हिंदी महीनों के नाम का इतिहास
प्राचीन समय से भारत में समय मापने के लिए हिन्दू कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। भारत में पंचाग द्वारा बनाया गया एक हिन्दू कैलेंडर है। समय के साथ भारत कई हिस्सों में बंटता गया, जिसके चलते कैलेंडर में भी कई बदलाव किये गए। सबसे पहले हिन्दू कैलेंडर ईसा पूर्व में विकसित खगोलीय दर्शन के द्वारा बनाया गया था। चन्द्र मास के आधार पर कैलेंडर का निर्माण हुआ है। कैलेंडर में महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार और पूजा पाठ के बारे में भी बखान किया गया है। 1957 में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साका कैलेंडर बना था, इसमें अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार लीप इयर को भी जोड़ा गया, जिसे अधिक मास कहते है। हिन्दू कैलेंडर के बहुत सारे रूप है, लेकिन एक मानक संस्करण ‘साका कैलेंडर’ को भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर का दर्जा प्राप्त है। हिंदी कैलेंडर में भी अंग्रेजी महीनों की तरह 12 महीने ही होते हैं, पर वो ऋतु चक्र पर निर्भर होते हैं, हिंदी महीनो के नाम की लिस्ट नीचे दी गई है।
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हिंदी महीनों के नाम की लिस्ट – Hindi Mahino Ke Naam
हिंदी महीनों की तिथि की घट-बढ़ के अनुसार 29, 30 व 28 एवं 27 दिनों के हो सकते हैं। हिंदी 12 महीनों का नाम हैं, चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपक्ष, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीष, पौष, माघ, फाल्गुन। हिंदी महीने वर्ष की शुरुआत चैत्र माह से शुरू होता हैं। और दूसरा महीने का नाम वैशाख होता हैं
हिंदी (Phonetic). | अंग्रेजी . |
चैत्र / चैत. | मार्च – अप्रैल. |
वैशाख / बैसाख. | अप्रैल – मई. |
जेष्ठ / जेठ. | मई – जून. |
आषाढ़ / आसाढ़. | जून – जुलाई. |
श्रवण / सावन. | जुलाई – अगस्त. |
भाद्रपद / भादो. | अगस्त – सितंबर. |
आश्विन. | सितंबर – अक्टूबर. |
कार्तिक / कातिक. | अक्टूबर – नवंबर. |
अगहन. | नवंबर – दिसंबर. |
पौष / पूस. | दिसंबर – जनवरी. |
माघ / माग॔शीष॔. | जनवरी – फरवरी. |
फाल्गुन / फागन. | फरवरी – मार्च. |
दरअसल, महीनों में दो पखवाड़े 15-15 दिन के होते है, ढलते चाँद के बाद अमावस्या आती है एवं प्रकाशमय चाँद के बाद पूर्णिमा आती है। महीने का पहला दिन अलग – अलग कैलेंडर के हिसाब से अलग होता है। ज्यादातर उत्तर भारत में पूर्ण चंद्रमा जिस दिन निकलता है, उसे महीने का पहला दिन मानते है, जबकि दक्षिण भारत में अमावस्या के दिन को महीने का पहला दिन मानते है।
कैलेंडर के अनुसार साल में 6 मौसम होते है
बता दें कि हर महीने का अपना एक महत्व है, और सभी महीने के अपने त्यौहार और पर्व है।
1. बसंत ऋतू
2. ग्रीष्म ऋतू
3. वर्षा ऋतू
4. शरद ऋतू
5. हेमंत ऋतू
6. शिशिर/शीत ऋतू
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