योगी ने कोरोनाकाल में ताजिया जुलूस पर रोक लगाकर सभी को सख्त संदेश दे दिया है

ताजिया प्रतिबंध

PC: NewsroomPost

भले ही समानता के नाम पर प्रवचन कांग्रेस और वामपंथी दल देते हों, किन्तु इस अवधारणा को सटीकता से लागू करने का उदाहरण कोई प्रस्तुत करता है, तो वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। हाल के दिनों में जब सीएम योगी द्वारा कांवड़ यात्रा पर कोरोनावायरस के कारण रोक गई लगाई थी, तो दक्षिणपंथियों ने इसका विरोध किया था; और ये देखकर देश का वामपंथी समूह तंज की नीयत से योगी के निर्णय की प्रशंसा कर रहा था। वहीं, अब योगी ने एक सराहनीय निर्णय लेते हुए मुहर्रम में ताजिया निकालने और सार्वजनिक आयोजनों पर कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। अब वामपंथियों के लिए सीएम योगी का ये निर्णय झटका है, क्योंकि वो न इस निर्णय की आलोचना कर पा रहे, और न ही प्रशंसा।

भले ही उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर खत्म हो चुकी हो, एवं जन-जीवन पूर्णतः सामान्य हो चुका हो, किन्तु सावधानी रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी को समानता के चश्मे से देख रहें हैं। पहले कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया, और अब मुहर्रम पर भी सार्वजनिक आयोजनों पर सख्ती दिखाई है। 10 अगस्त से शुरू हो रहे मुहर्रम का अंतिम दिन 18 अगस्त को होगा। उस दिन मुस्लिम समाज में ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं, किन्तु अब लोगों की ये सारी तैयारियां धरी रह जाएंगी, क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध के आदेश दे रखे हैं।

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सीएम योगी का निर्देश है कि मुहर्रम भी शांतिप्रिय तरीके से ही मनाया जाए। सीएम के आदेशों का पालन करते हुए प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी पुलिस अधीक्षकों को मुहर्रम के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी कर दी है।

डीजीपी की गाइडलाइंस की बात करें, तो मुहर्रम के दौरान कहीं पर भी किसी भी तरह के शस्त्र/हथियार का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। वहीं पुलिस को सभी स्थानों पर असमाजिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के साथ ही इंटरनेट की पल-पल की मॉनिटरिंग के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही राजस्व विभाग के सहयोग से विवादित स्थल तथा मार्ग की निशानदेही कर के समय रहते संतोषजनक निस्तारण करने के निर्देश भी हैं। डीजीपी की गाइडलाइंस के अनुसार पीस कमेटी की बैठक कर धर्मगुरुओं से व्यवस्था सुगम करने के लिए सहयोग लिया जाए, एवं संवेदनशील व सांप्रदायिक स्थानों में पर्याप्त पुलिस बल को लगाया जाए। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि पूरे त्योहार के दौरान डॉग स्क्वॉड, बम स्क्वॉड भी चेकिंग के लिए सक्रिय रहेगा।

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स्पष्ट है कि मुहर्रम पर इस बार उत्तर प्रदेश में ताजिया और जुलूस आयोजन नहीं किया जा सकेगा। ऐसा पहली बार नहीं है कि सीएम योगी ने त्योहार को लेकर विशेष प्रावधानों को लागू करवाया हो, इससे पहले कांवड़ यात्रा पर सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद प्रतिबंध लगाने का बड़ा निर्णय भी उन्होंने कुछ सोच-समझकर ही लिया था। उनका ये रवैया स्पष्ट करता है कि वो भले ही गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हों, लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सोच हिन्दू-मुस्लिम सभी धर्मों के लिए समान ही है।

हालांकि, जो वामपंथी कांवड़ यात्रा के प्रतिबंध पर दुखी हिन्दू समुदाय के लोगों को देखकर तंज भरी नीयत से योगी की तारीफ कर रहै थे, वो अब मुस्लिम तुष्टीकरण का सहारा लेकर योगी की आलोचना नहीं कर पा रहे हैं। सीएम योगी का ये निर्णय न उनके उस निवाले की तरह है, जिसे न निगलते बन रहा है और न ही उलगते।

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