पाकिस्तान की हालत इस समय ऐसी है, मानो आसमान से गिरे तो खजूर के पेड़ में अटके। अरब देशों के प्रकोप से बचने के लिए अभी पाकिस्तान ने तुर्की के विरुद्ध एक्शन लिया, तो अब यूके ने पाकिस्तान पर कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। इस बार पाकिस्तान की काली करतूतें इतनी ज्यादा है कि यूके किसी भी हालत में उसके साथ नरमी नहीं बरतने वाला।
यूके के ट्रेजरी एंड होम ऑफिस द्वारा तैयार किये गए ‘National Risk Assessment of Money Laundering and Terrorist Financing 2020’ रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा लक्जरी प्रॉपर्टी और कीमती आभूषण की आड़ में यूके में काला धन का आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए उसे आड़े हाथों लिया है।
WION की रिपोर्ट के अनुसार, “इस रिपोर्ट के अनुसार कई अपराधी उच्च मूल्य की संपत्तियों में निवेश करते हैं, और साथ ही कीमती हीरे जवाहरात और आभूषणों में भी आदान-प्रदान करते हैं, जिसे पाकिस्तान से यूके ट्रांसफर किया जाता है, ताकि कालेधन की आवाजाही यूके के जरिए होती रहे”।
रिपोर्ट में आगे बताया गया, “इसमें भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त आय शामिल है। तस्करी के माध्यम से UK से पहुंचाई गई नकदी और MSBs [मनी सर्विस कारोबार] की सहायता से पाकिस्तान तक फैले इस मनी लॉन्ड्रिंग के जाल को पकड़ना इतना भी आसान नहीं होता। इसी कारणवश 2018 में पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु ग्रे सूची में शामिल किया गया था। यूके, एफएटीएफ का सदस्य होने के नाते पाकिस्तान की हरकतों पर नजर बनाये रखता है”।
अब इसका क्या अर्थ है? एक अप्रत्यक्ष संदेश में यूके ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है, कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो यूके पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के लिए चिंता की बात तो यह भी है कि इस समय सत्ता में उसकी प्रिय लेबर पार्टी नहीं, बल्कि भारत समर्थक कंजरवेटिव पार्टी है, जो पाकिस्तान के विरुद्ध कार्रवाई करने से पहले एक बार भी नहीं सोचेगा।
सच कहें तो यूके के पास पाकिस्तान के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एक नहीं, बल्कि अनेक कारण है। सर्वप्रथम तो यूके को पाकिस्तान ने मानो अपनी अवैध गतिविधियों के लिए एक अड्डा बना दिया है, जहां घोटालेबाज़ी से लेकर मानव तस्करी तक को पाकिस्तानी बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए अगर यूके के यौन अपराधों पर एक दृष्टि डाली जाए, तो सामने आता है कि यूके की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक ‘ग्रूमिंग गैंग’ [जो लव जिहाद का एक वीभत्स रूप है] भी पाकिस्तानियों की ही देन है, जिनमें गैर मुसलमान लड़कियों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया जाता है।
लेकिन यही एक कारण नहीं है जिसके पीछे पाकिस्तान यूके के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान यूके का इस्तेमाल भारत के विरुद्ध अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है, जिसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण आप ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर खालिस्तानियों द्वारा भारतीय हाई कमीशन के सामने किये गए प्रदर्शन में भी देख सकते हैं। इस प्रदर्शन में न केवल किसानों के अधिकार के नाम पर अलगाववाद को बढ़ावा दिया गया, बल्कि पाकिस्तान के इशारों पर चलने वाले खालिस्तानी आतंकी जैसे परमजीत सिंह पम्मा शामिल हुआ।
ऐसे में यूके ने अपनी वर्तमान रिपोर्ट से अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है – हमारे देश को अपने आतंक का लॉन्चपैड न बनाना, वरना इसके बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। लेकिन जिस देश को उसकी औकात बताने के लिए सऊदी अरब जैसे देशों को भी मशक्कत करनी पड़ी हो, उसके लिए सिर्फ ये चेतावनी शायद काफी न पड़े।