कोरोनावायरस की दूसरी लहर का असर पूरे देश की तरह ही उत्तर प्रदेश में काफी बुरा हुआ है, इसमें कोई भी शक नहीं है कि यूपी में भी लोगों को अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन समेत दवाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या और संसाधनों के अभाव में भी यूपी सरकार सहज ढंग से काम कर रही है, जिसका एक बड़ा उदाहरण वैक्सिनेशन को लेकर सामने आया है। एक तरफ जहां अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा वैक्सीन के स्टॉक की कमी के कारण वैक्सिनेशन का काम 1 मई से न शुरू हो पाने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ फिर से सभी के लिए एक शानदार उदाहरण बनकर उभरे हैं।
उत्तर प्रदेश जैसे विशाल सूबे में वैक्सिनेशन का काम जटिल है, लेकिन इस विस्तृत काम की जिम्मेदारी और मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर योगी सरकार एक बार फिर अन्य सभी विपक्षी और बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों से भी आगे निकल गई है। यूपी सरकार राज्य में वैक्सिनेशन के लिए कुल 9 करोड़ वैक्सीन खरीदेगी, जिसके पहले चरण में चार करोड़ वैक्सीन आएंगी। यहां तक की सीएम योगी के आदेश के मुताबिक वैक्सीन की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किए जाएंगे।
वैक्सीन के स्टॉक को लेकर तो उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है। खबरों के मुताबिक, तीन दिन पहले ही योगी सरकार ने 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सिनेशन के लिए एक करोड़ वैक्सीन का सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को ऑर्डर दे दिया था और अब हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 अप्रैल शुक्रवार तक उत्तर प्रदेश को वैक्सीन की डिलीवरी भी मिल जाएगी। इन एक करोड़ में 50 लाख कोविशील्ड और 50 लाख को-वैक्सीन होंगी।
वहीं योगी सरकार अपने वादे के मुताबिक, प्रत्येक नागरिक को मुफ्त कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए कटिबद्ध है। सरकार का कहना है कि एक मई से वृहद तौर पर वैक्सिनेशन का काम शुरू हो जाएगा। वहीं योगी सरकार अगले चार करोड़ वैक्सीन के डोज के लिए ग्लोबल टेंडर की तैयारी कर रही है। सरकार का कहना है कि वैक्सिनेशन के क्रम में सरकार ने चार करोड़ वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर करने की योजना बनाई है। इसके लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। वहीं टेंडर को लेकर सीएम योगी ने सख्त निर्देश जारी किए है कि दस दिन के अंदर इस प्रक्रिया का समापन होना आवश्यक है।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच ये कतई नहीं कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में स्थितियां पूर्णतः कंट्रोल में हैं। यहां भी जनता को ऑक्सीजन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के साथ ही दवाओं के लिए तड़पना पड़ रहा है। यहां के भी श्मशान घाटों में मृतकों के शवों का रेला आ रहा है, लेकिन ये महामारी है, यानी विराट मौत की वजह। ऐसे में सरकारें अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर रही है कि जनता की जितनी सुरक्षा हो सके वो की जाए और योगी सरकार इस कोशिशें को सफल बनाने में बिल्कुल भी गुरेज नहीं कर रही है। इसी कड़ी में देश के अन्य राज्यों की सरकारें वैक्सीन के स्टॉक को लेकर छाती पीट रही है और इनमें बीजेपी शासित मुख्यमंत्री भी शामिल हैंं, और इनका कहना है कि उनके राज्यों में स्टॉक की कमी के चलते वैक्सिनेशन एक मई से शुरू नहीं हो पाएगा।
वैक्सीन को लेकर चल रही इस पशोपेश की स्थिति से इतर योगी सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए समय से पहले ही वैक्सीन का तगड़ा स्टॉक लगा लिया है, जो योगी सरकार की जनता के प्रति सकारात्मक नीयत को दर्शाता है। कुछ इसी तरह जब ऑक्सीजन को लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे समृद्ध राज्य केन्द्र पर निर्भर थे, उस वक्त भी योगी सरकार ने यूपी में दस ऑक्सीजन प्लांट लगाने का ऐलान कर अपनी नीयत दर्शा दी थी, जो की प्रदेश के लिए सहज है। इसलिए ये कहा जा रहा है कि अब अन्य राज्यों की सरकारों और मुख्यमंत्रियों को सीएम योगी आदित्यनाथ से सीख लेने की आवश्यकता है।
योगी सरकार की इसी कर्मठ नीयत के चलते उत्तर प्रदेश वैक्सिनेशन के लिए तैयार है और यूपी में एक मई से बिना किसी रुकावट वैक्सिनेशन का काम शुरू होगा जो जनहित की इस समय सबसे बड़ी आवशयकता है।