लक्षद्वीप में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा भेजे गए नए प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने जो फैसले लिए हैं, वो लक्षद्वीप के हक में हैं लेकिन इससे कुछ खास कट्टरपंथियों और विपक्षी नेताओं को ज्यादा दिक्कत हो रही हैं, क्योंकि इन विपक्षियों ने इसके जरिए तुष्टिकरण की ठान ली है। राहुल गांधी मुस्लिम समाज की बहुसंख्यक आबादी होने के कारण लक्षद्वीप के विवाद को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल समेत विपक्षी नेताओं ने लक्षद्वीप को अब एक बड़ा मुद्दा बनाने की ठान ली है, क्योंकि वहां की आबादी मुस्लिम है, और इसी के चलते अब कांग्रेस पूरे देश में इसे मुस्लिम समाज के बीच भुनाने की प्लानिंग कर रही है।
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए अगर कोई सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना गया है तो वो कांग्रेस पार्टी ही है। कांग्रेस पार्टी को लेकर एंटनी कमेटी ने ही कहा है कि पार्टी के मुस्लिम हितेषी होने का नुकसान हुआ है। वहीं अब कांग्रेस ने लक्षद्वीप में विपक्ष द्वारा फैलाए गए एजेंडे पर ही तुष्टिकरण करने की तैयारी कर ली है। इस मुद्दे पर राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता केन्द्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने लक्षद्वीप के मुस्लिमों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी को पत्र लिखा है और प्रफुल्ल पटेल को हटाने की मांग की है।
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लक्षद्वीप को लेकर मुस्लिम आबादी वाले लक्षद्वीप का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं। कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं तथा प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित करते हैं।”
पंचायत के नियमन मसौदे का विरोध करते हुए राहुल ने लिखा, “इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं। कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं तथा प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित करते हैं।” राहुल लंबे वक्त बाद किसी मुद्दे पर इतना ज्यादा आक्रामक हुए हैं जो दिखाता हे कि कांग्रेस लक्षद्वीप के मुस्लिम समाज का सहारा लेकर पूरे देश में अल्पसंख्यकों का समर्थन प्राप्त करना चाहती हैं, क्योंकि उसके तुष्टीकरण की मुख्य नीति ही यही है। राहुल ने मांग की है कि प्रफुल्ल पटेल को लक्षद्वीप के प्रशासक के पद से हटाया जाए।
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TFI आपक़ो पहले ही बता चुका है कि लक्षद्वीप में बीफ बैन और शराब बिक्री को मंजूरी देने पर कट्टरपंथी दोगलापन दिखा रहे हैं और इसी दोगलेपन का साथ देकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने साबित कर दिया है कि कट्टरपंथियों का समर्थन कर वो सामाजिक खाई पैदा करने में एक्सपर्ट है, क्योंकि उसका मुख्य वोट बैंक उसी से निकलता है।