एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की की अर्थव्यवस्था पिछले कई महीनों से गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है। तुर्की में अभी महंगाई दर 15 प्रतिशत के करीब है, जो कि केंद्रीय बैंक के टार्गेट से तीन गुना ज़्यादा है। वर्ष 2020 की शुरुआत में तुर्की का विदेशी मुद्रा भंडार जहां करीब 80 बिलियन डॉलर के आसपास था, वो अब गिरकर 54 बिलियन डॉलर रह गया है।
इस बीच पिछले दिनों तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने दोबारा केंद्रीय बैंक के गवर्नर को निलंबित करने का फैसला लिया। पिछले 20 महीनों के दौरान एर्दोगन ने चौथी बार केंद्रीय बैंक के गवर्नर को निलंबित किया है। हालांकि, अब उनके इस फैसले के बाद तुर्की की अर्थव्यवस्था को दोबारा करारा झटका लगा है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के निलंबित होते ही बीते सोमवार को टर्किश करेंसी लीरा की कीमत में 15 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली!
यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर एर्दोगन ने अचानक से बिना कोई कारण बताए रातों-रात अपने गवर्नर को बदलने का फैसला क्यों लिया? दरअसल, केवल चार महीनों पहले ही एर्दोगन ने अपने एक वफ़ादार और पूर्व वित्त मंत्री Naci Agbal को बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था। लीरा की गिरती कीमत को रोकना उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी।
वे इस चुनौती से बखूबी निपट भी रहे थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज़ दर को 10.25 से बढ़ाकर कई चरणों में 19 प्रतिशत तक कर दिया। उनके इस कदम का व्यापारिक समुदाय ने स्वागत भी किया था और उनके कदमों के कारण वहाँ का आर्थिक वातावरण स्थिर होने की ओर आगे बढ़ रहा था। हालांकि, एर्दोगन द्वारा उन्हें निलंबित किए जाने के बाद दोबारा तुर्की में भूचाल सा आ गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एर्दोगन की पार्टी के नेता बढ़ी हुई ब्याज़ दर से खुश नहीं थे। आर्थिक समीकरणों को ठेंगा दिखाते हुए हाल ही में एर्दोगन ने दावा किया था कि ब्याज़ दर के बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ रही है। माना जा रहा है कि बढ़ी हुई ब्याज़ दरों के कारण ही उन्हें उनके पद से हटाया गया है। हालांकि, मामला सिर्फ इतना ही नहीं है।
एर्दोगन की पार्टी AKP के पूर्व दिग्गजों और मौजूदा विपक्षी नेताओं Ali Babacan और Ahmet Davutoglu ने यह भी आरोप लगाए हैं कि गवर्नर Naci Agbal असल में पूर्व वित्त मंत्री और एर्दोगन के दामाद Berat Albayrak के खिलाफ एक मामले की जांच कर रहे थे, जिसने एर्दोगन को असहज कर दिया था। बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर में ही Berat Albayrak ने अकारण ही अपने पद से इस्तीफा देना का ऐलान किया था।
Berat Albayrak पर आरोप हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान Hard Currency Transactions के दौरान 128 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को अपारदर्शिता के साथ बेच दिया गया था। मार्केट को स्थिर रखने के लिए अक्सर केंद्रीय बैंक इस प्रकार के Hard Currency Transactions करते हैं, लेकिन जब यह काम अपारदर्शिता के साथ किया जाये तो विवाद बढ़ जाता है।
पिछले वर्ष ऐसा ही हुआ था जिसके बाद Berat Albayrak को अचानक से अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। एर्दोगन ने उनके खिलाफ जारी जांच को रोकने या बेपटरी करने के लिए ही Naci Agbal को उनके पद से हटाया होगा। हालांकि, इतना स्पष्ट है कि अपने दामाद को बचाने की इस कोशिश में उन्होंने अपने देश की इकॉनमी को बर्बाद करने का पूरा इंतजाम कर दिया है।