Market Capitalisation के मामले में भारत का स्टॉक मार्केट अब दुनिया का आंठवा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बन चुका है, जो दर्शाता है कि निवेशक इस नए साल में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को लेकर अति-उत्साहित हैं। 28 दिसंबर को पहली बार भारत का स्टॉक मार्केट 2.5 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को पार कर गया। लॉकडाउन के बाद मार्च महीने में भारतीय स्टॉक मार्केट crash होने के बाद 1.3 ट्रिलियन डॉलर के निचले स्तर तक गिर चुकी थी।
हालांकि, पिछले सात महीनों में ही अब market cap लगभग दोगुनी हो चुकी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार की नीतियों, वैक्सीन, मार्केट में नए और युवा निवेशकों के आने और विदेशों से भरपूर निवेश आने के कारण स्टॉक मार्केट में ये बढ़ोतरी देखने को मिली है।
Times Now की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में Stock Market में 1 करोड़ से ज़्यादा नए निवेशकों ने प्रवेश किया, जबकि वर्ष 2019 में सिर्फ 48 लाख नए निवेशकों ने ही अपना Demat Account खोला था। दिसंबर 2020 में तो करीब हर दिन 70 हज़ार ऐसे युवाओं ने अपना Demat Account खोला, जिनकी उम्र 20 वर्ष से भी कम थी।
लॉकडाउन के कारण युवाओं के पास निवेश करने के लिए अधिक विकल्प ना होने और अब Apps के जरिये Secondary Market में निवेश की प्रक्रिया बेहद आसान होने के कारण देश के युवा स्टॉक मार्केट में निवेश के रास्ते को अपना रहे हैं। वर्ष 2020 में जिस प्रकार स्टॉक मार्केट में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी, उसने भी लोगों को अधिक से अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भविष्य में रिकवरी के समय अधिक से अधिक रिटर्स कमा सकें।
Motilal Oswal Financial Services के MD मोतीलाल ओस्वाल कहते हैं कि “तेजी से ऊंचाई छूटे स्टॉक मार्केट निवेश के लिए बढ़िया आकर्षण केंद्र का काम करते हैं। Millennial निवेशक रिस्क लेने में विश्वास रखते हैं। अगर उन्हें फायदा होता है, तो वे और ज़्यादा रिस्क लेते हैं। पहले नए निवेशक सिर्फ IPOs के समय ही आते थे, लेकिन अब आसान तकनीक होने के कारण निवेशक Secondary Market में आसानी से निवेश कर पा रहे हैं।”
देश में कम ब्याज दर होने के कारण भी स्टॉक में निवेश में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पहले सिर्फ देश के चुनिन्दा 10 से 15 शहरों के लोग ही stocks में निवेश किया करते थे। हालांकि, अब देश के पूर्वोतर राज्यों से भी लोग यहाँ निवेश कर रहे हैं, जिसके कारण stocks market boom कर रही हैं।
Experts के अनुसार वर्ष 2021 में भी हमें यही ट्रेंड देखने को मिल सकता है। लोगों के पास liquidity के विकल्प होने, विदेशी निवेश और कम ब्याज दर इस मोमेंटम को बरकरार रख सकते हैं।
ऐसे में भारत निकट भविष्य में कनाडा और फ्रांस के स्टॉक markets को भी पछाड़ सकता है। देश के युवाओं द्वारा स्टॉक मार्केट में रूचि दिखाना देश के वित्तीय बाज़ार के लिए सबसे बड़ा शुभ संकेत है। ऐसा इसलिए, क्योंकि देश की बड़ी आबादी का हिस्सा 35 साल से कम आयु का ही है और भविष्य में स्टॉक मार्केट को और बड़ा करना में यही वर्ग अपनी सबसे अहम भूमिका निभा सकता है।