अफगानिस्तान में ‘तालिबान त्रासदी’ जारी है और इस त्रासदी में पाकिस्तान पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। तालिबान के इस कहर का कोई जिम्मेदार है तो वह है- पाकिस्तान। हालिया ख़बर के अनुसार, भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या के पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ है।
दरअसल, 16 जुलाई को भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक इलाके में हुई थी। इस इलाके में अब तालिबान और पाकिस्तान के झंडे साथ में लहराते दिख रहे हैं। स्पिन बोल्डक इलाका पाकिस्तान–अफगानिस्तान बार्डर के चमन चेकपोस्ट के समीप है।
हाल ही में पाकिस्तान ने अपने 10,000 आतंकियों को अफगानिस्तान भेजा है, ताकि वो तालिबान के साथ मिलकर आतंक का कहर मचा सकें। मुख्य तौर पर पाकिस्तानी आतंकियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वह भारत सरकार द्वारा निर्मित इन्फ्रास्ट्रक्चर या चल रही परियोजनाओं पर हमला करें।
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दानिश सिद्दीकी को अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक इलाके में मारा गया था। आपको बता दें कि स्पिन बोल्डक इलाका भारत द्वारा निर्मित ZARANJ-DELARAM HIGHWAY के बिल्कुल समीप है। यह हाइवे चाबहार पोर्ट को कंधार के रास्ते काबुल से जोड़ता है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नवंबर 2020 के जिनेवा सम्मेलन में कहा था कि भारत ने महामारी के दौरान चाबहार के माध्यम से अफगानिस्तान में 75,000 टन गेहूं पहुँचाया था। इससे आप चाबहार पोर्ट और ZARANJ-DELARAM HIGHWAY की अहमियत को समझ सकते हैं।
पाकिस्तान के मंसूबों को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि पाकिस्तान के आतंकियों के निशाने पर ZARANJ-DELARAM HIGHWAY होगा क्योंकि यह हाईवे चाबहार पोर्ट के लिए मुख्य रास्ता है। अगर पाकिस्तान ZARANJ-DELARAM HIGHWAY को क्षति पहुंचाता है तो नुकसान सीधे तौर पर चाबहार पोर्ट परियोजना को होगा। ZARANJ-DELARAM HIGHWAY का रास्ता कंधार होते हुए जाता है और कंधार से पाकिस्तानी चेक पोस्ट महज 100 किलोमीटर के करीब है। गौर करने वाली बात है कि दानिश सिद्दीकी की हत्या भी इसी ‘वार-ज़ोन’ में हुई है।
इसके साथ ही पाकिस्तान पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि दानिश की मौत के बाद तालिबान ने कहा है कि उसे नहीं पता कि दानिश किसकी गोली से मरा। दानिश की मौत की जिम्मेदारी लेने की तो छोड़िए तालिबान ने यहां तक कह दिया कि वो नहीं जानता दानिश सिद्दीकी की हत्या कैसे हुई।
इसका एक अर्थ ये भी है कि तालिबान कह रहा है कि कम से कम उसके आतंकियों ने दानिश को नहीं मारा, अगर तालिबान ने दानिश को नहीं मारा फिर किसने मारा ? इसका एक ही जवाब है- पाकिस्तान। दरअसल, पाकिस्तान ने जो अपने आतंकी अफगानिस्तान में भेजे हैं उन्हें भारतीय प्रोजेक्टस पर हमला करने की हिदायत दी गई है। जिस ‘वार-जोन’ में दानिश सिद्दीकी की हत्या हुई वहां भारतीय प्रोजेक्ट ही हैं, ऐसे में पाकिस्तान की तरफ ऊंगली उठना स्वाभिक है।
भारत की लेफ्ट-लिबरल मीडिया ने दानिश सिद्दीकी की हत्या पर ख़ूब विलाप किया पत्रकार की मौत के असली जिम्मेदार पाकिस्तान का नाम किसी ने नहीं लिया। एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘दानिश को मारने वाली गोलियों पर लानत है’।
गोलियों पर लानत-मलानत करने वाले रवीश कुमार को शायद पता नहीं होगा कि दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबान के गढ़ में पाकिस्तान ने की थी। अब हम बता रहे हैं रवीश कुमार और दूसरे वामपंथियों में अगर हिम्मत है तो पाकिस्तान और तालिबान का नाम लेकर दानिश सिद्दीकी की हत्या की निंदा करें।