जिन लोगों को लगता है कि बिग टेक कम्पनियों का भारत में कोई विकल्प नहीं है, उन्हें एक तरह से ‘कू‘ जैसे एप्स ने आईना दिखाने का काम किया है। अब सूत्रों की माने तो यह अभियान केवल ट्विटर को उसकी औकात बताने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बिग टेक कम्पनियों के असरदार विकल्प स्थापित करने की और ध्यान देगा, जिसमें ‘संदेस’ ने अब दस्तक दी है।
अब ये ‘संदेस’ एप क्या है? इसके सफल होने से बिग टेक कम्पनियों को कैसे बेचैनी हो सकती है? दरअसल भारत ‘संदेस’ एप को वॉट्स एप के भारतीय विकल्प के रूप में तैयार कर रहा है, ताकि भविष्य में वॉट्स एप पर अत्यधिक निर्भरता भारतवासियों के लिए हानिकारक ना सिद्ध हो।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के अनुसार, “भारत सरकार ने नया Sandes ऐप लॉन्च किया है, जो WhatsApp का एक इंस्टेंट मैसेजिंग विकल्प है। ऐप पूरी तरह से भारतीय है और फिलहाल ट्रायल बेसिस पर काम कर रहा है। रिपोर्ट आगे बताती है कि Sandes (संदेस) ऐप, जिसे GIMS कहा जा रहा है, फिलहाल चुनिंदा सरकारी कर्मचारियों को इस्तेमाल करने के लिए दिया गया है। इस ऐप को Government Instant Messaging System (GIMS) कहा जा रहा है। अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि ऐप को केवल सरकारी काम काज के लिए पेश किया गया है या इसे आम जनता भी इस्तेमाल कर सकेगी” –
लेकिन सरकार को इस दिशा में इतना सक्रिय क्यों होना पड़ा? दरअसल 2021 की शुरुआत में WhatsApp ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में कई बदलाव किए थे, जिसके बाद Facebook के स्वामित्व वाली कंपनी सवालों के घेरे में आ गई थी। नई नीतियों को निजता में बाधा मानते हुए करोड़ों यूज़र्स ने Telegram और Signal ऐप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। हालांकि ऐप डेवलपर ने अपनी सफाई में कहा था कि किसी भी यूजर के प्राइवेट मैसेज नहीं देख सकती है। साथ ही कॉल्स भी नहीं सुन सकती है। WhatsApp इस बात की जानकारी नहीं रखती है कि यूजर किसे मैसेज और कॉल कर रहा है। लेकिन वॉट्स एप के जवाब से असंतुष्ट सरकार ने कंपनी ने सवाल किए थे और यूज़र्स की निजी जानकारी को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
ऐसे ही जब ट्विटर अपनी औकात से अधिक तेवर दिखाने लगा, तो केंद्र सरकार ने कू जैसे एप्स को बढ़ावा देकर स्पष्ट कर दिया की उन्हें विदेशी बिग टेक कम्पनियों से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है और वे उनके सहयोग के बिना भी काम कर सकते हैं। भारत के सख्त रुख को देखते हुए ट्विटर को नरमी बरतनी पड़ी और केंद्र सरकार के कहे अनुसार कई अकाउंट सस्पेंड करने पड़े। ऐसे में अब वॉट्स एप के लिए यदि ‘संदेस’ को एक असरदार विकल्प के रूप में सरकार तैयार करती है, तो ये केंद्र सरकार के लिए किसी अभूतपूर्व उपलब्धि से कम नहीं होगी।