चीन का प्रोपेगेंडा चलाने में भारत के कुछ वामपंथियों को बहुत मजा आता है, लेकिन अब इस मामले में इनकम टैक्स विभाग ने एक बड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रही है जो कि सबसे बड़ा झटका समाचार संस्थान द हिन्दू और हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए होगा, क्योंकि इन दोनों पर चीन का एक एजेंडा चलाने का आरोप है। हाल ही में इसके मुख्य पेज पर चीन से जुड़ा एक फुल पेज विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसके बाद दोनों के बीच पैसों के लेन-देन के आरोप भी लगे हैं और इस मामले में शिकायत भी दर्ज कर दी गई है और अब ये जांच दोनों के लिए ही मुश्किलें खड़ी करेगा।
Sputnik वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय आयकर विभाग देश के दो बड़े मीडिया संस्थानों को लेकर जांच की तैयारी कर रहा है। इसके लेकर ये भी सामने आया है कि इस जांच की मांग महाराष्ट्र के एक लीगल राइट्स की संस्था एलआरओ द्वारा की गई है। इसको लेकर आरोप है कि द हिन्दू को चीन द्वारा फंडिंग हुए हुई है और इसलिए इनकम टैक्स द हिन्दू को मिली चीनी फंडिंग की जांच करेगा। गौरतलब है कि इस मामले को 15 अक्टूबर को गृह मंत्रालय ने आयकर विभाग को भेज दिया था। इस मामले में गृह मंत्रालय ने आयकर विभाग को 30 दिन का समय चार्ज लगाने को दिया है।
द हिन्दू और हिन्दुस्तान टाइम्स के ऊपर जांच की ये तलवार यूं ही नहीं लटक रही है। दरअसल, इस मामले में सबसे बड़ा कारण इन दोनों के विज्ञापन है। हाल में इन दोनों ने अपने मुख्य पृष्ठ पर एक विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसमें चीन की तारीफ की गई थी। चीन को लेकर कहा गया था कि चीन ने बड़ी ही सफलता के साथ कोरोना वायरस से निपटने का काम किया है। गौरतलब है कि ये विज्ञापन भारत में चीनी दूतावास द्वारा प्रकाशित करवाया गया था।
Wrote letter to @HMOIndia to launch multi agency probe of @HindustanTimes comprising @IncomeTaxIndia @dir_ed @NIA_India to investigate #Chinese payment to HT to publish #ChinaWatch advert in newspaper undermining Indian interest to further CH #UFWD propaganda #Ladakh @Chellaney pic.twitter.com/hjiGYujlBZ
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) November 2, 2020
इस मामलों को लेकर एलआरओ के आरोप हैं कि इन दोनों ही अखबारो में जो विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं वो भारत विरोधी हैं। उन पर आरोप ये भी हैं कि चीन के साथ जब लद्दाख में भारत का विवाद है तो ऐसे में चीन से जुड़े विज्ञापन प्रकाशित करना देश विरोधी ही होगा। एलआरओ ने इसके पीछे चीनी दूतावास और अखबारों के बीच लेन-देन होने की आशंका भी जताई है और इसीलिए इस पूरे वाक्ये की जांच का मांग की गई है।
चीन से जुड़े विज्ञापन का इस तरह से भारत के दैनिक अखबार द्वारा प्रकाशित होना भारतीयों और पूर्व राजनयिकों को भी पसंद नहीं आया है। इस मसले को भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने बेहद शर्मनाक बताया है ,जब इस वक्त भारतीय सेना सीमा पर चीन के विरुद्ध डटकर खड़ी है तब इस तरह के कृत्य निराशाजनक है।
ऐसे में जब पूरे देश के आम जनमानस का गुस्सा चीन के खिलाफ है, तो चीन के समर्थन से जुड़ा कोई विज्ञापन प्रकाशित करना हिन्दुस्तान टाइम्स और द हिन्दू के लिए एक मुसीबत का सबब बन गया है। इसीलिए इन दोनों ही अखबारों के चीन या चीनी दूतावास के साथ किसी भी तरह के आर्थिक लेन-देन की संभावनाएं जताते हुए इनकम टैक्स एलआरओ की शिकायत पर जांच करेगा जिससे भारत की मुसीबतों में इजाफा ही होगा।