चीन को लेकर हमेशा ही ये कहा जाता है कि वो लोगों की सोच पर चोट करने में ज्यादा माहिर है। कुछ ऐसी ही धारणा चीनी स्मार्टफोन्स को लेकर भी बन गई है क्योंकि वो चीन के लिए वैचारिक जहर फैलाने का हथियार बन गए है। अब इसी के जरिये चीन भारतीयों की सोच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। चीनी कंपनी शाओमी के मौसम पूर्वानुमान वाले फीचर से जुड़े मैप में अरुणाचल प्रदेश और लेह का जिक्र ही नहीं है जो कि भारत विरोधी रुख को जाहिर करता है और इससे शाओमी की इंडिया यूनिट पर भी सवाल खड़े करता है।
दरअसल, शाओमी यूजर्स से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके मौसम के पूर्वानुमान वाले मैप के फीचर में अरुणाचल प्रदेश और लेह का जिक्र ही नहीं है। गौरतलब है कि शाओमी एक चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी है जिसका स्वामित्व कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के पास है। इसको लेकर ये साफ कहा जा रहा है कि भारत के अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के क्षेत्र को चीन अपना मानता है इसीलिए चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने इन क्षेत्रों को अपने स्मार्टफोन में शामिल नहीं किया है।
इस पूरे मामले पर जब कंपनी की भद्द पिटने लगी तो शाओमी की सहायक कंपनी एम आई इंडिया इसके बचाव में उतर आई है। कंपनी द्वारा तय किए गए आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, हम मौसम के पूर्वानुमान के लिए कई तरह के स्त्रोतों पर निर्भर हैं। ऐसे कई इलाके हैं जिससे संबंधित जानकारी इस मैप में नहीं है। इसलिए इसे टेक्निकल गलती समझा जाए। हम अपने यूजर्स के अनुभव के लिए इस ऐप को अधिक बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं और हमारे लिए भारत समेत भारतीय यूजर्स का हित सर्वोपरि है।
कंपनी के प्रवक्ता का बयान साफ जाहिर करता है कि असल में ये एक लीपापोती के अलावा और कुछ भी नहीं है। ये सारे वो क्षेत्र हैं जिन पर चीन अपना दावा करता है। इसलिए कंपनी की नीयत पर सवाल खड़े होना लाजमी है। वैसे भी पहले से ही भारत में चाइनीज सामान और स्मार्टफोन्स के खिलाफ एक मोर्चा निकला हुआ है। ऐसे में चीनी कंपनी के भारतीय एमडी मनु कुमार जैन लगातार इस मुहिम में लगे रहते हैं कि वो कैसे कंपनी को अधिक भारतीय दिखा सकें। वो अपने बयानों में कह चुके हैं कि भारत में ही इन स्मार्टोफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग होती है जिससे 50,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। इसके अलावा कंपनी के सारे कर्मचारी भारतीय ही हैं। फायदों की आड़ में मनु जैन कंपनी को भारतीय दिखाने के लिए सारी जुगत करते रहे हैं।
सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों से किस तरह बौद्धिक आतंकवाद फैलाया जा सकता है वो इस वाकये ने साबित कर दिया है। भले ही शाओमी को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हों लेकिन इन सबसे इतर एक नया मामला ट्विटर से भी सामने आया जहां लेह में प्रवेश करने पर उस क्षेत्र को ट्विटर द्वारा पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना घोषित कर दिया जाता है। ये सारे ऐसे मामले हैं जो भारत की स्वतंत्रता पर डिजिटली प्रहार करते रहते हैं।
ऐसे में ये बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि भारत सरकार इस मसले पर सख्त कार्रवाई करे जिससे बौद्धिक आतंकवाद फैलाने वाले इन हथियारों के निर्मातोओं को सख्त सबक सिखाया जा सके। इसके साथ ही ये बेहद ही दिलचस्प बात है कि कंपनी के भारतीय सीईओ कंपनी को भारतीय साबित करने के लिए जी जान लगा रहे हैं लेकिन उनके स्मार्टफोन ही उनकी पोल खोल रहे हैं।