TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कैसे सरदार पटेल के नेतृत्व में ऑपरेशन पोलो ने भारत को सम्पूर्ण इस्लामीकरण से बचाया

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
17 September 2021
in इतिहास
ऑपरेशन पोलो की चर्चा करते वल्लभभाई पटेल
Share on FacebookShare on X

ऑपरेशन पोलो और सरदार वल्लभ भाई पटेल 

भारत के ‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल को हमारे देश के वीर सैनिकों पर कितना विश्वास था ये आप इन शब्दों से समझ सकते हैं।

“आपको लगता है हमारी सेना दस दिनों तक उनका सामना कर पाएगी?”

“दस दिन? जनरल साहब, मैं शर्त लगाता हूँ, वो लोग एक हफ्ता भी नहीं टिक पाएंगे!”

ये वास्तव में एक वार्तालाप था, भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल और तत्कालीन सेनाध्यक्ष, जनरल रॉय बूचर के बीच, जो भारत के अंतिम ब्रिटिश सेनाध्यक्ष भी थे। 2 वर्ष पहले ही जिस राष्ट्र को अपने समक्ष उन्होंने खंड-खंड होते देखा था, उसे एक बार फिर वह टूटते हुए देख रहे थे। परंतु इस बार वल्लभभाई पटेल ने संकल्प लिया था – कुछ भी हो, वे आसफ जाही का ध्वज लाल किले पर लहराने नहीं देंगे! यही से नींव पड़ी ऑपरेशन पोलो की।

संबंधितपोस्ट

मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

और लोड करें

यह कहानी है ऑपरेशन पोलो की, जिसने न केवल हैदराबाद का भारत में विलय, अपितु भारत के सम्पूर्ण इस्लामीकरण को भी रोका। जो रीति 1946 में बंगाल के हिंसक विभाजन से प्रारंभ से हुई, और जो 1947 में पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान (Balochistan) और खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रांतों के भारत के अलग होने तक जारी रही, उसका अंत 1948 में हैदराबाद के सफलतापूर्ण विलय से हुआ, परंतु यह राह इतनी भी सरल नहीं थी।

ऑपरेशन पोलो की कहानी प्रारंभ होती है 1947 से, जब ये लगभग तय हो चुका था कि भारत का विभाजन होगा, और नए भारत को पुनर्गठित करने का दायित्व गृह एवं राज्य मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके द्वारा नियुक्त राज्य गठन के प्रमुख सचिव, वी पी मेनन की थी। वी पी मेनन ने कई वर्षों तक ICS अफसर के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य को अपनी सेवाएँ दी थीं। ऐसे में वे संशय में थे कि कहीं स्वतंत्र भारत में उनके जैसे ‘अंग्रेज़ सेवकों’ से घृणा न हो, परंतु सरदार पटेल ने उन्हें अपने रिटायरमेंट के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा। सरदार पटेल ने उन्हें इस स्तर तक प्रभावित किया कि वे आयुपर्यंत उनके साथ रहे, यानी जब तक स्वतंत्र भारत का मानचित्र स्पष्ट नहीं हो गया, तब तक वीपी मेनन ने सरदार पटेल की वैसे ही सेवा की, जैसे श्री राम की उनके अनन्य भक्त हनुमान ने की थी।

ऑपरेशन पोलो की पहली चुनौती

अब दोनों और ऑपरेशन पोलो के समक्ष सर्वप्रथम चुनौती थी – 565 खंडित रियासतों एवं प्रदेशों को एक स्वतंत्र भारत में पिरोने की। यह कार्य बिल्कुल सरल नहीं था, परंतु कुशल नेतृत्व, अनुपम कूटनीति के सहारे सरदार पटेल और वीपी मेनन की जोड़ी ने स्वतंत्रता तक आते-आते लगभग 550 रियासतों को भारत में विलय करने के लिए विवश कर दिया था। जोधपुर, त्रावणकोर और भोपाल जैसे कुछ राज्य प्रारंभ में थोड़े हिचकिचाए अवश्य, परंतु सरदार पटेल के नेतृत्व और वीपी मेनन की कूटनीति के कारण वे भी जल्द ही मान गए। प्रारंभ में राज्य मंत्रालय जवाहरलाल नेहरू हथियाना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार के कई मंत्री और संविधान सभा के अनेक सदस्यों दबाव के चलते उन्हें ये पद सरदार पटेल को देना पड़ा, जिसके बारे में स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबैटन काफी प्रसन्न भी थे। अब सोचिए, जिनसे एक कश्मीर नहीं संभाली गई, उनसे बाकी रियासतें क्या खाक संभलती? (Source – Nehru’s Himalayan Blunders by Justice SN Aggarwal)

लेकिन इन सब का हैदराबाद से क्या संबंध था? आखिर हैदराबाद का भारत में विलय होने से ऐसा क्या हुआ, जो 1946 या 1947 में नहीं हो पाया? और ऑपरेशन पोलो की जरूरत ही क्यों पड़ी? हैदराबाद अपने आप में एक देश के समान स्वयं को मानता था, और यदि वह भारत से अलग हो जाता, तो मोपला नरसंहार और डायरेक्ट एक्शन डे की त्रासदी ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत पर पुनः इस्लामी आक्रान्ताओं का नियंत्रण स्थापित हो जाता, जैसे मुगलों के शासन में हुआ करता था।

हैदराबाद भारत के बीचों बीच स्थित एक विशाल प्रांत था, जिसमें वर्तमान भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ भाग सम्मिलित थे। ये अविभाजित भारत के सबसे धनाढ्य प्रांतों में से एक था, जिसके शासक, आसफ जाही वंश के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान थे और इसे भारत में लाने के लिए ऑपरेशन पोलो की सख्त आवश्यकता भी थी।

https://twitter.com/LaffajPanditIND/status/1305158143920439296

मीर उस्मान अली खान हैदराबाद का सनकी निज़ाम

मीर उस्मान अली खान न केवल धन धान्य से सम्पन्न थे, परंतु वे अपने आप में एक अजीब व्यक्ति थे। उन्हें रात में कब्रिस्तान की सैर करना, गज़ल सुनना इत्यादि बड़ा पसंद था और भारत में वे उन चंद मुसलमानों में सम्मिलित थे, जिनकी मक्का तक में संपत्ति पंजीकृत थी।

परंतु इतने धन धान्य से सम्पन्न होने के बाद भी निज़ाम काफी असहज और असुरक्षित महसूस करते थे। इसका कारण स्पष्ट था – हैदराबाद प्रांत में अधिकांश जनसंख्या हिंदुओं की थी और मुसलमानों की जनसंख्या उनके मुकाबले नगण्य थी। ऐसे में उन्होंने अपने प्रभुत्व को स्थापित करने के लिए कट्टरपंथी मुसलमानों को बढ़ावा देना प्रारंभ किया, जिनमें अग्रणी थे सैयद कासिम रिजवी, जिन्होंने आगे चलकर उसी मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की स्थापना की, जिसकी विरासत को आज असदुद्दीन ओवैसी जैसे कट्टरपंथ मुसलमान बढ़ा रहे हैं।

कासिम रिजवी एक कट्टरपंथी मुसलमान था, जिसके लिए निज़ाम का शासन सर्वोपरि था। इसके लिए वह हैदराबाद के एक करोड़ हिंदुओं का नरसंहार करने तक को तैयार था। अप्रत्यक्ष तौर पर निज़ाम शाही ने कासिम रिजवी और उसके अनुयाई यानी रजाकारों को बढ़ावा देना शुरू किया। निज़ाम शाही की आधिकारिक फौज के अलावा ‘रजाकारों’ की इस सेना के दो प्रमुख उद्देश्य थे – निज़ाम शाही को कायम रखना और गैर मुस्लिमों, विशेषकर हिंदुओं पर अत्याचार को बढ़ावा देना।

जिस प्रकार से मोपला नरसंहार की वास्तविकता का उल्लेख करने में वामपंथियों को सांप सूंघ जाता है, ठीक उसी प्रकार से हैदराबाद में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों का उल्लेख में वामपंथी बगलें झाँकते दिखाई देते हैं। जो वामपंथी आज ‘Stop Hindi Imposition’ की तख्ती गले में लटकाए घूमते हैं, वही निज़ाम शाही द्वारा हैदराबाद की जनता पर जबरदस्ती उर्दू थोपे जाने पर मौन व्रत साध लेते हैं, जबकि अधिकांश जनता या तो तेलुगु या फिर मराठी, और कुछ नहीं तो हिन्दी में अवश्य वार्तालाप करती थी।

वामपंथीयों का निज़ाम को समर्थन 

अब बात वामपंथियों की उठी ही है, तो हैदराबाद की स्वतंत्रता में उनके भूमिका पर भी प्रकाश डालते हैं। वामपंथी दावा करते हैं कि उन्होंने सर्वप्रथम 1945 में विद्रोह प्रारंभ किया था, जो शुरू में देशमुख जमींदारों की ओर केंद्रित था, परंतु फिर निज़ाम शाही की ओर मुड़ गया। हालांकि, ये अर्धसत्य है, क्योंकि 1945 में वामपंथियों ने हैदराबाद में जो हिंसक उपद्रव प्रारंभ किया था, उसका विश्लेषण करने पर एक भी ऐसा मृतक नहीं पाया जाता है, जो निज़ाम शाही से संबंधित रहा हो। इसके अलावा 1946 से 1949 के बीच वामपंथी अचानक से ऐसे गायब हो गए, जैसे गधे के सिर से सींग। शायद इसीलिए 1993 में प्रदर्शित ‘सरदार’ में एक व्यंग्यात्मक संवाद भी लिखा गया था, ‘ऐसा लगता है कि हैदराबाद में दिन में रजाकार राज करते हैं और रात को कम्युनिस्ट”।

इसके अलावा हैदराबादी रजाकार भारतीय सीमाओं में भी उपद्रव मचाते थे। इसको रोकने के लिए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबैटन ने ‘स्टैंडस्टिल अग्रीमेंट’ का विकल्प सुझाया, जिसके अंतर्गत भारतीय सेनाएँ हैदराबाद की सीमाओं पर तैनात तो रहेंगी, परंतु कोई एक्शन नहीं लेंगी, लेकिन सरदार पटेल को ऐसी पंगुता उचित नहीं लगी। जब उन्होंने हैदराबाद के बढ़ते अत्याचारों को लेकर नेहरू पर दबाव बनाया, तो नेहरू ने अपने असली रंग दिखाते हुए कहा, “तुम एक सांप्रदायिक व्यक्ति हो और मैं तुम्हारे घटिया सोच का साथ कभी नहीं दूंगा!”

अर्थात हिंदुओं की रक्षा करना, उनके अधिकारों की बात करना सांप्रदायिक सोच का परिचायक थी, और उन्हेंं मरने देते रहना, उनके हत्यारों को संरक्षण देना ‘धर्मनिरपेक्षता’। जवाहरलाल नेहरू की इसी घृणित सोच से सरदार पटेल बुरी तरह रुष्ट हो गए और उन्होंने मरते दम तक किसी कैबिनेट मीटिंग में कदम नहीं रखने की शपथ ली।

ऑपरेशन पोलो और हैदराबाद

इसी बीच खबर आई कि निज़ाम शाही कुछ बड़ा कर सकती है, और 1946 के खतरनाक बादल फिर मंडराने लगे। तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल रॉय बूचर सेना को नियुक्त करने को तैयार नहीं थे, पीएम नेहरू अपनी जिम्मेदारियों को त्यागकर विदेशी टूर कर रहे थे, परंतु सरदार पटेल दृढ़ निश्चयी थे – कुछ भी हो जाए, 1947 की भूल नहीं दोहराई जाएगी। आखिरकार सरदार पटेल की स्वीकृति से एक सैन्य ऑपरेशन की रूपरेखा तय हुई और नाम दिया गया ‘ऑपरेशन पोलो’, क्योंकि हैदराबाद में पोलो के मैदानों की कोई कमी नहीं थी।

फिर दिन आया ऑपरेशन पोलो का 13 सितंबर 1948, जब माँ भवानी के पावन तीर्थ तुलजापुर को स्वतंत्र करने के लिए भारतीय सेना पहुंची। ये वही तुलजापुर है जहां कभी छत्रपति शिवाजी महाराज तुलजा भवानी के दर्शन करने आते थे। इस विजय के पश्चात फिर भारतीय सेना ने मुड़कर नहीं देखा। लेफ्टिनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह जी जडेजा, लेफ्टिनेंट जनरल एरिक एन गॉडर्ड और मेजर जनरल जयंतो नाथ चौधरी के संयुक्त नेतृत्व का ही परिणाम था कि भारतीय सेना ने केवल पाँच दिनों में निज़ाम शाही के आतंकी शासन को घुटने टेकने पर विवश कर दिया।

धर्म की विजय हुई, भारत की विजय हुई और ऑपरेशन पोलो की जीत हुई और स्वतंत्र भारत की सेना भारत को पूर्णतया इस्लामिक बनने से रोक लिया था। परंतु इससे एक गुट को बड़ी पीड़ा हुई और वे थे वामपंथी। निज़ाम शाही से भिड़ने के नाम पर पीठ दिखाने वाले कम्युनिस्ट अब भारतीय सेना पर मुसलमानों के नरसंहार के झूठे आरोप लगाने लगे, जिनकी जांच के लिए जवाहरलाल नेहरू ने ‘सुंदरलाल कमेटी’ तक गठित की। परंतु सरदार पटेल ने उनकी मंशा भांप ली और इस रिपोर्ट को कभी कार्रवाई की मेज़ तक पहुँचने ही नहीं दिया।

जो आज अफगानिस्तान में हमें देखने को मिल रहा है, कुछ ऐसी ही स्थिति भारत में भी थी और हमारी भी स्थिति वही होती, जो आज अफ़गान निवासियों की है। परंतु बीच में सरदार पटेल, वीपी मेनन, और भारत के वीर योद्धा खड़े थे, जिनके कारण न केवल भारत का सम्पूर्ण इस्लामीकरण होने से बचा, अपितु भारत पूर्णतया खंडित होने से भी बच गया।

शेयर269ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: क्यों आवश्यक है “मोपला नरसंहार दिवस”

अगली पोस्ट

मोदी सरकार Bad Bank की स्थापना करने जा रही है जो बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति लाएगा

संबंधित पोस्ट

नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन
इतिहास

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

14 November 2025

ऐसे समय में जबकि अपने राष्ट्र नायकों को लेकर भारत में राजनीतिक बहसें तेज़ हो रही हैं,  विचारधाराओं की लड़ाई भी पहले से ज़्यादा गहरी...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited