कोरोनावायरस जैसी महामारी की दूसरी लहर के कारण देश में लोगों की जान संसाधनों की कमी के करण भी जा रही है और इस बात से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद निजी अस्पतालों द्वारा अमानवीय रवैया अपनाने के साथ ही ऑक्सीजन की कालाबाजारी जैसी खबरें सामने आ रही है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की मुहिम के बावजूद वहां इस तरह की खबरें सुनने को मिली है, जिसके चलते अब निजी अस्पतालों और मेडिकल सुविधाएं देने वाले संस्थानों के अमानवीय रवैया अपनाने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भड़क गए हैं और उन्होंने ऐसे संस्थानों का लाइसेंस रद्द करने तक का आदेश जारी कर दिया है।
प्रदेश में मरीजों की तादाद अधिक होने के कारण अब यहां भी संसाधनों की कमी देखने को मिली है। इसके बावजूद केंद्र सरकार की मदद से ऑक्सीजन लेकर यूपी सरकार सभी को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही यूपी सरकार अपने जहाज को भेजकर रेमेडेसिवीर के इंजेक्शन मंगा रही है। वहीं मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने को लेकर निजी अस्पतालों में भी सरकारी कोटे के बेड निर्धारित किए गए हैं और निजी अस्पतालों को इनको बेड के आधार पर ऑक्सीजन भी दी जाती है, लेकिन ये निजी अस्पताल इस मुश्किल वक्त में भी कमाई और कालाबाजारी करने में जुटे हैं।
प्रदेश सरकार का आदेश है कि नॉन कोविड पेशेंट को भी गंभीर स्थिति होने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाए, लेकिन निजी अस्पताल अपनी मनमानियों से बाज नहीं आ रहे हैं और नॉन कोविड पेशेंट को इलाज नहीं दे रहे हैं जिससे कई लोगों की जान जाने की खबरे सामने आ रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पारा इन सभी पर चढ़ गया है। उन्होंने आदेश दिया है कि मनमानी करने वाले सभी निजी अस्पतालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा, क्योंकि इनका रवैया अमानवीय और भ्रष्टाचार का है। निजी अस्पतालों का प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सरकारी कोटे की ऑक्सीजन को खत्म बताकर उस ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग तक कर रहा है।
इस मामले को लेकर सरकार के कई मंत्रियों ने अस्पतालों का दौरा किया और कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया, “कुछ निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन रहते हुए भी खाली बेड को खाली ही रखा है ताकि वह लोग यहां पर मनमानी कर पैसा लें। इसी तरह के मामले सन हॉस्पिटल समेत कई के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। इससे अस्पतालों को संदेश जाएगा कि अगर गलत तरीके से पैसे लेते हैं तो कार्रवाई होगी।” सरकार के इस रवैया के बाद अस्पतालों को नोटिस मिला तो अचानक ही सारी सुविधाएं बहाल हो गईं जो दिखाता है योगी सरकार की सख्ती रंग लाई है।
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प्रदेश के बुलंदशहर से लेकर कानपुर तक में इस मामले से संबंधित कई लोगों की गिरफ्तारियों के साथ ही उन पर कार्रवाई हुई है, जिससे व्यवस्थाएं अचानक सुधर गईं हैं। निजी अस्पतालों को लोगों की जान से ज्यादा अपने माल (धन) की चिन्ता सता रही हैष ऐसे में ये लोग आपराधिक श्रेणी तक के रवैए को अपना रहे हैं जिसके चलते इनके खिलाफ कार्रवाई आवश्यक थी और योगी सरकार की इस कार्रवाई ने साबित किया है कि व्यवस्था ठीक हो सकती है, बशर्तें सभी लोग अपना काम ईमानदारी से करें।