भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा बॉर्डर पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल तैनात करने की बात सामने आते ही, चीन नियंत्रित तिब्बत और अन्य क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को निशाना बनाने की संभावान से घबराए हुए ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर से रोना रोया है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में यह दिखाने की कोशिश की है कि भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन लेख की भावनाओं को देखें तो यह स्पष्ट पता चल रहा है कि सीसीपी सकते में है।
दरअसल, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चार धाम प्रोजेक्ट के विरुद्ध दायर की गई याचिका में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि देश को चीनी सीमा पर चौड़ी सड़कों की आवश्यकता है, जिससे ब्रह्मोस जैसे मिसाइल सिस्टम को सीमा तक पहुंचाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट में सरकार के बयान के बाद चीन की चिंता बढ़ गई है। ब्रह्मोस की तैनाती की खबर सुनते ही चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख छापते हुए केंद्र सरकार के बयान की आलोचना की है। ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के माध्यम से लिखा है कि “ब्रह्मोस मिसाइल तैनात करने की भारत की योजना से सीमा पर तनाव बढ़ गया है, लेकिन (चीन को) कोई वास्तविक खतरा नहीं है।”
Chinese observers slammed India’s plan to deploy BrahMos missile – its most advanced missile – at India-China border, warning it would add new barriers to talks to peacefully address the border tension and further deteriorate ties.https://t.co/jy7HACtvxr
— Global Times (@globaltimesnews) November 14, 2021
ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया है चीनी विशेषज्ञ भारत सरकार के निर्णय की आलोचना करते हैं। भारत के सबसे अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम ब्रह्मोस की तैनाती सीमा पर तनाव को बढ़ाएगी, जिससे बातचीत में और अड़ंगे आएंगे। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत सरकार का निर्णय सीमा पर तनाव को बढ़ाएगा और इससे संबंधों में कटुता और बढ़ेगी। हालांकि, सीसीपी के श्वान ने ये भी कहा है कि चीनी सेना अपने एयर डिफेंस को और मजबूत करेगी, जिससे ब्रह्मोस को भी इंटरसेप्ट किया जा सके।
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भारत के पूर्व विदेश सचिव ने दी जबरदस्त प्रतिक्रिया
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए भारत के पूर्व विदेश सचिव तथा तुर्की, मिस्र, फ्रांस और रूस में भारत के राजदूत रहे कंवल सिब्बल ने कहा, “अच्छा हुआ कि चीन यह सब नोटिस कर रहा है। ब्रह्मोस पहले से ही तिब्बत में चीनी प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है। चीन के खतरे से निपटने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में चीन को खुला संकेत देने के लिए अब इसका प्रचार किया जा रहा है।”
Good that China is noting all this. Brahmos is already targeting Chinese installations in Tibet. This is being publicised now to send on open signal to China about India’s preparedness to meet China’s threat. https://t.co/RMY1UkigFe
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) November 14, 2021
महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय सेना चीनी सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात करेगी यह चीन को पहले से पता है। लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से जिस प्रकार प्रचारित किया गया है, उसका उद्देश्य चीन पर मनो वैज्ञानिक दबाव बनाना है। विदेश मामलों के जानकार कंवल सिब्बल ने भी भारत के निर्णय को सही माना है।
इसके पहले भारत में अपने अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान को हाशिमारा एयरबेस पर तैनात करने का निर्णय किया था। यह निर्णय भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से अरुणाचल और असम सीमा पर चीनी खतरे से निपटने के लिए किया गया है।
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भारत की तैयारी से भयभीत है चीन
हाल ही में यह खबर भी आई है कि भारत अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तानी सीमा पर तैनात करेगा, जिससे भारत युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान के एक तिहाई एयरस्पेस को पूरी तरह से अपने दबाव में ले सकता है। सरकार सीमा सुरक्षा के लिए जिस प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और जिस दृढ़ निश्चय के साथ अपना पक्ष स्पष्ट कर रही है, उससे यह साफ पता चलता है कि भारत अकेले चीन तो क्या, चीन और पाकिस्तान के संयुक्त मोर्चे से भी युद्ध करने को तैयार है।
चीन ने जब LAC पर सैन्य तनाव बढ़ाना शुरू किया था, तो उसे उम्मीद थी कि वो भारत पर दबाव बनाकर, उसे अपनी विदेश नीति को बदलने पर मजबूर करेगा। चीन को कोरोना के फैलाव का अंदाजा था और उसे यह भी समझ आ गया था कि दुनिया कोरोना के फैलाव के बाद चीन के आर्थिक बहिष्कार की ओर बढ़ेगी। ऐसे में भारत मौके का फायदा न उठा सके, इसलिए चीन, भारत को डराकर शांत रखना चाहता था। पर हुआ ठीक इसके उल्टा, यही कारण है कि अब भारत की तैयारी चीन को भयभीत कर रही है और उसका भय ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से स्पष्ट दिख गया है।