लाल बिहारी मृतक का नाम अपने सुना ही होगा। वहीं लाल बिहारी जिनका चरित्र चित्रण पंकज त्रिपाठी ने “कागज” फ़िल्म में किया है। अब अगर आपने कागज फ़िल्म भी नहीं देखी तो लाल बिहारी का परिचय कुछ इस हिसाब से है-
लाल बिहारी मृतक, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के अमिलो के एक भारतीय किसान और कार्यकर्ता हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर 1975 और 1994 के बीच मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने यह साबित करने के लिए 19 साल तक भारतीय नौकरशाही के साथ संघर्ष किया कि वह जीवित हैं। इस बीच, उन्होंने अपने नाम के साथ मृतक जोड़ा और उनके जैसे अन्य मामलों को उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ डेड पीपल, मृत संघ की स्थापना की है।
भारत में मामले अनोखे आते हैं। कई बार गलती से किसी को मृत घोषित कर दिया जाता है। कई बार सोची समझी रणनीति के तहत किसी को मार दिया जाता है। समस्या वह नहीं है, समस्या यह है कि गलती को आप सच मानकर आप उसका लाभ उठाने लगें। अब कांग्रेस और कुछ स्वघोषित पत्रकारों को ही ले लीजिए, एक दूसरा लाल बिहारी उन्होंने निशा दहिया के रूप में खड़ा कर दिया। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह जिंदा लोगों में जाति ढूंढते हैं और मरने पर उनकी महत्ता…! लेकिन इस बार उनकी जो मिट्टी पलीद हुई है कि भविष्य में भाजपा की आलोचना करने के लिए दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
निशा दहिया 23 साल की भारतीय पहलवान हैं। जो वर्तमान में 65 किग्रा वर्ग की खिलाड़ी हैं। हाल ही में निशा दहिया ने सर्बिया के बेलग्रेड में कुश्ती अंडर -23 विश्व चैंपियनशिप में 65 किग्रा में कांस्य पदक जीता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर पहलवान को बधाई दी थी, “शिवानी, अंजू, दिव्या, राधिका और निशा को बेलग्रेड में कुश्ती चैंपियनशिप में पदक जीतने के लिए बधाई। उनका प्रदर्शन खास है और कुश्ती को पूरे भारत में और अधिक लोकप्रिय बनाने में योगदान देगा।”
एक नाम के दो लोग
सोनीपत जिले की एक कुश्ती अकादमी में बुधवार को कुछ हमलावरों द्वारा की गई फायरिंग में विश्वविद्यालय स्तर की पहलवान निशा दहिया और उनके भाई की मौत हो गई है और उनकी मां घायल हो गईं हैं।
सोनीपत के अधिकारी ने मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मां के बयान के आधार पर दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि पवन ने बुधवार दोपहर निशा को कथित तौर पर अकादमी बुलाया और उसके साथ छेड़छाड़ की।” उसने कथित तौर पर उसे धमकी भी दी कि अगर उसने अपने परिवार में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अब यहां एक ही नाम के दो व्यक्ति हो गए ,जिनका स्वाभाविक पेशा भी कुश्ती है। इस संयोग के चलते लोगों को उलझन होने लगी। लोगों को अंतर अभी समझ में आ पाता कि कांग्रेस पार्टी ने इस अज्ञानता का लाभ उठाकर सबको गुमराह करना शुरू कर दिया।
कांग्रेस नेता और कुछ वामपंथी विचारधारा वाले पत्रकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शासन पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए बयान देना शुरू कर दिया। यह तो भला हो पहलवान निशा दहिया का, उन्होंने वीडियो जारी करते हुए अपने कुशल मंगल होने का प्रमाण दिया।
वीडियो प्रकाशित करते हुए स्पोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया की मीडिया ने लिखा, “महत्वपूर्ण जानकारी- राष्ट्रीय स्तर की पहलवान #NishaDahiya को लेकर कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा साझा की जा रही खबर फर्जी है। नीचे दिया गया वीडियो खुद निशा से प्राप्त हुआ है।”
IMPORTANT INFORMATION
The news being shared by certain media platforms regarding national level wrestler #NishaDahiya is fake
The video below is received from Nisha herself@ianuragthakur @NisithPramanik @ANI@PIB_India @DDNewslive @PTI_News
(1/2) pic.twitter.com/yN8oYBVUhM
— SAI Media (@Media_SAI) November 10, 2021
यह सच सामने आते ही कांग्रेस के नेता अपने ट्वीट डिलीट करने लगे लेकिन बहुत से लोगों ने उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट ले लिया थे। प्रीति गांधी ने तहसीन पूनावाला और कांग्रेस के श्रीनिवास का स्क्रीनशॉट सार्वजनिक करते हुए कहा, “ध्यान दें कि कैसे @tehseenp और @srinivasiyc ने #NishaDahiya के बारे में अफवाहें के सामने आते ही पीएम @narendramodi और हरियाणा के सीएम @mlkhattar पर हमला किया था। यह महसूस करने पर कि यह #FakeNews थी, उन्होंने निशा दहिया को शुभकामनाएं दीं और पीएम और हरियाणा के सीएम के खिलाफ अपनी बदनामी को चतुराई से नजरअंदाज कर दिया। शर्मनाक !!”
Note how @tehseenp & @srinivasiyc pounced to attack PM @narendramodi & Haryana CM @mlkhattar as soon as rumours about #NishaDahiya emerged.
On realising it was #FakeNews they gave Nisha Dahiya good wishes & smartly ignored their slander against the PM & Haryana CM. SHAMEFUL!! pic.twitter.com/jFmUlyGaVi
— Priti Gandhi (Modi ka Parivar) (@MrsGandhi) November 10, 2021
कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने अपने ट्वीट में लिखा था, “विश्व चैंपियनशिप में पदक हासिल करने के बाद और प्रधानमंत्री से शाबाशी पाने के बाद निशा दहिया की गोली मारकर हत्या। RIP #NishaDahiya”
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही जब श्रीनिवास को मालूम हुआ कि वह भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, तो श्रीनिवास ने लिखा, “यह जानकर खुशी हुई कि निशा दहिया सुरक्षित हैं। शुभकामनाएं!”
इसी तरह के सामाजिक ज्ञानचंद तहसीन पूनावाला ने भी ट्वीट कर दिया, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी, जिस निशा दहिया के बारे में अपने ट्वीट किया था, उसे और उसके भाई को गोली मार दिया गया है। कृपया कर न्याय प्रदान करें और मुख्यमंत्री खट्टर भी जिम्मेदारी निभाएं।”
इनको भी जब मालूम चला कि सच बाहर आ चुका है तो ट्वीट किया कि “अभी अभी मालूम चला है कि निशा दहिया सही हैं, सुरक्षित हैं।”
कांग्रेस ने अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में दूसरा लाल बिहारी खड़ा कर दिया और साथ में राजनीति का निम्न स्तर भी बता दिया। यह शर्मनाक है क्योंकि राजनीति का स्तर गिराने में ऐसे लोगों का बहुत बड़ा हाथ हैं। खैर, गलतियों से ना सीखने की प्रतियोगिता में काँग्रेस पार्टी दुनिया में इतने शीर्ष पायदान पर है कि उसका कोई तोड़ ही नहीं। ये नया कीर्तिमान बस उसमें एक नया मुकाम और जोड़ेगा।