जब किसी से जीत न पाओ, तो उसकी नीतियों की ही नकल करने लगो। कांग्रेस अपनी इसी नीति पर काम कर रही है। बीजेपी की मिस्ड कॉल वाली नीति का एक समय जिस कांग्रेस ने विरोध करते हुए मजाक बनाया था। वही कांग्रेस धनबाद में मिस्ड कॉल वाला फॉर्मूला अपना कर अब उसे खत्म कर बीजेपी का ही दूसरा 1 से 100 सदस्यों का अभियान लेकर आई है। कांग्रेस की स्थिति अब फड़फड़ाने वाली हो गई है क्योंकि उसके पास जनाधार के नाम पर कुछ बचा ही नहीं है।
जब बीजेपी ने सदस्यता अभियान शुरु किया था और प्रत्येक सदस्य को अपने साथ 100 सदस्य जोड़ने की बात कही थी, तो कांग्रेस ने इस नीति का मजाक उड़ाया था। कांग्रेस का कहना था कि बीजेपी का जनाधार कमजोर हो रहा है इसलिए वो इस तरह की नीति अपना रही है। इसके इतर अब धनबाद कांग्रेस बीजेपी की ही नीति पर चल रही है। पहले सी Congress ने बीजेपी के मिस्ड कॉल वाले कैंपेन को चुराया और फिर उसे बंद कर दिया। अब वही कांग्रेस बीजेपी के 1 से 100 सदस्य बनाने वाले सदस्यता अभियान को अपना रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के लिए अब पांच रुपये शुल्क देना होगा। जो भी कार्यकर्ता 100 सदस्य बनाएंगे, उन्हें ही सक्रिय सदस्य बनाया जाएगा। सक्रिय सदस्यों के लिए शुल्क 100 रुपये तय किया गया है। सक्रिय सदस्य ही पार्टी में पदाधिकारी बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकेंगे। बीजेपी ने भी ठीक इसी तरह का नियम अपनी पार्टी में रखा हुआ है।
इस नए अभियान को लेकर धनभाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा, “कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रामेश्वर उरांव से अनुमति लेकर जल्द ही कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी। मिस कॉल से सदस्यता प्रक्रिया को बंद कर रहे हैं। प्राथमिक सदस्यता के लिए पांच रुपये शुल्क देना होगा और सक्रिय सदस्य बनने के लिए कम से कम 100 सदस्य बनाने होंगे।” इसके साथ ही उनका ये भी कहना है, “कांग्रेस की सक्रियता एवं सदस्यता बढ़ाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर भी विशेष फोकस होगा। फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाई जाएगी। उद्देश्य यही है कि सरलता से सदस्य बन सकें।”
कांग्रेस को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि जिस तरह से कांग्रेस का जनाधार घटा है, उसके कारण पार्टी के अंदर जोश की कमी आ गई है। दूसरी ओर बीजेपी है, जिसके पास संगठनात्मक गथिविधियों पर काम करने और नई नीतियां बनाने के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे नेता हैं। ये लगातार पार्टी के कार्यकर्ताओं की सदस्यता में उछाल ला रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि के चलते ही बीजेपी अब दुनिया की सबसे ज्यादा सदस्यों वाली राजनीतिक पार्टी हो गई है।
बीजेपी की इन सारी नीतियों का साल 2014 से लेकर 2019 तक Congress ने खूब मजाक बनाया था, और कई हवाई दावे भी किए थे। वहीं अपनी पार्टी के जहाज को डूबता देख अब कांग्रेस की अक्ल ठिकाने आ गई है, अब वो जब नहीं जीत पा रही है तो बीजेपी के ही पुराने जीत के फॉर्मूलों को अपनाने का भर्सक प्रयास कर रही है। हालांकि पार्टी में ‘ढोल के अंदर पोल’ वाली स्थितियों में परिवर्तन आने की संभावनाएं बहुत कम हैं।