“नाम B.1.617 है, भारतीय variant नहीं” : बॉरिस जॉनसन
बंदर चाहे कितना भी सुधर क्यों न जाए, लेकिन वो गुलाटी मारना नहीं छोड़ता, कुछ ऐसे ही बंदर भारत विरोधी विदेशी और वामपंथी मीडिया संस्थान भी हैं, जो हजारों लताड़ खाने के बावजूद भारत विरोधी एजेंडा चलाने से बाज़ नहीं आते हैं। भारत में कोरोना का नया variant B.1.617 पाया गया है, जिसे अब तक का सबसे ख़तरनाक वेरिएंट माना जा रहा है, लेकिन कुछ मीडिया संस्थान इस नए वेरिएंट को ‘भारतीय वेरिएंट’ के नाम से संबोधित कर रहे हैं। हालांकि, इन्हें भारत सरकार समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन लताड़ लगा चुके हैं। वहीं अब इनकी उसी हरकत की पुनरावृत्ति पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने फिर इन्हें लताड़ा है और कहा है कि इसे भारतीय वेरिएंट कहकर भारत के साथ बिल्कुल न जोड़ा जाए, ये गलत है।
कोरोनावायरस के भारत में पाए गए नए variant B.1.617 को भारतीय वेरिएंट कहने में कुछ विदेशी और वामपंथी मीडिया संस्थानों को विशेष मजा आ रहा है, क्योंकि इससे इनकी भारत विरोधी दुकानें चल रही हैं। ऐसे में अब इस वेरिएंट के संबंध में कुछ पत्रकारों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन से सवाल किया, तो वो फिर इसे भारतीय वेरिएंट बोल बैठे, जिस पर बॉरिस जॉनसन ने सभी पत्रकारों को तगड़ी लताड़ लगाते हुए कहा कि ये आपत्तिजनक बात है। इसकी पुनरावृत्ति अब नहीं होनी चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए बॉरिस जॉनसन ने कहा, “भारत में पाए गए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट कहना गलत होगा। इस नए वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.617 है, तो इसे वैज्ञानिक नाम से ही पुकारा जाना चाहिए।” उन्होंने वायरस के इस ख़तरनाक variant को लेकर कहा, “ बेशक हम लोग इस मुद्दे पर चिंतित हैं। ये वैज्ञानिकों के दिशा-निर्देशों पर निर्भर करेगा कि इसके किस हद तक परिणाम हो सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हमें इससे बचने अए लिए वो सभी सावधानियां बरतनी चाहिए, जो कि हमारे बस में हैं।” उन्होंने ब्रिटेन में वायरस को लेकर सरकारी फैसलों पर विचार करें की बात कही है।
ब्रिटेन की स्थिति से चिंतित प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने अपने देश की चिंता तो जाहिर की, लेकिन B.1.617 variant को भारतीय वेरिएंट कहने वाले मीडियाकर्मियों को तगड़ी लताड़ भी लगाई। उनका ये रुख दिखाता है कि उनकी नीयत भारत के प्रति सकारात्मक है। यही कारण है कि भारत की छवि खराब करने वाले पत्रकारों की मंशाओं को बॉरिस जॉनसन ने तगड़ा झटका दिया है। ब्रिटेन के जॉनसन प्रशासन का ये नर्म रुख इससे पहले भी दिखा था, जब भारत ने कोवीशील्ड की 50 लाख डोज को वैक्सीन की कमी के चलते ब्रिटेन न भेजने की बात कही थी, तो उस वक्त भी ब्रिटेन ने किसी भी प्रकार कि आपत्ति नहीं जताई थी।
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इसके इतर B.1.617 को भारतीय वेरिएंट कहने पर WHO ने सफाई दी थी कि किसी भी वायरस या वेरिएंट को देशों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। इसलिए इसे भारतीय वेरिएंट नहीं कहा जा सकता, इस नए वेरिएंट को इसके वैज्ञानिक नाम B.1.617 variant से ही संबोधित किया जाए। वहीं भारत सरकार ने भी WHO की ही रिपोर्ट का हवाला देकर कहा था कि WHO की 32 पेज की रिपोर्ट में कहीं भी भारतीय वेरिएंट नहीं लिखा है। इसलिए मीडिया संस्थानों को रिपोर्टिंग में सावधानी बरतनी चाहिए और इसे वैज्ञानिक नाम से ही रिपोर्ट करना चाहिए।

























