दक्षिण भारत की राजनीति के लिहाज से बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण कर्नाटक में लंबे वक्त से संगठन और सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठ रही थीं। इसी बीच पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की हुई मुलाकात उनके हटने के महत्वपूर्ण इशारे करने लगी है। हालांकि, येदियुरप्पा ने अपने पद से हटने को लेकर कोई बयान तो नहीं दिया, लेकिन ये माना जा रहा है कि 26 जुलाई को होने वाली बैठक के बाद कर्नाटक बीजेपी में नए सीएम का ऐलान हो सकता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कर्नाटक में जनाधार वाले और लिंगायत समुदाय के बीच प्रभावी नेता येदियुरप्पा का विकल्प आखिर कर्नाटक के लिए कौन होगा। सीएम पद के लिए संभावित नाम तो कई हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण नाम कर्नाटक के बीजेपी नेता और संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी का है।
पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा की मुलाकात के बाद से ही ये कयास लगने लगे थे कि पार्टी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करने वाली है, लेकिन इसको लेकर काफी संशय भी है क्योंकि येदियुरप्पा अभी कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। इसी बीच अब बीजेपी की राज्य ईकाई के प्रमुख नलिन कुमार कटील का एक कथित ऑडियो टेप वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुद नेतृत्व परिवर्तन की बातों को स्वीकार किया है। इस ऑडियों टेप के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया, लेकिन हकीकत यही है कि कर्नाटक बीजेपी में बहुत जल्द बदलाव देखने को मिलेंगे, जिसकी रूपरेखा सीएम येदियुरप्पा के दिल्ली दौरे के साथ ही तैयारी हो गई है।
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कर्नाटक के नए संभावित सीएम को लेकर कई नेता रेस में हैं, जिसमें कर्नाटक से आने वाले बीजेपी के केन्द्रीय स्तर के नेताओं का नाम भी शामिल है तो वहीं इसमें येदियुरप्पा कैबिनेट के कुछ मंत्री भी शामिल हैं।
प्रहलाद जोशी
सबसे पहला नाम है बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी का। बीजेपी नेता प्रहलाद जोशी के राजनीतिक करियर की बात करें तो वो कर्नाटक के धारावाड़ संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें संसदीय कार्यमंत्री का अहम पद मिलना ही बताता है कि वो बीजेपी के लिए कितने अधिक महत्वपूर्ण हैं।
68 वर्षीय जोशी का राजनीतिक करियर 90 के दशक में शुरु हुआ था। धारावाड़ जिले के बीजेपी अध्यक्ष बन शुरुआत कर वो साल 2013 में बीजेपी के कर्नाटक ईकाई के प्रमुख बने। कर्नाटक में जमीनी स्तर की राजनीति से निकलकर केन्द्रीय स्तर पर अपनी पकड़ बनाने वाले प्रहलाद जोशी की दावेदारी कर्नाटक बीजेपी के सीएम पद के लिए सबसे मजबूत मानी जा रही है।
बसनगौड़ा पाटिल यतनाल
कर्नाटक में लिगायत समुदाय राजनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में लिंगायत समुदाय को बीजेपी के लिए साधना आवश्यक है, क्योंकि येदियुरप्पा खुद भी लिंगायत समुदाय के एक बड़े नेता माने जाते हैं। लिंगायत समुदाय के लिहाज से देखें तो एक नाम बसनगौड़ा पाटिल यतनाल का भी सामने आ रहा है। बीजापुर सीट से विधायक बने यतनाल बीजेपी के बड़े नेताओं में शामिल हैं।
वो एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने येदियुरप्पा के खिलाफ मुखरता से विरोध दर्ज किया था। उन्होंने हमेशा ही येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि, “‘मैं किसी भी दौड़ में नहीं हूं. पीएम एक ऐसे नेता को चुनेंगे जो ईमानदार, हिंदू समर्थक हो और अगले चुनावों में पार्टी को सत्ता में लाने में सक्षम हो।”
यतनाल बीजेपी के लिंगायत समुदाय के महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं। वो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में साल 2002 से 2004 तक कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं, उनका ये परिचय ही उनके कद का सटीक उदाहरण है। उन्हें कर्नाटक में बीजेपी का एक कट्टर हिन्दू चेहरा माना जाता है जो कि कर्नाटक की राजनीति के लिहाज से बेहद अहम होने वाला है।
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बीएल संतोष
सीएम के तौर पर केन्द्रीय नेतृत्व से दो अन्य महत्वपूर्ण नाम भी सामने आए हैं, जिनमें एक नाम बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व संगठन के लिए काम करने वाले बीएल संतोष का भी है जो कि संघ के रास्ते बीजेपी में आए हैं। उनको लेकर कहा जाता है कि वो पर्दे के पीछे से बीजेपी के लिए रणनीति तैयार करते हैं। इसका उदाहरण हाल में यूपी चुनाव से पहले उनका दौरा भी था।
सीटी रवि
इसके अलावा बीजेपी नेता सीटी रवि का नाम भी महत्वपूर्ण है। सीटी रवि कर्नाटक में बीजेपी को विस्तार देने समेत बीजेपी के कोर मुद्दों पर हमेशा ही सक्रिय रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में भी इसी कानून की आवश्यकता है।
लिंगायत समुदाय के लिहाज से बीजेपी नेता और येदियुरप्पा सरकार के मंत्री मुरुगेश निरानी का नाम भी हैं, जोकि एक युवा विधायक हैं। उनको लेकर ये कहा जा रहा है कि लिंगायत समुदाय के साथ ही युवाओं को लुभाने के लिए उनका नाम काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। निरानी एक बड़े व्यापारी हैं जिन्हें राज्य की राजनीति में एक कट्टर हिन्दू नेता के तौर पर देखा जाता है।
अरविंद बेलाड
वहीं, सीएम पद के लिए एक नाम अरविंद बेलाड का भी है जोकि लिंगायत समुदाय से आते हैं। अरविंद बेलाड कर्नाटक की हुबडी-दरवाड वेस्ट से बीजेपी के विधायक हैं। अरविंद बेलाड के पिता भी आरएसएस और बीजेपी के नेता रहे हैं, ऐसे में बेलाड का नाम भी सीएम की रेस में चल रहा है।
येदियुरप्पा के संभावित पद छोड़ने की घटना के बाद संभव है कि कर्नाटक बीजेपी आलाकमान इनमें से किसी को सीएम पद की कुर्सी दे दे। साल 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में संभव है कि बीजेपी किसी नए और अप्रत्याशित चेहरे को सीएम नहीं बनाएगी, क्योंकि उस कदम से एक नया विद्रोह जन्म ले सकता है, हालांकि सीएम पद सबसे महत्वपूर्ण नाम प्रहलाद जोशी, बीएल संतोष और यतनाल का है।