भारत में ये कहा जाता है कि अगर कंपनी का विस्तार करना हो, तो उसके विज्ञापनों में राष्ट्रवाद का तड़का लगा दो और आपकी कंपनी को प्रसिद्धि मिल जाएगी। कुछ ऐसा ही काम योग गुरु बाबा रामदेव ने भी किया है जो लगातार देश में स्वदेशी चीजों की बिक्री की बात करते हैं और राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों से इस पर अपना समर्थन मांगते हैं। अब रामदेव की कंपनी पतंजलि के संबंध में खुलासा हुआ है कि इसके उत्पादों में भी चीन समेत कई विदेशी कंपनियों के तत्व मिलाए जाते हैं और फिर उस पर पतंजलि की ब्रांडिंग के जरिए स्वदेशी के नाम पर बेच दिया जाता है, जो दिखाता है कि किस तरह से स्वामी रामदेव जनता से राष्ट्रवाद के नाम पर धोखाधड़ी कर रहें हैं।
मिलावटी माल बेच रहा पतंजलि
दरअसल, जनसत्ता की एक रिपोर्ट बताती है कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने शहद को लेकर कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जो कि शहद बनाने वाली कंपनियों की विश्वसनीयता के लिए तो झटका है ही, बल्कि सबसे बड़ी दिक्कत पतंजलि के लिए है जो खुद को सबसे शुद्ध और स्वदेशी होने का दम भरता है। सीएसई ने बताया कि डाबर, हिमालया, इमामी, झंडू जैसी कंपनियों के शहद में चीनी सिरप मिलाया जाता है, जिसके चलते ये शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। खास बात ये है कि इस सूची में पतंजलि का नाम भी है जिसके संस्थापक रामदेव खुद के सभी उत्पादो को स्वदेशी बताते नहीं थकते हैं।
बदनाम करने की साज़िश
बाबा रामदेव ही नहीं उनके सहयोगी और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण भी अपने सभी उत्पादों को शत प्रतिशत शुद्ध बताते हैं, लेकिन इस खुलासे के बाद वो सवालों के घेरे में आए हैं तो उन्होंने कहा कि ये सब इंडस्ट्री को बदनाम करने की साज़िश के तहत किया जा रहा है जो कि शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “हम 100 फीसदी प्राकृतिक शहद बनाते हैं। यह भारत के प्राकृतिक शहद बनाने वाली इंडस्ट्री को बदनाम करने की साजिश है, ताकि प्रोसेस्ड शहद को प्रमोट किया जा सके।”
ऐसा पहली बार नहीं है कि पतंजलि के किसी उत्पाद को लेकर विवादों की स्थिति आई है। कंपनी का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। हाल ही में कोरोनावायरस की दवा के मामले में पतंजलि द्वारा बनाई गई कोरोनिल दवा पर भी बवाल हुआ था। कंपनी पहले 100 फीसदी असरदार दवा होने की बात कह रही थी जिसके बाद वो अपने ही दावे से मुकर गई। इसी तरह साल 2015 में जब पतंजलि के नूडल्स लॉन्च हुए थे तब भी मान्यताओं को लेकर विवाद हुए थे। कंपनी के आंवला जूस को भी काफी विवादों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में एक बार फिर अब पतंजलि के शहद में मिलावट का खुलासा पतंजलि को कठघरे में खड़ा कर रहा है।
राष्ट्रवाद का फायदा
भारतीय जनता को लेकर ये कहा जाता है कि भारतीय सबसे ज्यादा भावुक होते हैं। ऐसी स्थिति में जब बात स्वदेशी उत्पादों की आती है तो भारतीय इस मुद्दे पर बिना सोचे समझे आंख बंद करके विश्वास कर लेता है। राष्ट्रवाद की इसी भावना का फायदा स्वामी रामदेव की कंपनी ने उठाया है। इसके चलते ही पिछ्ले एक दशक में रामदेव की कंपनी एक मल्टीनेशनल ब्रांड बन गई है। ऐसे में पतंजलि के उत्पादों को लेकर लगातार हो रहे मिलावट के खुलासे ये बता रहे हैं कि भारतीयों की सेहत से खिलवाड़ करते हुए कंपनी अपना फायदा उठा रही है जो कि अपराधिक श्रेणी में भी आता है।
पतंजलि के उत्पादों को लेकर लगातार हो रहे खुलासे के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को भी ये सोचना कि राष्ट्रवाद के नाम पर उनके साथ ये कंपनी छलावा भी कर सकती हैं इसलिए अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए ही किसी भी कंपनी का उत्पाद इस्तेमाल करें।
i was follower of TFI post but after reading this post i will boycott you as you only believe on media reports ….. don’t understand the conspiracy and backend motive to publish such kind of reports.