भारत ने अपनी सुरक्षा नीति का कायाकल्प कर लिया है। संभवतः यही कारण है कि पिछले 7 वर्षों में जम्मू-कश्मीर के अलावा पूरे देश में न कोई आतंकी हमला हुआ है, न बम ब्लास्ट। इसके विपरीरत देश के दो राज्य पंजाब और पश्चिम बंगाल ऐसे हैं, जहां से आतंकियों के घुसपैठ और हथियारों के भारत में आने की संभावनाएं बनी रहती है। ऐसे में भारतीय सेना पाकिस्तान को उसके घर में घुस कर हमला तो कर देती है, किन्तु सीमा के सुरक्षा बल BSF के अधिकार क्षेत्र में कमी के कारण कुछ घुसपैठिए BSF की आंखों मे धूल झोंक देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि मोदी सरकार ने BSF के अधिकार क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार कर दिया है, अब BSF की पहुंच सीमा के केवल 15 किलोमीटर तक नहीं होगी, अपितु ये दायरा 50 किलोमीटर तक का कर दिया गया है। वहीं, अब इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं।
पाकिस्तान की घुसपैठ जारी
भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) का प्रत्येक जवान लगातार देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगा रहता है, लेकिन अधिकार क्षेत्र कम होने के कारण कई बार उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मुश्किलें आती थीं। ऐसे में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का निर्णय देश की सुरक्षा को और सुनिश्चित करेगा। गृह मंत्रालय के इस अभूतपूर्व निर्णय के परिणाम अब सकारात्क तौर पर दिखाई भी दने लगे हैं, क्योंकि पंजाब में BSF के सैनिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिससे पंजाब में नशे के कारोबार पर भी ब्रेक लगेगा, और अलगाववादियों पर भी।
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BSF को मिली सफलता
पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता के बीच पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आशंका जताई थी कि राज्य में पाकिस्तान से लगने वाली सीमा के कारण अराजकता का विस्तार हो सकता है। वहीं, BSF का क्षेत्राधिकार बढ़ने के बाद कैप्टन की बात सही साबित होती दिख रही है, क्योंकि अमर उजाला की एक रिपोर्ट बताती है कि BSF ने पाक सीमा से लगने वाले पंजाब के तरन-तारन जिले से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। सुरक्षा बल से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक संयुक्त अभियान में पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 22 पिस्तौल, 44 मैगजीन, 100 कारतूस और एक किलो हेरोइन की बरामद की है। वहीं खबरें ये भी हैं कि कुछ मोबाइल नंबर भी मिले थे, जिनकी ट्रेसिंग के दौरान ये पता चला है कि ये लोग पहले भी पाकिस्तान से हथियार मंगा चुके हैं।
पंजाब में इस सामाग्री का मिलना इस बात का संकेत देता है, राज्य के राजनीतिक माहौल में सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश की जा रही थी, जिसके पीछे पाकिस्तान का सबसे बड़ा हाथ है। वहीं, इस समाग्री का मिलना एक सकारात्मक संकेत गृह मंत्रालय के BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने से संबंधित है। इतना ही नहीं, इन अलगाववादियों को हथियार भी पाकिस्तान के जरिए ही मिलते हैं। इससे पहले साल 2019 मे BSF ने हथियारों एवं नशीले पदार्थों का एक बड़ा जखीरा पकड़ा था। इसके लिए पाकिस्तान ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल करता है।
मजबूत हुई राज्य की सुरक्षा
पाकिस्तान के पुराने इतिहास से लेकर पंजाब की राजनीतिक स्थिति के आधार पर ये कहा जा सकता है कि मोदी सरकार ने जो फैसला लिया था वो सफल साबित हो रहा है। पंजाब, पश्चिम बंगाल, और असम में BSF के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी की सीमा के भीतर कर दिया गया है। इस आदेश के बाद पंजाब में अब बीएसएफ अमृतसर, तरनतारन और पठानकोट क्षेत्र में गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती कर सकती है। इसी बढ़े अधिकार क्षेत्र के कारण ही अब BSF ताबड़तोड़ अभियान भी चला रही है, जो कि एक सार्थक स्थिति है।
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पश्चिम बंगाल पर भी नकेल
पंजाब की तरह ही अगर राजनीतिक और सामाजिक रूप से कोई दूसरा अस्थिर राज्य है, तो वो पश्चिम बंगाल ही है। गौवंश की तस्करी से लेकर मानव तस्करी, हथियारों एवं नशीले पदार्थों का बांग्लादेश के रास्ते भारत आना, रोहिंग्याओं से लेकर बांग्लादेशी घुसपैठियों का आना न केवल पश्चिम बंगाल के लिए लचर सुरक्षा व्यवस्था की वजह बन सकता है, अपितु देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। ऐसे में ये आशा की जा सकती है कि जिस तरह से अभी पंजाब में BSF पाकिस्तान के लिए मुसीबतों में विस्तार कर रहा है, कुछ वैसी ही सफलता उसे बंगाल में भी मिल सकती है।
मोदी सरकार के फैसले और उसके बाद पंजाब मे BSF की ताबड़तोड़ कार्रवाई ये संकेत दे रही है कि BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाकर सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सबसे अग्रणी टुकड़ी को कार्रवाई करने का खुला समर्थन दे दिया है, और ये पंजाब व पश्चिम बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा।