8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में CDS Gen बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मी एक दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हुए। यह दुर्घटना रूस निर्मित Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर के सुलूर, कोयंबटूर में वायु सेना बेस से नीलगिरी हिल्स में वेलिंगटन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद हुई। लेकिन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की दुर्घटना की खबर आते ही एक वर्ग खुशी से झूम उठा। किसी ने मृत्यु की पुष्टि से पूर्व ही उनके निधन की कामना की, तो किसी ने अपना हिसाब चुकता करने की बात की।
लेकिन इस राष्ट्र ने भी तय कर लिया कि बस अब बहुत हुआ, ये देश अब चुप नहीं बैठेगा। हाल ही में बेंगलुरु पुलिस ने अन्वेषा सेन नामक एक विद्यार्थी पर आपराधिक मुकदमा के अंतर्गत कार्रवाई करने का निर्णय किया है। अन्वेषा सेन ने जनरल रावत को ‘वॉर क्रिमिनल’ कहकर संबोधित किया और उनका उपहास उड़ाया, जिसके पश्चात बेंगलुरु पुलिस ने सभी उच्चाधिकारियों से इस मामले पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।
This Azim Premji University has become home to communists and anti-India cartels.
Azim Premji also funds communist propaganda media like The wire, Barkha dutt etc via IPSMF! pic.twitter.com/EAtFsMiz2A
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) December 9, 2021
@CybercrimeCID @bngdistpol @ips_patil @CCBBangalore
— ಬೆಂಗಳೂರು ನಗರ ಪೊಲೀಸ್ BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) December 9, 2021
इसके साथ ये भी पता चला कि अन्वेषा सेन अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में रिसर्च सहायक है। विप्रो के पूर्व अध्यक्ष द्वारा संचालित यह संस्थान टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की भान्ति वामपंथियों और राष्ट्रद्रोहियों को बढ़ावा देने हेतु काफी लाइमलाइट में भी रहा है।
परन्तु ये तो मात्र प्रारंभ था। जब बात देश के CDS जनरल रावत के सम्मान पर आई, तो कर्नाटक तो कर्नाटक, राजस्थान जैसे कथित तौर पर सेक्युलर शासित राज्य भी राष्ट्रधर्म से पीछे नहीं हटे। टोंक में जवाद खान नामक व्यक्ति ने इन्स्टाग्राम और ट्विटर पर जनरल रावत की मृत्यु का खूब उपहास उड़ाया और आपत्तिजनक post भी किये, लेकिन जब इसका विरोध प्रारंभ हुआ, तो टोंक पुलिस को भी कार्रवाई करने पर विवश होना पड़ा, और आख़िरकार जवाद खान को हिरासत में लिया गया।
इसी भान्ति गुजरात और उत्तर प्रदेश की सरकार ने तो स्पष्ट कर दिया है – जो भी जनरल रावत का उपहास उड़ाएगा, जनता बाद में देखेगी, प्रशासन अलग से इनकी खातिरदारी करेगा। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण पेश करते हुए शिवराज अहीर नामक एक व्यक्ति को अमरेली जिले के राजुला जिले से हिरासत में लिया, क्योंकि उन्होंने जनरल रावत और दिवंगत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को लेकर काफी आपत्तिजनक पोस्ट किये थे।
पुलिस के अधिकारिक बयान के अनुसार, “जब जनरल रावत के मृत्यु के समाचार की पुष्टि हुई, तो शिवराज अहीर ने जनरल रावत के विरुद्ध आपत्तिजनक पोस्ट किये और वही काम पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किया था। उन्होंने ऐसे ही पोस्ट राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के लिए भी किया यहीं नहीं, ये भी सामने आया कि ये व्यक्ति इससे पूर्व भी ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट करता आया है, और ये हिन्दू देवी देवताओं के लिए भी ओछी भाषा का प्रयोग करता आया है।”
हम सभी परिचित हैं कि कैसे नेशनल हेराल्ड के साथ काम करने वाले एशलिन मैथ्यू ने एक आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि जनरल रावत की असामयिक मृत्यु ‘ईश्वरीय हस्तक्षेप’ था। हालांकि, प्रतिक्रिया के बाद, मैथ्यू ने ट्वीट को हटा दिया।
कुंठा की औषधि तो स्वयं ईश्वर के पास भी नहीं होगी, और इस तरह की ओछी टिपण्णी करने वाले लोगों की मानसिकता इसी का प्रतिबिम्ब है। लेकिन पुलवामा के हमले की भांति देश एक बार फिर एकजुट हो चुका है और उसने शपथ ले ली है कि वह देश के दुश्मनों को न केवल दर्पण दिखायेगा, अपितु उन्हें चाहे एक दिन के लिए सही, परन्तु कारागार के पीछे भी पहुंचाएगा, तो भाई लिबरलों, जनता का हिसाब स्पष्ट है, राष्ट्रद्रोह के लिए कोई क्षमायाचना नहीं!