तथाकथित किसान आंदोलन को लेकर हमेशा से ये कहा गया था कि ये आंदोलन असल किसानों के मुद्दों से परे है और इसे अराजकतावादियों और खालिस्तानियों ने हाईजैक कर लिया है, पर उस वक्त किसी को भी इन सभी बातों पर विश्वास नहीं था। ऐसे में अब दिल्ली पुलिस ने ऐसे दो लोगों को पकड़ा है जिनमें से एक विदेशी हैं और वे दोनों ही केवल भारत में हिंसा फैलाने की फिराक में थे। इन दोनों ने 26 जनवरी की अराजकता में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों की ही गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि इस आंदोलन के पीछे पूर्ण रूप से विदेशियों का ही हाथ है और असल किसानों के हितों से इन लोगों का कोई सरोकार नहीं है
26 जनवरी को लाल किले पर किसान आंदोलन के नाम पर अराजकतावादियों ने खूब तांडव मचाया था। ये असामाजिक तत्व इतना आगे निकल गए थे कि इन्होंने लाल किले पर निशान साहब का एक धार्मिक झंडा फहरा दिया। इस घटना के बाद अब दिल्ली पुलिस हिंसा और अराजकता फैलाने वालों को सबक सिखाने के लिए लगातार गिरफ्तारियां कर रही है। ऐसे में अब दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से एक तो भारत का है ही नहीं। ये शख्स भारत छोड़कर भागने की तैयारी में था लेकिन उसे एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है।
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पुलिस ने इस मामले में बताया कि गिरफ्तार किए जाने वाले इस विदेशी शख्स का नाम मनिंदरजीत सिंह है जो कि लाल किले पर हुई हिंसा के दौरान भीड़ में शामिल था। इसी तरह पुलिस ने एक दूसरे शख्स को भी पकड़ा है जिसका नाम खेम प्रीत सिंह है। खबरों के मुताबिक ये शख्स दिल्ली पुलिस के जवानों पर फरसा चला रहा था और दिल्ली की उस घटना के बाद छिपा हुआ था। हालांकि, अब ये दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं और इनके पास से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने बताया कि मनिंदरजीत सिंह डेनमार्क का नागरिक है जो कि फिलहाल बर्मिंघम में रहता है और भारत में किसान आंदोलन के नाम पर चल रही आराजकता में शामिल होने के लिए ही आया था।
26 January Red Fort violence:
Khalistani Maninderjit Singh is arrested from Delhi airport when he was trying to flee on forged travel documents.
He's a Dutch national settled in Birmingham, UK.
Red Fort violence: He was wearing T-shirt of Terrorist Jarnail Singh Bhindranwale. pic.twitter.com/C3juvOY3g8
— Anshul Saxena (@AskAnshul) March 10, 2021
इस पूरे प्रकरण के बाद एक बार फिर ये पुष्टि होने लगी है कि देश में किसान आंदोलन के नाम पर जो भी अराजकता फैलाई जा रही है, वो काफी हद तक खालिस्तानियों और असामाजिक तत्वों का ही काम है। इस तथाकथित किसान आंदोलन को लेकर जब सवाल खड़े किए गए थे तब ही ये कहा गया था कि किसानों को जानबूझकर इस तरह की संज्ञाएं दी जा रही हैं जिससे उनकी छवि खराब हो।
TFI आपको पहले ही अपनी कई रिपोर्टस् में ये बताता रहा है कि कैसे किसान आंदोलन देश के बाहर बैठे खालिस्तानियों के हाथों की कठपुतली बन चुका है। दीप सिद्धू को तब तक किसान अपना मानते रहे जब तक वो गिरफ्तार नहीं हुआ और जब गिरफ्तार हो गया, तो उसे बीजेपी का एजेंट बताने लगे, लेकिन अब पुलिस की ताबड़तोड़ जांच और गिरफ्तारी में सारे कड़िया जुड़ने लगी हैं और ये भारत में किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानियों की अराजकता फैलाने की कोशिशों का संकेत दे रही है।
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ऐसा संभव नहीं है कि कोई कानून केवल एक ही राज्य के लिए नुकसानदायक हो और अन्य पूरे देश के लिए लाभदायक। इस पूरे खेल में खालिस्तानी संगठनों द्वारा देश की सरकार के खिलाफ मासूम किसानों को भड़काया गया है। इसीलिए ये लोग अराजकता को अंजाम दे रहे हैं और इस तरह की हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने में बड़ी भूमिका मनिंदरजीत सिंह जैसे लोगों की ही हैं क्योंकि यही विदेशी लोग किसान बनकर लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन जब इन्हें अपने गिरफ्तार होने का डर सताने लगा तो अब लोग देश छोड़ कर भागने लगे हैं लेकिन फिर ये शख्स बच नहीं सका
मनिंदरजीत सिंह जैसे लोगों की एक बड़ी सूची है जो दिल्ली पुलिस के रडार पर है और इन लोगों की लगातार होती गिरफ्तारियों में सामने आ रही है कि इनमें से कोई भी किसान नहीं है। सभी का अपना एक एजेंडा है जो कि भारत में हिंसा फैलाने की नीयत रखता है।