अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प का 4-वर्षीय कार्यकाल 20 जनवरी 2021 को ख़त्म हो रहा है। हालांकि, इस दौरान वे कई बड़े कदम उठा रहे हैं। उदाहरण के लिए तुर्की पर S-400 की खरीद के लिए प्रतिबंध लगाना हो, या फिर एक के बाद कई अरब देशों द्वारा इज़रायल के साथ संबंध स्थापित कराना हो। अपने कार्यकाल के दौरान भी ट्रम्प ऐसे कई कदम उठा चुके हैं, जो शायद कोई पारंपरिक नेता कभी ना उठा पाता। उनका ऐसा ही एक कदम था यरूशलेम में अमेरिकी दूतावास को स्थापित करना, जिसने बड़े से बड़े भू-राजनीतिक एक्सपर्ट को भौचक्का कर दिया था। ट्रम्प के स्वभाव और समय की संवेदनशीलता को देखते हुए अब यह कहा जा सकता है कि ट्रम्प अपने आखिरी 30 दिनों में तिब्बत और ताइवान जैसे मुद्दों पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ऐसा करके वे आने वाले दशकों तक अमेरिका की चीन नीति पर अपना प्रभाव छोड़कर जाएंगे!
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी सांसद Scott Perry ने राष्ट्रपति ट्रम्प को पत्र लिखकर उनसे तिब्बत को एक स्वतंत्र देश का दर्जा देने की अपील की है। बता दें कि इससे पहले Perry मई में कांग्रेस में तिब्बत से संबन्धित एक प्रस्ताव भी पेश कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सरकार से तिब्बत की आज़ादी को मान्यता प्रदान करने की अपील की थी। राष्ट्रपति ट्रम्प अपने कार्यकाल के दौरान तिब्बत के लिए एक से बढ़कर एक कदम उठा चुके हैं, जिसने चीनी सरकार को काफी हद तक तकलीफ भी पहुंचाई है। राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका ने जहां एक तरफ भारत में मौजूद तिब्बत की निर्वासित सरकार को 1 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान करने का ऐलान किया था तो वहीं, इसी वर्ष White House में पहली बार तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति Lobsong Sangay को निमंत्रित भी किया गया। इतना ही नहीं, ट्रम्प ने तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिकी सरकार में एक विशेष संयोजक को भी नियुक्त किया है।
स्पेशल कोर्डिनेटर Robert A Destro ने हाल ही में “साथी देशों” से यह अपील की थी कि वे भी अपने-अपने देशों में अमेरिका के “Reciprocal Access to Tibet Act” की तरह ही कानून लेकर आयें। बता दें कि इस कानून के तहत अमेरिका ने ऐसे सभी चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं, जो तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल पाये जाते हैं। ऐसा करके ट्रम्प प्रशासन पहले ही तिब्बत के मुद्दे को एक अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन में बदलने की नीति पर काम कर रहे हैं। ऐसे में अब हो सकता है कि वे अपने कार्यकाल को और ज़्यादा यादगार बनाने के लिए तिब्बत की स्वतन्त्रता को आधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान कर दें।
और सिर्फ तिब्बत का मुद्दा ही नहीं, ताइवान के मुद्दे पर भी ट्रम्प प्रशासन कोई बड़ा कदम उठा सकता है। अमेरिका में शायद ही ट्रम्प जैसा कोई ताइवान-समर्थक राष्ट्रपति कभी सत्ता में आया हो! यही कारण था कि उनके कार्यकाल के दौरान सबसे ज़्यादा ताइवान-समर्थक बिल कांग्रेस में लाये गए। वर्ष 1979 में राष्ट्रपति Richard Nixon के नेतृत्व में अमेरिका ने ताइवान के साथ अपने सभी संबंध तोड़ लिए थे और उन्होंने बीजिंग के साथ नजदीकी बढ़ाने का फैसला लिया था। बता दें कि ठीक इसी समय अमेरिका ने तिब्बत के मुद्दे को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया था। हालांकि, ट्रम्प और उनके समर्थन अब ताइवान मुद्दे का सहारा लेकर बीजिंग के लिए सरदर्द पैदा करने की नीति पर काम कर रहे हैं। फरवरी 2018 के बाद ही अमेरिकी कांग्रेस में 5 ताइवान-समर्थक बिल पेश किए जा चुके हैं, जो दर्शाता है कि रिपब्लिकन्स के लिए ताइवान मुद्दा कितना अहम रहा है। वर्ष 2018 में अमेरिकी कांग्रेस ने Taiwan Travel Act को भी पारित किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता हेतु द्विपक्षीय यात्राएं हो सकती है। इसी वर्ष फरवरी में रिपब्लिकन सांसद टेड क्रूज संसद में एक बिल लेकर आए थे, जिसके तहत उन्होंने ताइवान के अधिकारियों द्वारा अमेरिका में ताइवान के झंडे का आधिकारिक इस्तेमाल करने की छूट देने की अपील की थी। इसके बाद मई में रिपब्लिकन सांसद Mike Gallagher कांग्रेस में Taiwan Defense Act का प्रस्ताव लेकर आए थे, ताकि किसी भी चीनी हमले के समय में अमेरिकी सेना ताइवान की सहायता के लिए आगे आ सके।
स्पष्ट है कि ट्रम्प प्रशासन के लिए ताइवान का मुद्दा भी चीन को लेकर उसकी नीति में सबसे अहम बिन्दु रहा है। यही कारण है कि अपने आखिरी दिनों में ट्रम्प प्रशासन तिब्बत और ताइवान को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकता है। बता दें कि स्टेट डिपार्टमेन्ट की हालिया रिपोर्ट में अमेरिका पहले ही तिब्बत को एक “CCP द्वारा सैन्य तौर पर कब्ज़ाए गए क्षेत्र” के रूप में स्वीकारोक्ति दे चुका है।
BIG BREAKING
In State Dept's latest report on China,
USA calls Tibet a militarily occupied territory by the Chinese Communist Party. @IndoPac_Info pic.twitter.com/mE5mGj5yC9— Vikrant Singh (@VikrantThardak) November 19, 2020
ट्रम्प के बारे में सटीकता से सिर्फ यही अनुमान लगाया जा सकता है कि उनके बारे में अनुमान लगाना किसी भू-राजनीतिक और कूटनीतिक विशेषज्ञ के बस की बात नहीं है।