दक्षिण चीन सागर के देश मलेशिया और चीन के बीच भीषण विवाद छिड़ गया है। मंगलवार को चीन ने एक बड़ा आक्रामक कदम चलते हुए मलेशिया के Airspace में अपने 16 सैन्य लड़ाकू जहाज़ घुसा दिये, जिसे गुस्साये मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने “घुसपैठ” करार दिया है।
यह घटना मलेशिया के Borneo द्वीप के पास हुई, जहां चीन भी अपने दावे करता रहा है। चीन समस्त दक्षिण चीन सागर को अपना हिस्सा मानता है और ऐसे में मलेशिया के Exclusive Economic Zone और चीन के दावों के बीच विवाद देखने को मिलता रहा है। मलेशिया के खिलाफ चीन ने यह बड़ा और आक्रामक कदम तब उठाया है जब पहले ही चीन एक अन्य दक्षिण चीन सागर के देश फिलीपींस के साथ बड़े टकराव की स्थिति से गुज़र रहा है।
मलेशिया के विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने एक सख्त बयान देकर चीन के राजदूत को समन करने का ऐलान किया है। उनके बयान के अनुसार “हम चीन द्वारा मलेशिया की संप्रभुता के उल्लंघन के चलते चीनी सरकार के साथ बड़े स्तर पर कूटनीतिक विरोध दर्ज करेंगे। हमारा साफ मानना है कि किसी भी देश के साथ अच्छे संबंध होने का मतलब ये नहीं कि वे हम उनके लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाएंगे।”
सुरक्षा और आर्थिक कारणों की वजह से चीन दक्षिण चीन सागर को अपना हिस्सा मानता है और UNCLOS के नियमों को ना मानते हुए दक्षिण चीन सागर से सटे देश जैसे फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया के Exclusive Economic Zones का उल्लंघन करता रहता है।
जिस क्षेत्र में अभी तनाव बढ़ा हुआ है, उसी क्षेत्र में पिछले वर्ष भी चीन और मलेशिया के बीच छोटे स्तर का तनाव देखने को मिला था। तब चीन ने Borneo द्वीप के पास मलेशिया के Oil Exploration कार्यक्रम का विरोध किया था। अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन के जाने के बाद से चीन ताइवान, फिलीपींस और अब मलेशिया के खिलाफ बेहद आक्रामक नीति अपना रहा है।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन दक्षिण चीन सागर में चीन की इस नई आक्रामकता पर लगाम लगाने में विफल साबित हुए हैं। कुछ दिनों पहले यह खबर सामने आई थी कि चीनी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के उपाध्यक्ष Xu Qiliang को अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा दिये गए बातचीत के ऑफर को रद्द कर दिया गया था और चीनी सरकार अमेरिका पर भड़क गयी थी, क्योंकि चीनी CMC का मानना था कि अमेरिकी रक्षा मंत्री को चीनी रक्षा मंत्री से ही बात करनी चाहिए।
ऐसा लगता है कि बाइडन की ओर से चीन को दक्षिण चीन सागर में गुंडई करने का भरपूर मौका मिल गया है क्योंकि अमेरिका फिलीपींस के खिलाफ पिछले एक महीने से दिखाई जा रही चीनी आक्रामकता का जवाब देने में असफल साबित हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि चीनी fishing vessels बेहद बड़ी संख्या में पिछले कुछ समय से फिलीपींस के EEZ का उल्लंघन कर रही हैं जिसके कारण फिलीपींस और चीन के बीच बड़ा कूटनीतिक विवाद पैदा हो चुका है। अब चीन ने एक नया विवाद भड़काते हुए मलेशिया के साथ पंगा मोल ले लिया है। चीन इस क्षेत्र में अपने प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए खुद ही ऐसी हरकतें कर रहा है, जिसका चीन को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।