महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का कोहराम मचाया हुआ है। महाविकास आघाडी सरकार इस त्रासदी पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अनिल देशमुख पर चल रही CBI जांच को सेटल करने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। दरअसल, बात यह है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक बार फिर से पत्र लिख कर उद्धव सरकार पर हमला किया है। इस बार परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस संजय पांडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हाल ही में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के डीजीपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि डीजीपी संजय पांडे चाहते है कि अगर वो प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले लेते हैं तो उनके खिलाफ चल रही जांच को ‘रोका’ जा सकता है। इसके साथ ही परमबीर सिंह ने गवाहों के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया है।
परमबीर सिंह ने सीबीआई को पत्र लिखकर अपनी चिंताएं व्यक्त की। सिंह ने लिखा कि, “उन्होंने (डीजीपी पांडे) ने मुझे सलाह दी कि उन्होंने कई सालों तक इस सिस्टम से लड़ाई लड़ी है, लेकिन लड़ाई कभी भी विजयी नहीं होती है। उन्होंने अपना अनुभव बताया कि कोई भी इस सिस्टम से लड़ नहीं सकता है। आगे पांडे ने कहा कि, “मेरे (परमबीर) खिलाफ शुरू की गई 1 अप्रैल 2021 की विभागीय जांच राज्य सरकार द्वारा चलाई गई कुछ कार्रवाइयों में से एक थी।” राज्य सरकार ने कहा, “वह मेरे खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने पर भी विचार कर रही थी।”
पत्र में परमबीर सिंह ने आगे डीजीपी पांडे द्वारा दिए गए सलाह के बारे में बात कर रहे हैं कि सिस्टम से लड़ने का कोई फायदा नहीं है। पत्र में लिखा है कि, “मुझे सरकार से नहीं लड़ना चाहिए, भले ही मैं सही कर रहा हूं, क्योंकि यह मुझे और परेशान करेगा।”
पत्र में आरोप लगाया गया है कि डीजीपी पांडे ने परमबीर सिंह को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र को “वापस” लेने की सलाह दी थी। पत्र सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष रिट का विषय था, जिसके परिणाम स्वरूप कोर्ट ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई की इनिशियल जांच की इजाजत दी थी”
आपको बता दें कि, पूर्व कमिश्नर द्वारा लिखी गई सीबीआई को पत्र ने एक बार फिर से महाराष्ट्र सरकार की पोल खोल दी है। गौरतलब है कि, राज्य का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी, बिना मुख्य्मंत्री के निर्देश के इतना बड़ा करनामा नहीं कर सकता है। इससे पहले भी उद्धव सरकार ने अनिल देशमुख पर चल रहे सीबीआई जांच में बाधा डालने की कोशिश कर चुके है। यह अनुमान गलत नहीं होगा कि, जांच का रिपोर्ट सामने आते ही, उद्धव सरकार की धज्जियां उड़ सकती है।