यूके ने कोवैक्सिन को दी मंजूरी! – ‘कोरोना’ 21वीं सदी का सबसे खतरनाक वायरस है, जिसने पूरी दुनिया को शारीरिक और आर्थिक तौर पर तबाह कर दिया है। चीन से उत्पन इस वायरस ने दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। इस वायरस ने ना सिर्फ मानव जीवन को अस्त-व्यस्त किया अपितु देश की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी को तोड़ने का भी काम किया है। वायरस लगभग पिछले डेढ़ सालों से संकटकालीन रूप को धारण किए है। साल 2021 की शुरुआत में जब कोरोना वायरस का टीका आम जनमानस को लगना शुरू हुआ, तो ऐसा प्रतीत होने लगा कि अब इस खतरनाक वायरस पर लगाम लगाया जा सकेगा।
हालांकि, कोरोना का टीका आने के बाद पूरी दुनिया की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। कोरोना का टीका जैसे ही बना, पूरे विश्व में वैक्सीन को लेकर एक बहस छिड़ गई और वो बहस थी कि किस ब्रांड का टीका अधिक लाभदायक है और यह एक व्यक्ति की जीवन रक्षा के लिए कितने प्रतिशत तक कारगर सिद्ध हो सकता है?
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यूके ने दी भारतीय कोवैक्सिन को मंजूरी
इसी बीच जब भारत ने अपनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ‘COVAXIN’ तैयार की, तो WHO के साथ हीं यूरोप और अमेरिका जैसे देशों ने अपने यहां COVAXIN को मान्यता में आनाकानी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद भारत ने इन देशों को लेकर अपना कड़ा रुख अपनाया था। कोवैक्सिन भारत में उपयोग की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी वैक्सीन है। ऐसे में, वे लोग जो विदेश जाना चाहते थे, उन्हें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था।
साल 2014 के बाद मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति और बेहतर हुई है। यह विदेश नीति का ही परिणाम है कि भारतीय कोरोना वैक्सीन को लेकर यूके सरकार ने कहा “भारत के कोवैक्सिन को 22 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए स्वीकृत COVID-19 टीकों की सूची में जोड़ा जाएगा”, जिसका अर्थ है कि भारत बायोटेक-निर्मित टीका लगाने वालों को इंग्लैंड आने के बाद खुद को Isolate नहीं करना पड़ेगा। यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कोवैक्सिन के लिए आपातकालीन उपयोग सूची का अनुसरण करता है। इससे पहले कोविशील्ड, भारत निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन को पिछले महीने यूके की अनुमोदित सूची में शामिल किया गया था।
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यूके के बाद कनाडा देगा COVAXIN को मान्यता
गौतलब है कि यूके सरकार के तरफ से इस तरह का सकारात्मक बयान सामने आने के बाद से मोदी सरकार की विदेश नीति की खूब वाहवाही हो रही है। वहीं लोग इसे मोदी सरकार की विदेश नीति की जीत बता रहे हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने यूरोपियन देशों, खासकर यूके पर दाबाव बनाना उसी समय शुरू कर दिया था, जिस समय से यूके भारतीय निर्मित कोरोना वैक्सीन को मान्यता देने में हिचकिचा रहा था।
यही नहीं, अब भारत के यात्रियों के लिए एक और बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है कि यूके के बाद कनाडा भी 30 नवंबर, 2021 से भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को मान्यता देगा। उत्तरी अमेरिकी देश ने WHO अनुमोदित कोविड -19 की अपनी सूची का विस्तार किया है, जिसे कनाडा में यात्रा के लिए स्वीकार किया जाएगा। वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार के कड़े रुख के बाद से ही कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार दबाव में आ गई थी। ऐसे में, यूके और कनाडा सरकार का यह निर्णय उन लोगों के लिए लाभकारी होगा, जो covaxin का टीका लगवा चुके हैं और इसकी अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे थे।