिलियन डाउनलोड, अकेले भारत से थे जो चीन से भी अधिक हैं। Livemint की एक रिपोर्ट के अनुसार PUBG Mobile ने 2019 में भारतीय यूजर्स से केवल in-app खरीदारी के जरिए 100 मिलियन कमाए थे। अब उनकी इन सभी कमाई पर रोक लग चुकी है।
Tencent हुवावे के बाद सबसे अधिक घाटा सहने वाली कंपनी है। हुवावे तो अब बंद होने के कगार पर खड़ी है। मई 2020 में हुवावे के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन लेते हुए ट्रम्प प्रशासन ने हुवावे को होने वाले सेमीकंडक्टर एक्स्पोर्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये सेमीकंडक्टर चिप्स फोन निर्माण के साथ-साथ 5G उपकरणों के निर्माण में भी आवश्यक होते हैं। । Financial Times के लिए लिखते हुए एक expert ने यहां तक दावा किया है कि, “अमेरिका के इस नए आदेश के बाद हुवावे का मरना तय है। हुवावे के पास अब कोई दूसरा चारा ही नहीं बचेगा।”
निवेशक और लेखक रुचिर शर्मा के एक लेख के अनुसार, डिजिटल अर्थव्यवस्था अब चीन के राष्ट्रीय उत्पादन का एक तिहाई हिस्सा है। चीन का कुल डिजिटल उत्पादन लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर है जो भारत के सकल राष्ट्रीय उत्पादन से भी अधिक है।
जब पुरानी अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत दिखाई दिए था तब चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने तकनीकी अनुसंधान और विकास में भारी निवेश किया था। इस क्षेत्र में चीनी सरकार का सालाना खर्च 400 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो यूरोपीय संघ की तुलना में कहीं अधिक है।
टेक क्षेत्र में निवेश चीनी कंपनियों के साथ-साथ चीनी राज्य के लिए भी लाभकारी था, क्योंकि दुनिया भर के देशों ने अपने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उत्पाद चीन में करना शुरू कर दिया था।
लेकिन, पिछले कुछ महीनों में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने हुवावे और Tencent जैसी चीनी कंपनियों के लाभ पर ग्रहण लगा दिया है। दुनिया भर के देशों में चीनी कंपनियों पर लगातार प्रतिबंध लगाए जाने से चीन का तकनीकी बाजार कमजोर हो चुका है और उसके जल्द ऊपर उठने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।