क्रिप्टोकरेंसी पर पीएम मोदी का फैसला सामयिक और बिल्कुल सही है

देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है क्रिप्टो!

क्रिप्टोकरेंसी

देश में क्रिप्टोकरेंसी एक बड़ी समस्या बनते जा रही है। युवाओं में विशेष तौर पर क्रिप्टो में पैसे लगाने का चलन बढ़ता जा रहा है, नतीजन  इस क्रिप्टो में पैसे लगाने की लत से लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पर रहा है, क्योंकि क्रिप्टो को लेकर जो लगातार प्रचार होते रहते हैं, उसके बाद भी लोग क्रिप्टो की सही जानकारी के अभाव में उसमें पैसे लगा बैठते हैं और फिर बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी आजकल निवेशक वर्ग में सबसे प्रचलित शब्द है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सबसे अधिक चर्चा होती है। नई तकनीकों के प्रति युवा भारतीयों में उत्साह बहुत आकर्षक है और यही कारण है कि, देश में यूनिकॉर्न की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

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क्रिप्टो कानून को लेकर सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी मोदी सरकार

हालांकि, नई तकनीकों को अनियंत्रित नहीं छोड़ा जा सकता है, क्योंकि उनका उपयोग आतंकवाद, मादक पदार्थों की चोरी और कई अन्य प्रकार के अवैध लेनदेन के लिए किया जा सकता है। इस प्रकार  इन नई तकनीकों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियामक अधिकारियों की देखरेख में होना चाहिए कि उनका उपयोग राष्ट्रीय हित और आर्थिक समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए सीमित हो सके, न कि इसके विरूद्ध।

भारत लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी को लेनदेन के वैध साधन के रूप में उपयोग करने के लिए अनिच्छुक रहा है। RBI ने देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में 2018 में एक अधिसूचना जारी की थी। इस साल फरवरी में, मोदी सरकार ने संसद के बजट सत्र के दौरान ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश किया, ताकि “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार किया जा सके। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो पर कानून बना सकती है।

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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र सरकार अपना सकती है कड़ा रुख

अब क्रिप्टो को लेकर केंद्र की मोदी सरकार सतर्क हो चुकी है और इस गंभीर मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर हुई एक अहम  बैठक की अध्यक्षता की है। गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा निवेशकों को डिजिटल मुद्रा के बारे में आगाह करने के बाद हुई है। क्रिप्टो के अति-वादे और गैर-पारदर्शी विज्ञापन के माध्यम से युवाओं को भटकाने के प्रयास को रोकना होगा, बैठक में इस पर चर्चा की गई।

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में RBI का एक ठोस पक्ष है कि क्रिप्टो देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक खतरा हो सकता है। आने वाले समय में मोदी सरकार और RBI की संयुक्त समझ क्रिप्टो के मुद्दे पर रहेगी और केंद्र सरकार के इस मुद्दे पर हुई बैठक से यह संकेत मिलता है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र सरकार कड़ा रुख अपना सकती है।

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