दिनेश मनसेरा बने सीएम तीरथ सिंह रावत के मीडिया सलाहकार
उत्तराखंड के सीएम और राज्य की बीजेपी ईकाई लंबें समय से विवादों में रही है। वहीं एक विवादित फैसले के बाद अब ये मामला अलग ही स्तर पर चला गया है, क्योंकि उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत के मीडिया सलाहकार का पद एक ऐसे शख्स को दिया गया है, जिसकी पत्रकारिता हमेशा ही बीजेपी समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध की रही है। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि एनडीवी के पत्रकार दिनेश मनसेरा हैं। अब बीजेपी के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। लोगों ने ये तक सवाल उठा दिए हैं, कि बीजेपी किसी व्यक्ति की नियुक्ति से पहले उसका पूरा बैकग्राउंड क्यों चेक नहीं करती है? इस विरोध की वजह है कि ये शख्स हमेशा ही बीजेपी समेत पीएम मोदी और बहुसंख्यक समाज के धर्म के प्रति अपनी नफरत का प्रदर्शन करता रहता है।
उत्तराखंड में पिछले काफी वक्त से उथल-पुथल की स्थिति है। पहले यहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाया और अब विवाद नए सीएम के मीडिया सलाहकार को लेकर हुआ है। दरअसल, हाल की खबरों के मुताबिक एनडीटीवी के पत्रकार दिनेश मनसेरा को नए सीएम ने अपना मीडिया सलाहकार चुना है। दिनेश मनसेरा के बैकग्राउंड की जानकारी शायद बीजेपी नेताओं और खुद सीएम को भी नहीं थी, क्योंकि इनका पूरा करियर ही वामपंथी सोच के साथ हिन्दू और बीजेपी विरोध की धुरी के बीच घूमता रहा है।
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दिनेश मनसेरा की विचारधारा की बात करें तो वो एनडीटीवी के कुमाऊं मंडल के प्रभारी हैं। एनडीटीवी में कार्यरत होने के बावजूद किसी मंडल का प्रभारी होना ही साफ करता है कि उनकी सोच बीजेपी और मोदी विरोध की ही है। इतना ही नहीं, अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए वो प्रधानमंत्री मोदी को फेकू और जुमलेबाज जैसी संज्ञाएं अपने हर दूसरे ट्वीट में देते रहे हैं। इत्तेफाक ये है कि जिन तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में आयोजित कुंभ की आलोचना करने वालों को लताड़ा था, उन्होंने ही कुंभ आयोजन के विरोधी शख्स को अपना मीडिया सलाहकार नियुक्त कर लिया है।
Uttrakhand BJP govt hires ndtv journo @dineshmansera as it's media advisor
Here are some gems from him..
My question is who lobbied for him? & How did his name get clearance?
Why does BJP hire ones who thrash them? pic.twitter.com/nIrUPdeHZk— Ritu #जिष्णु (@RituRathaur) May 18, 2021
Uttrakhand BJP govt hires ndtv journo @dineshmansera as it's media advisor
Here are some gems from him..
My question is who lobbied for him? & How did his name get clearance?
Why does BJP hire ones who thrash them? pic.twitter.com/nIrUPdeHZk— Ritu #जिष्णु (@RituRathaur) May 18, 2021
NDTV Journalist Dinesh Mansera has been appointed, Media Advisor for Uttrakhand CM Tirath Singh Rawat.
MASTERSTROKE !!! pic.twitter.com/ZuhFWXizLO
— INDIA WAKES UP 🇮🇳 (@IndiaWakesUp_) May 17, 2021
इस मामले में दूरदर्शन हिंदी न्यूज के अशोक श्रीवास्तव ने एक तंज भरा ट्वीट किया और उन्हें बधाई दी। इतना ही नहीं उन्होंने तंज भरे अंदाज में ये भी बताया कि दिनेश मनसेरा का करियर कुछ खास नहीं रहा है बल्कि इस पद के लिए उनसे कहीं ज्यादा प्रतिभाशाली लोग लिए जा सकते थे। अशोक ने लिखा, “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मीडिया सलाहकार बनने पर दिनेश मनसेरा को बधाई। पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने पाञ्चजन्य से की और टीवी पत्रकारिता में उन्हें मैं लाया जब मैं “आंखों देखी” का ब्यूरो चीफ था और उन्हें उत्तराखंड का ब्यूरो प्रमुख बनाया।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री @TIRATHSRAWAT का मीडिया सलाहकार बनने पर दिनेश मनसेरा को बधाई। पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने पाञ्चजन्य से की और टीवी पत्रकारिता में उन्हें मैं लाया जब मैं "आंखों देखी" का ब्यूरो चीफ था और उन्हें उत्तराखंड का ब्यूरो प्रमुख बनाया।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 17, 2021
इतना ही नहीं अशोक ने इस दौरान एक ऐसे टृवीट को री-ट्वीट किया जिसमें दिनेश के मोदी विरोध ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट संलग्न थे। इस पर उन्होंने लिखा,“दिनेश मनसेरा NDTV के स्टिंगर बाद में हुए पर उन्होंने पहले पाञ्चजन्य में कई साल काम किया था, और जहां तक मुझे याद है उनकी पत्रकारिता की शुरुआत पाञ्चजन्य से ही हुई थी।” साफ है कि अशोक भी उनकी नाकाबिलियत के बावजूद उन्हें मिले इस पद से खुश नहीं हैं।
दिनेश मनसेरा NDTV के स्टिंगर बाद में हुए पर उन्होंने पहले पाञ्चजन्य में कई साल काम किया था। और जहां तक मुझे याद है उनकी पत्रकारिता की शुरुआत पाञ्चजन्य से ही हुई थी। https://t.co/VRbiKqMnor
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 17, 2021
मनसेरा कट्टर वामपंथी, हिंदू और भाजपा विरोधी है
वहीं सटीक शब्दों में कहा जाए तो दिनेश मनसेरा की इस नियुक्ति से कोई भी बीजेपी समर्थक खुश नहीं है। ट्विटर पर लगातार उनकी इस नियुक्ति का विरोध करने के साथ ही ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि बीजेपी किसी भी व्यक्ति को नियुक्ति करने से पहले उसका बैक ग्राउंड क्यों नहीं चेक करती? उनके पुराने ट्वीट्स में ये साफ देखा जा सकता है कि उनकी नीति मोदी विरोध के साथ ही उत्तराखंड के सीएम के भी खिलाफ रही है।
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ये कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी ने कुछ बिना सोचे-समझे किसी को भी नियुक्त किया हो। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुईं, जिसे ठीक करने में बीजेपी ने अपनी अधिक भद्द पिटवाई है। यही कारण है कि दिनेश मनसेरा की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों के मन में ये ही सवाल कौंध रहा है कि आखिर हमेशा ऐसे फैसले आनन-फानन में ही क्यों लिए जाते हैं? इस परिस्थिति के बीच अब आवश्यक है कि केंद्रीय आलाकमान इस मुद्दे पर राज्य इकाई को तलब करे, वरना अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।