देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मोदी सरकार ने इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में दो बेहद अहम फैसला लिया है। पहला तो 1 मई से सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया शुरू करना और दूसरा वैक्सीन उत्पादन के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक को “अग्रिम भुगतान” में 4,500 करोड़ रुपये देने का फैसला। इसके लिए सरकार को नियमों में भी छुट देनी पड़ी यानी अब केंद्र सरकार SII और भारत बायोटेक को हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रही है जिससे कोरोना के बढ़ते प्रभाव को कम किया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने covid-19 की वैक्सीन की सप्लाई को बढ़ाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक को “advance payments” के तहत 4,500 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। इन वैक्सीन निर्माताओं ने टीके के उत्पादन को बढ़ाने में मदद के लिए सरकार से वित्तीय मदद के लिए आग्रह किया था। खास बात यह है कि वित्त मंत्रालय ने बिना किसी बैंक गारंटी के अग्रिम भुगतान की अनुमति देने के लिए सामान्य वित्तीय नियमों में ढील दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि covid-19 के लिए नोडल मंत्रियों के प्रभारी को क्रेडिट मंजूर किया जाएगा, जो इसके बाद दोनों कंपनियों को दिया जायेगा जिससे वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाया जा सके। नियम यह कहता है कि सरकार सप्लाई के लिए अग्रिम भुगतान नहीं करती है, लेकिन अगर कुछ मामलों में भी करता है, तो यह सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार बैंक गारंटी पर जोर देता है। परन्तु इस बार कोरोना के बढ़ते मामलों की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने पूरी ढील दे दी है। एक अधिकारी के अनुसार, “यह एक ढील है जो स्वास्थ्य मंत्रालय को दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय भुगतान करेगा, न कि वित्त मंत्रालय।“
मंत्रालय ने SII के लिए 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक के लिए 1,500 करोड़ रुपये का क्रेडिट दिया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि भुगतान जल्द से जल्द जारी किया जाएगा। देखा जाये तो टैक्स को छोड़कर, प्रति खुराक 150 रुपये, यह लगभग 300 मिलियन वैक्सीन डोज है।
मंत्रालय का यह फैसला SII के सीईओ अदार पूनावाला द्वारा सरकार द्वारा कोविड -19 वैक्सीन की क्षमता बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये के अनुदान का अनुरोध करने के कुछ दिनों बाद आया है।
अनुदान के अभाव में, SII कोविशिल्ड के उत्पादन को प्रतिमाह 70 मिलियन ही रखता लेकिन लेकिन अब यह जुलाई तक एक महीने में 100 मिलियन खुराक तक बढ़ाया जाएगा। वहीं भारत बायोटेक भी Covaxin की उत्पादन क्षमता को दोगुना कर सकेगा। इससे वैक्सीन लगाने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और कोरोना से लड़ाई में कारगर साबित होगा।