स्वघोषित फैक्टचेकर ध्रुव राठी के ऑनलाइन गुंडों को अब एक नया निशाना मिल चुका है। ध्रुव राठी के सफेद झूठों पर कैरोलिना गोस्वामी को जैसे अश्लील संदेश भेजे गए थे, अब उसी तर्ज पर एक अन्य यूट्यूबर एलविश यादव को भी सताया जा रहा है। कोविड के मुद्दे पर ध्रुव की भ्रामक रिपोर्टिंग की धज्जियां उड़ा देने वाले एलविश की वीडियो को न सिर्फ demonetize किया गया, बल्कि उनके दूसरे यूट्यूब चैनल, Elvish Yadav Vlogs के उपयोग करने पर एक हफ्ते का प्रतिबंध भी लगा दिया है।
एलविश यादव, हर्ष बेनीवाल और भुवन बाम के तर्ज पर कॉमेडी वीडियो बनाता है, और अपने निजी विचार Elvish Yadav Vlogs नामक दूसरे चैनल पर शेयर करते हैं। वह विवादों के घेरे में तभी से आए थे, जब पिछले वर्ष उन्होने खेल-खेल में टिक टॉक के कॉन्टेन्ट पर सवाल उठाया था, जिसके चक्कर में न सिर्फ टिकटॉक बनाम यूट्यूब वाला महासंग्राम शुरू हुआ था, बल्कि टिक-टॉक के प्रतिबंधित होने में अप्रत्यक्ष रूप से इस वीडियो ने भी कहीं न कहीं अपनी भूमिका निभाई थी।
तो एलविश यादव ध्रुव राठी से कैसे भिड़े? ध्रुव राठी सर्टिफाइड फेक न्यूज पेडलर है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन उसके फेक न्यूज और कोविड पर भ्रामक जानकारी फैलाने के चक्कर में एलविश ने ध्रुव राठी की फेक न्यूज की पोल खोलते हुए एक लंबी चौड़ी वीडियो 17 जुलाई को पोस्ट की –
https://twitter.com/ElvishYadav/status/1415214390878425091
इस रोस्ट वीडियो में ध्रुव राठी के स्टेरॉइड प्रकरण से लेकर कोविड वैक्सीन पर फैलाए गए भ्रांतियों तक, एलविश यादव ने किसी मुद्दे पर ध्रुव राठी को नहीं छोड़ा। ऐसा लग रहा था मानो दंगल में कोई भीमकाय पहलवान एक डेढ़ पसली के पहलवान को पटक पटक के धो रहा हो।
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यही नहीं, अगले तीन चार दिनों तक इससे संबंधित एक टैगलाइन, ‘#GoodByeNri’ भी ट्विटर पर ट्रेंडिंग में रहा। लेकिन ये #GoodByeNri के ट्रेंड करने के पीछे का कारण भी उसी रोस्ट वीडियो में ही छुपा है। दरअसल, अपने एक वीडियो में ध्रुव राठी ने लव जिहाद को दक्षिणपंथी प्रोपगैंडा बताने का प्रयास किया था, जहां पर वो यह चित्रित करना चाहता था कि कैसे कुछ लोग दो प्रेमियों को धर्म के नाम पर अलग करना चाहते हैं। लेकिन एलविश यादव ने ध्रुव के सफेद झूठ को यहाँ भी नहीं छोड़ा, और इसकी जमकर धुलाई की। लव जिहाद पर ध्रुव राठी की जो पोल खोली गई, उसके बारे में एलविश यादव की जितनी प्रशंसा करे, उतनी कम।
अब ऐसे में ध्रुव राठी कैसे चुप रहता? कहने को एलविश यादव जैसे लोगों को बहुत पहले उसने ‘गोदी यूट्यूबर्स’ की श्रेणी में डालने का प्रयास किया था, यानि वो यूट्यूबर्स जो नरेंद्र मोदी के ‘चाटुकार’ हैं, परंतु ये दांव बुरी तरह फेल हुआ था।
ऐसे में ध्रुव राठी ने वो किया, जो एक समय पर गुरमीत राम रहीं सिंह इंसान के चेले करते थे। उसके ऑनलाइन गुंडों ने ‘मास रिपोर्टिंग’ शुरू कर दी और पहले एलविश के चैनल पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लग गया। इतना ही नहीं, एलविश यादव को सोशल मीडिया पर अपशब्द भी सुनाए गए। लेकिन जब सोशल मीडिया पर बवाल मचा, तो यह प्रतिबंध एक वीडियो तक सीमित रहा, और एलविश यादव को अपने अकाउंट के इस्तेमाल से एक हफ्ते तक के लिए वंचित कर दिया गया –
My Video on Dhruv Rathee got demonetised then they mass reported my channel and boom 1 strike and 7 days ban. Yes this is how freedom of speech works here. #elvishwillrise
— Elvish Yadav (@ElvishYadav) July 22, 2021
लेकिन ये प्रकरण यहीं तक सीमित नहीं रहा। यूट्यूब पर एक अन्य दक्षिणपंथी यूजर, शामभव शर्मा उर्फ शाम शर्मा ने एलविश यादव के वीडियो पर मात्र एक रिएक्शन वीडियो अपलोड किया। सिर्फ इसके लिए उसके वीडियो को Cyber bullying के नाम पर जानबूझकर हटा दिया गया। परंतु यह कोई आम बात नहीं है, और इसके पीछे एक तकनीकी कारण भी है।
दरअसल, यूट्यूब में मास रिपोर्टिंग के विश्लेषण में कोई पारदर्शिता नहीं है, जिसका दुरुपयोग बहुत वामपंथी करते हैं। ये आज से नहीं, 2017 से चल रहा है, जब यूट्यूब के इस फीचर के बारे में बहुत लोग परिचित भी नहीं थे। आज Carryminati के नाम से प्रसिद्ध यूट्यूबर अजय नागर ने तब ढोंगी बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के एक दोयम दर्जे के गीत का मज़ाक उड़ाया था तो जिस आधार पर एलविश यादव और शाम शर्मा के वीडियो हटाए गए हैं, उसी आधार पर Carryminati का वो वीडियो भी हटा दिया गया था।
ठीक इसी प्रकार से अब एलविश यादव को भी ध्रुव राठी के ऑनलाइन समर्थकों ने निशाने पर लिया है, क्योंकि उन्हे पता है कि गूगल और फ़ेसबुक की भांति उनके पीछे सरकार डंडा लेके नहीं दौड़ेगी। लेकिन ध्रुव राठी ने इतना तो सिद्ध कर दिया कि वे ऊपर से चाहे जैसा हो, पर अंदर से वो और उसके trolls की सेना सच से बेहद डरती है।