भारतवर्ष की भूमि महापुरुषों की भूमि है, इसी पवित्र भूमि पर एक से बढ़कर एक धुरंधर शासक हुए, जिन्होंने देश और दुनिया में अपने पराक्रम से अमिट छाप छोड़ दी। उन्हें आज भी देश की जनता काफी गर्व से याद करती है। अपने समय के ऐसे ही बेहतरीन और कुशल शासकों में से एक थे महाराजा सुहेल देव। उन्होंने मुस्लिम आक्रमणकारियों का विरोध करने के लिए थारू और बंजारा सहित अन्य जनजातियों के प्रमुखों और कई छोटे-छोटे साम्राज्यों के शासकों को एकत्र किया। उन्होंने ना केवल सोमनाथ मंदिर के विध्वंस का प्रतिशोध लिया, अपितु भारत को विदेशी आक्रान्ताओं से लगभग 150 वर्षों तक सुरक्षित भी रखा।
कहा जाता है कि उनकी सेना ने 1034 ईसवी में बहराइच के युद्ध में सैयद सालार मसूद गाजी को हराया और उसे मार डाला था, जो कथित तौर पर गजनी के सुल्तान महमूद का खूंखार भतीजा था। जमीनी स्तर पर सुहेलदेव को राजभर या भर राजपूत कहा जाता है और उन्हें हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले राजा के रूप में जाना जाता है। अब योगी सरकार ने उन्हें उचित सम्मान देते हुए, उनके नाम पर उत्तर प्रदेश में विश्व विद्यालय बनाने की घोषणा की है।
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60 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में राजभर समुदाय का वर्चस्व
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर चुनाव प्रचार में आजमगढ़ पहुंचे देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की है। यूपी की सियासत में राजभर समुदाय की विशेष भूमिका है। कहा जाता है कि यूपी की सत्ता की चाभी इनके पाले से होकर ही गुजरती है। राजभर समाज पूर्वी यूपी में कुल मतदाताओं का 18 प्रतिशत का हिस्सेदार है और 60 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में यह समाज अपना प्रमुख वर्चस्व रखता है।
आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आजमगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि “महाराजा सुहेलदेव के नाम पर नया राज्य विश्वविद्यालय होगा, जो आजमगढ़ के पहचान के संकट को समाप्त करेगा।“
दूसरी ओर अमित शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “जिस आजमगढ़ को दुनियाभर के अंदर, सपा शासन में कट्टरवादी सोच और आतंकवाद की पनाहगाह के रूप में जाना जाता था, उसी भूमि पर आज मां सरस्वती जी का धाम बनाने का काम हम लोग कर रहे हैं।”
गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में बदलाव लाने में सीएम योगी के नेतृत्व की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि “लोगों को देवी सरस्वती के मंदिर की स्थापना के लिए योगी सरकार का आभारी होना चाहिए।“
बीजेपी ने लगाए एक तीर से दो निशाने
बता दें कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और दूसरी ओर उस इलाके में राजभर समुदाय की लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है। ऐसे में बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने लगाने वाला काम किया है। एक ओर महाराजा सुहेलदेव के नाम पर पार्टी बनाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने वाले ओमप्रकाश राजभर अब कहीं के नही रहें, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में कील ठोकने का काम किया है। स्पष्ट है कि आने वाले चुनाव में इसका फायदा बीजेपी को होने वाला है।
गौरतलब है कि साल 2014 से पहले आजमगढ़ के लोगों के लिए यूपी के बाहर रहना काफी मुश्किल था। इसका मुख्य कारण आजमगढ़ में होने वाली आपराधिक और आंतकी घटनाएं थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आजमगढ़ अब कट्टरपंथियों के गढ़ के रूप में कुख्यात नहीं रहा, योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिले हैं! वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर राजभर समाज के वोट पर भी है। अब इस घोषणा के बाद तो एक बात स्पष्ट है कि बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर को कहीं का नहीं छोड़ा, अब वो अपनी और अपनी पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की साख कैसे बचा पाएंगे, यह उनके लिए बड़ी चुनौती है!
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