चीन ने रॉकेट प्रक्षेपण कर भारत में कोविड संकट का मजाक उड़ाया था, अब वही रॉकेट बेकाबू होकर धरती पर गिर रहा है

भारत का मज़ाक उड़ाने चला था चीन, खुद मजाक बन गया

भारत और चीन की तुलना आम बात है। लेकिन यह तुलना अक्सर विवादास्पद हो जाती है। खासतौर पर अगर आपने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सोशल मीडिया पोस्ट को देखा हो तो। जिसमें चीन ने Long March 5B रॉकेट लॉन्च के चित्र की भारत में हो रहे अंतिम संस्कार से तुलना की थी।

चीन के ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म, सिना वीबो पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा था: “यह देखिए चीन में कहां प्रकाश दिखता है, और भारत में कहां प्रकाश दिखता है।” आपको बता दें कि, चीन का यह रॉकेट स्पेस में अनियंत्रित है, और इसका मलबा आज पृथ्वी पर गिरने वाला है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस रवैये की सबसे बड़ी आलोचक चीन की अपनी जनता ही थी। चीनी जनता ने CCP के केंद्रीय राजनीतिक और कानूनी मामलों के आयोग या Zhongyang Zhengfawei द्वारा किए गए पोस्ट को “अनुचित” करार दिया था। जब यह मामला तूल पकड़ा तो चीन ने इस पोस्ट को हटा दिया था।

लेकिन कहते है ना, इंसान को अपने कर्मो का फल इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। इसलिए यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। क्योंकि अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान Zhongyang Zhengfawei के सोशल मीडिया पोस्ट से हटकर अब Long March 5B रॉकेट पर केंद्रित है।

बता दें कि, चीन का यह रॉकेट अपना प्राथमिक काम कर चुका है और अब वो अनियंत्रित होकर धरती की ओर गिर रहा है। जानकारी के लिए बता दे कि, यह रॉकेट का कद 100 फीट से ज्यादा है और यह शायद अभी तक सबसे बड़ा मलबा हो सकता है जो स्पेस से पृथ्वी की और गिर रहा है। उम्मीद लगाई जा रही यह मलबा धरती पर आज यानी 8 मई को गिरेगा।

यह रॉकेट 28 अप्रैल 2021 को लॉन्च किया गया था। चीन के Long March 5 बी रॉकेट को देश के नए Tianhe स्पेस स्टेशन के मुख्य मॉड्यूल की में स्थापित करने के इरादे से लॉन्च किया था। हालांकि, इसका प्राथमिक मिशन पूरा हो गया है। परंतु इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करा जाना था कि जब रॉकेट का मलबा वापस धरती पर गिरे तो बिना आबादी वाले क्षेत्र में गिरे। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन का अब अपनी रॉकेट पर कोई नियंत्रण नहीं है, और रॉकेट पृथ्वी पर कहीं भी गिर सकता है।

बता दें कि, चीन के इस रॉकेट पर अब दुनिया नजरे टिकाकर बैठी है। ऐसा माना जा रहा है कि, यह मलबा न्यूजीलैंड से न्यूफाउंडलैंड के आसपास गिरेगा। हालांकि, चीन ने अभी तक इस पर मसले पर ज्यादा कुछ नहीं बोला है। लेकिन, ग्लोबल टाइम्स ने कुछ दिनों पहले उल्लेख किया था कि, रॉकेट “पतली चमड़ी” एल्यूमीनियम-मिश्र धातु से बना हुआ है, जो बाहरी वातावरण में आसानी से जल जाएगी। यह अगर आबादी वाले क्षेत्र में गिरता है तो लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है।

जब यह मामला दुनिया के सामने आ गया तो चीन ने कवर अप करने के ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से,चीनी एक्सपर्ट को संबोधित करते हुए लेख लिखा कि, “रॉकेट का मलबा धरती पर गिरना, यह बिल्कुल आम बात है।”

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इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए हम यह कह सकते है कि, चीन को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके मलबे का क्या होता है। लेकिन, चीन जिस रॉकेट लांच के सहारे अपनी नीच हरकत का प्रदर्शन कर रह था, वह रॉकेट लांच से अब उसकी किरकिरी झेलनी पड़ रही है। यह चीन के मुंह पर जोरदार तमाचा से कम नहीं है।

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