बीते 10 दिनों से ओडिशा के मयूरभंज जिले स्थित सिमिलीपाल नेशनल पार्क में भीषण आग फैल रही है। आग इतनी भीषण है कि पार्क की 21 रेंजों में से 8 को अपनी चपेट में ले चुकी है और हर दिन आगे बढ़ रही है। हैरानी की बात है कि देश का 7वां सबसे बड़ा जीवमंडल संरक्षित क्षेत्र (Biosphere reserve) इतने दिनों से धधक रहा है और इसकी कहीं कोई चर्चा भी नहीं है। न ही राष्ट्रीय समाचार में और न ही अन्तराष्ट्रीय न्यूज़ में. भारत की सबसे बड़ी जैव मंडल में से एक सिमिलिपल बायोस्फियर में और भारी आग लगने का खतरा पैदा हो गया।
चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मामलें पर एक रिपोर्ट मांगी है। सरकार का ध्यान इस भीषण आग के तरफ तब गया जब मंगलवार को मयूरभंज रॉयल फैमिली की राजकुमारी अक्षिता भंजदेव ने इसको लेकर ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने मांग की कि मयूरभंज में भी लगी आग पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की है कि वे आगे आएं और सरकार से अपील करें कि इसे कंट्रोल करने के प्रयास किए जाएं।
Mayurbhanj had devastating forest fires this past week, a week ago close to 50kg of ivory was found, a few months ago local youth reported on sand/timber mafias in Simlipal. Apart from a few state media, NO national media is covering Asia’s 2nd largest biosphere burning #simlipal
— Akshita M. Bhanj Deo (@TheGreatAshB) March 1, 2021
बता दें कि फरवरी के पहले सप्ताह में मयूरभंज जिले के सिमिलिपाल के अलग-अलग स्थानों में लगी आग आठ वन रेंजों में फैल गई है और भड़की हुई है। हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि जीवमंडल का मुख्य क्षेत्र आग से अछूता था, लेकिन कई पर्यावरणविदों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने वनस्पतियों और जीवों को हुए संभावित नुकसान के बारे में बताया।
यह जीवमंडल लगभग 4,374 वर्ग किमी में फैला है। 845 वर्ग किमी में मुख्य वन यानि बाघ अभयारण्य है, 2,129 वर्ग किमी बफर क्षेत्र और 1,400 वर्ग किमी का ट्रांजिशन एरिया है। इस नैशनल पार्क में बंगाल टाइगर, एशियन ऐलिफैंट, गौर और चौसिंघा की अच्छी-खासी तादाद है। नैशनल पार्क में जोरांडा और बड़ेहीपानी वॉटरफॉल्स भी हैं। यूनेस्को ने साल 2009 में सिमलीपाल को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फियर रिजर्व्स की लिस्ट में शामिल किया था।
यह ओडिशा में कुल संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का 38% योगदान देता है। यह देश के सबसे पुराने बाघ अभयारण्य में से एक है।
हालांकि अब जाकर ओडिशा सरकार ने आग बुझाने और प्रभाव को कम करने के लिए 1000 से अधिक लोगों की एक टीम को शामिल किया, जिसमें 750 वन रक्षकों सहित 40 वाहनों को तैनात किया गया है।
सिमिलिपाल बायोस्फियर रिजर्व में आग बुझाने वाले 240 ब्लोअर्स सहित 40 वाहनों को तैनात किया गया। इस आग के बजह से वहां के वन्यजीवों की प्रजातियों और औषधीय पौधों के नष्ट होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
बारीपदा के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक एम योगजयानंद ने कहा, ”1,200 से अधिक फील्ड स्टाफ, 240 फायर ब्लोअर के साथ 225 फायर वॉचर्स और स्क्वाड चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। श्री योगजयानंद ने कहा कि प्रमुख वन्यजीवों की मौत या घने जंगल प्रभावित होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।”
अधिकारियों कहना है कि गर्मी के शुरुआती आगमन के कारण अभूतपूर्व सूखापन आग का कारण बना। सिमिलिपाल का उप निदेशक जे डी पाती ने कहा, “स्थानीय लोग आम तौर पर महुआ और अन्य गैर-इमारती लकड़ी को इकट्ठा करने के लिए जमीन पर पड़ी पत्तियों को आग लगा देते हैं। मयूरभंज में बढे तापमान ने स्थिति को और बदतर कर दिया। सौभाग्य से, सिमिलिपाल नेशनल पार्क के मुख्य क्षेत्र में कोई बड़ी आग नहीं है।
सिमिलिपाल में आग, जो 9 फरवरी को मयूरभंज में बायोस्फियर रिजर्व के कप्तिपाड़ा रेंज में शुरू हुई थी, जल्द ही अपर बाराहाकुमुड़ा, जेनेबिल, नवाना साउथ, नवाना नॉर्थ, पीथाबता, भांजाबसा और ठाकुरमुंडा रेंज में फैल गई।
सिमिलिपाल में 1,076 फूलों की प्रजातियां और ऑर्किड की 96 प्रजातियां हैं। इसमें tropical semi-evergreen forests, tropical moist deciduous forests, dry deciduous hill forests, उच्च स्तर के वनों और बड़े घास के मैदान हैं।
सिमिलिपाल बाघों और हाथियों सहित जंगली जानवरों का घर है, इसके अलावा पक्षियों की 304 प्रजातियाँ, ऐफिबियंस की 20 प्रजातियाँ और रेप्टाइल्स की 62 प्रजातियाँ हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि पॉल को स्थिति पर नजर रखने और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि “सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में जंगलों की आग के बारे में पता लगने के बाद व्यथित हूँ। देश के सबसे महत्वपूर्ण बायोस्फियर भंडार में से एक पर इस खतरनाक स्थिति पर श्री प्रकाश जावड़ेकर और मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक से तत्काल ध्यान देने का अनुरोध करता हूँ।”
The fire at Similipal forests is now under control & no loss of life has been reported due to the incident.
The Similipal forests are invaluable,not just for India but for the entire world. I appreciate the efforts of forest officials to contain the fire.https://t.co/LWD2XxQjaM
— Prakash Javadekar (Modi Ka Parivar) (@PrakashJavdekar) March 5, 2021
केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “मैंने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने और मुझे इसकी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।” स्थिति की समीक्षा करने वाले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया और वन्यजीवों और बड़े पेड़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि, “सिमिलिपाल न केवल ओडिशा और भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी एक अमूल्य प्रकृति का खजाना है। श्री पटनायक ने कहा कि जंगल की सुरक्षा के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
हालांकि, आग 10 दिनों से अधिक समय से लगी हुई है, यहां सार्वजनिक सूचना तक नहीं आई थी, जब तक कि मयूरभंज के शाही परिवार की राजकुमारी अक्षिता एम भंजदेव ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में नहीं लिखा, जिसके बाद केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी चिंता व्यक्त की। ऐसे में यह सवाल उठता है कि किसी भी मीडिया या सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ने इस मामले को वो महत्व नहीं दिया जैसे कैलिफ़ोर्निया वाले मामले में महत्व दिया गया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तो बात ही नहीं, अपने देश की मीडिया भी इस खबर को महत्व देने में नाकाम रही।