एक कहावत है कि ‘बड़ी मछली, छोटी मछली को खा जाती है’ और Amazon भारत में छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने के लिए यही काम कर रहा है। अमेरिकी ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Amazon भारत में एकछत्र राज करने के लिए प्रोडक्ट्स के डुप्लीकेट बनाता है। डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए ये कंपनी सर्च इंजन में भी हेर-फेर करती है जिसका खुलासा मीडिया एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में भी किया था। कंपनी का ये गोरखधंधा अब अमेरिका से लेकर भारत तक में कंपनी के प्रमुख जेफ बेजोस पर भारी पड़ने वाला है, क्योंकि ये मांग की जा रही है कि अब भारत में Amazon के खिलाफ जांच बिठाई जाए। इस खुलासे के बाद अमेरिकी सीनेटर ने मांग की है कि Amazon को टुकड़ों में विभाजित कर दिया जाए। अमेरिकी सीनेटर्स से लेकर वहां के प्रमुख लोग इस काले कारनामे के लिए जेफ बेजोस को ही जिम्मेदार मान रहे हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में अपना कारोबारी राज चलाने का है।
भारत के साथ धोखाधड़ी
भारत ई-कॉमर्स मार्केट में दुनिया के किसी भी मार्केट से कहीं ज्यादा बड़ा है। ऐसे में Amazon से लेकर Flipkart तक यहां के प्रमुख ई-कॉमर्स मार्केट पर अपना कब्जा करके बैठे हैं। इन कंपनियों ने पहले ही भारत में अनेकों नियमों की धज्जियां उड़ा रखी हैं। ये कंपनियां दिखावा तो प्रत्येक रिटेल सेलर को लाभ देने का करती हैं, किन्तु असल लाभ चंद रिटेलर्स को ही मिलता है और खास बात तो रिटेलर्स का इन कंपनियों से जुड़ाव भी है। इसी बीच अब Amazon को लेकर खुलासा हुआ है कि कैसे ये अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी भारत में अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अनैतिक तरीकों का सहारा ले रही है, और लोगों के साथ डिजिटल धोखाधड़ी भी कर रही है। कंपनी डुप्लीकेट सामान को प्रमोट करने के साथ ही सर्च रिजल्ट के साथ भी खिलवाड़ कर रही है।
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जांच में बड़े खुलासे
दरअसल, अमेरिकी मीडिया एजेंसी रॉयटर्स ने Amazon के सैकड़ों इंटरनल पेपर की जांच की थी जिसमें ये खुलासा हुआ था कि अमेरिकी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी भारत में दूसरी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स की नकल करके प्राइवेट ब्रांड बना रही है। इतना ही नहीं, कंपनी यहां अपने प्लेटफॉर्म पर प्रॉडक्ट्स के सर्च रिजल्ट में भी तगड़े हेर-फेर कर रही है। वैश्विक स्तर की इस कंपनी के खिलाफ सामने आए इन सबूतों के बाद अमेरिकी सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने Amazon को तोड़कर कई टुकड़ों में बांटने की मांग उठाई है, उनका कहना है कि कंपनी को अब दुनिया भर में छोटे-छोटे टुकड़ों में ही बांट देना चाहिए।
टुकड़ों में बंटे कंपनी
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने इस मुद्दे पर कहा, “दस्तावेज Amazon के एकाधिकार को लेकर हमारे डर को सही साबित कर रहे हैं। कंपनी मुनाफा बढ़ाने के लिए छोटे कारोबारियों और उद्यमियों को नुकसान पहुंचा रही है और अपने प्लेटफॉर्म पर घपले तक कर रही है। इसे तोड़े जाने की मांग उठाए जाने के पीछे कई कारण हैं।” Amazon से जुड़ी खबरों पर House of Representatives के रिपब्लिकन मेंबर केन बक ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और ये Amazon के लिए एक बड़ा झटका है।
You can be an umpire or you can be a player, but you can’t be both at the same time. Amazon takes advantage of its power to tilt the playing field and crush small businesses. It’s long past time to break them up.https://t.co/QpHdYyBLSP
— Elizabeth Warren (@ewarren) October 14, 2021
सर्च इंजन से खिलवाड़
Amazon के डिजिटल अपराधों की कोई सीमा नहीं है। ये कंपनी न केवल डुप्लीकेट प्रोडक्ट बना रही है, अपितु उन प्रोडक्ट्स को लेकर सर्च इंजन के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। इसको लेकर कोलोराडो से Ken Buck ने कहा, “दस्तावेजों से साबित होता है कि Amazon कॉम्पिटिशन बिगाड़ने वाले काम करती है। जैसे कि वह सर्च रिजल्ट में घपले करती है और प्रतियोगी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स की बजाय अपने प्राइवेट ब्रांड को रखती है। इससे बड़ी चिंता वाली बात यह है कि यह संसद में जेफ बेजोस के बयान के उलट हो रहा है। गड़बड़ियों के लिए Amazon और बेजोस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
वहीं, इस खुलासे को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के प्रवीण खंडेलवाल ने रॉयटर्स को बताया था, “अमेज़ॅन छोटे निर्माताओं को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। वे ऐसा मुनाफा कमा रहे हैं जो उनके हिस्से का नहीं है।” समूह का ये भी कहना था कि यह देश में 80 मिलियन खुदरा स्टोर का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि अमेजन और वॉलमार्ट इंक के फ्लिपकार्ट जैसे विदेशी ई-कॉमर्स व्यवसाय अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं में लिप्त हैं, जो छोटी फर्मों को चोट पहुँचाते हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर अमेज़न ने नकारा है। कंपनी ने कहा, “हम मानते हैं कि ये दावे तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार हैं।” Amazon पर आरोप हैं कि कंपनी ने भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर सर्च इंजन में हेराफेरी करके AmazonBasics जैसे अपने निजी ब्रांडों की बिक्री को बढ़ावा दिया था, ताकि उसके ही उत्पाद दिखाई दें, और फिर वहीं समाना लोगों द्वारा खरीदा जाए।
वहीं इस पूरे खुलासे के बाद Amazon की परेशानियां दोबारा बढ़ सकती हैं। एक तरफ अमेरिका में कंपनी को अमेरिकी सीनेटर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर कंपनी के लिए एक बड़ी मुश्किल ये भी है कि सीएआईटी से लेकर भारत के अलग-अलग खुदरा व्यापारिक संगठन भारत सरकार से मांग करने लगे हैं कि अब Amazon के खिलाफ भारत सरकार एक सख्त जांच बिठाए। वहीं, भारत सरकार इस दिशा में कुछ बड़े कदम उठा सकती है, क्योंकि मोदी सरकार की स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की कोशिशों को झटका देने के प्रयोसों के पीछे Amazon भी है। ऐसे में यदि मोदी सरकार भी इस मुद्दे पर कोई बड़ी जांच बिठाती है तो कंपनी के लिए मुसीबतें बढ़ सकती हैं।