कुछ एक्सिडेंटल राजनेता ऐसे होते हैं जो हमेशा अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण एक से दूसरी पार्टी में भटकते रहते हैं, नवजोत सिंह सिद्धू की स्थिति भी ऐसी ही है। बीजेपी में स्थापित और मजबूत पकड़ होने के बावजूद कांग्रेस में गए नवजोत सिंह सिद्धू को कैबिनेट का पद तो मिला, लेकिन संगठन या सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब संभावनाएं जताई जाने लगी हैं कि सिद्धू आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं। आप पार्टी उन्हें पंजाब में अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी बना सकती है। खास बात ये भी है कि आप पार्टी की राजनीति नवजोत सिद्धू के तरीके की ही है, क्योंकि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और सिद्धू काफी हद तक एक जैसे ही है।
पंजाब की राजनीति की बात करें तो कांग्रेस आलाकमान ने जिस उद्देश्य से नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी पार्टी में शामिल किया था, वो उसे पूरा नहीं कर पाए है। सिद्धू का काम था कि वो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की छवि पर डेंट मारें, लेकिन सिद्धू कैप्टन को ही चुनौती देकर एक अलग स्तर के नेता बन गए हैं। ऐसे में सिद्धू के पास पंजाब की कांग्रेस की राजनीति में कुछ खास नहीं बचा है। इसकी एक वजह यह भी है कि कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोकप्रियता के आगे सिद्धू को कभी भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाएगी।
और पढ़ें- राहुल और सिद्धू बनाम अमरिंदर: 2022 में होने वाले पंजाब चुनाव के लिए आपस में लड़ रही है कांग्रेस
ऐसे में अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं पूरी ना होती देख बीजेपी से कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति में एक बार फिर से अपना पाला बदल सकते हैं। उनके हालिया बयान और कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत इस बात का प्रमाण हैं कि वो अब कांग्रेस में ज्यादा दिन के मेहमान नहीं है। दूसरी ओर पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी अपने हाथ पैर एक बार फिर मारने लगी है। आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं की मुलाकात भी नवजोत सिंह सिद्धू से हुई थी जिसको लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर तीखे प्रहार करते हुए कहा था कि वह जल्द से जल्द पार्टी छोड़ दें।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने भाषण में दावा किया था कि नवजोत सिंह सिद्धू अपना अगला विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी की तरफ से ही लड़ते नजर आएंगे। आज की स्थिति में यदि देखा जाए तो पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी के पास भगवंत मान के अलावा कोई बड़ा पंजाबी चेहरा नहीं है जिसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सके। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए वह मैदान खुला हुआ है। आम आदमी पार्टी के बैनर तले सिद्धू अपनी मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनने तक की महत्वाकांक्षाओं को तो पूरा कर ही सकते हैं। आम आदमी पार्टी को भी उन्हें सीएम उम्मीदवार बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
बात अगर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की करें, तो उनकी और नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीति शैली में कुछ खास अंतर नहीं है। ये दोनों ही भारतीय राजनीति में अपने बयान, बेतुके कार्यों के लिए मशहूर हैं, इसलिए यह लोग आए दिन चर्चा का विषय बने रहते हैं। केजरीवाल अपनी बात से कब मुकर जाएं यह कोई नहीं जान सकता और यही स्थिति नवजोत सिंह सिद्धू की भी है।
ऐसे में पंजाब की राजनीति में सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने पर केजरीवाल और सिद्धू के बीच जुगलबंदी देखने को मिल सकती है, क्योंकि एक ही शैली के राजनेता होने के चलते इन दोनों के बीच पंजाब की राजनीति में खूब जमेगी, इससे पंजाब में आप को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मिल जाएगा और सिद्धू को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी, भले ही पार्टी ज़ीते या हारे।