‘कोरोना’ एक ऐसा घातक वायरस है, जो विश्व के विभिन्न देशों में अब तक लाखों लोगों को लील चुका है। कोरोना वायरस ने पिछले दो वर्षों में आमजनमानस को तबाह कर दिया है। जब पूरे विश्व में कोरोना तबाही मचा रहा था, उसी बीच कोरोना वायरस टीके का निर्माण लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया और साथ हीं इस वायरस से सुस्त पड़ी ज़िन्दगी को वापस पटरी पर दौड़ने में मदद मिली। इसी बीच जब लोग कोरोना से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, कोरोना के इस दौर में नए- नए वैरिएंट सामने निकलकर आ रहे हैं। हाल ही में, कोरोना के एक नए वैरिएंट Omicron ने वीभत्स रूप अपना लिया है। ऐसे में, भारत की वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने 41 अफ्रीकी देशों को घरेलू रूप से निर्मित वैक्सीन की आपूर्ति की है।
अफ़्रीकी देशों को मेड-इन-इंडिया टीकों की आपूर्ति
WHO ने वायरस इवोल्यूशन (TAG-VE) के तकनीकी सलाहकार समूह की सलाह पर वैरिएंट बी.1.1.529 को चिंता का एक प्रकार नामित किया है, जिसे Omicron कहा जाता है। Omicron को लेकर अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि डेल्टा सहित अन्य प्रकारों के संक्रमण की तुलना में Omicron का संक्रमण कितना गंभीर हो सकता है? Omicron वैरिएंट के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ रही है। वर्तमान में, Omicron वैरिएंट की गंभीरता के स्तर को समझने में समय लगेगा।
इस बीच आपको बता दें कि COVID-19 के नए वैरिएंट Omicron को लेकर भारत ने कहा है कि “वह इस वैरिएंट से लड़ने में मदद के लिए अफ्रीका को और अधिक COVID-19 वैक्सीन भेजने के लिए “तेजी से” तैयार है।” भारत ने कहा कि “41 अफ्रीकी देशों को घरेलू रूप से निर्मित वैश्विक वैक्सीन-वितरण नेटवर्क COVAX के माध्यम से कोविद शॉट्स की 25 मिलियन से अधिक खुराक की आपूर्ति की गयी है।” विदेश मंत्रालय के एक बयानके अनुसार, “भारत सरकार Omicron संस्करण से निपटने में अफ्रीका में प्रभावित देशों का समर्थन करने के लिए तैयार है, जिसमें मेड-इन-इंडिया टीकों की आपूर्ति भी शामिल है।”
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WHO और भारत बायोटेक Omicron पर कर रहे हैं शोध
भारत बायोटेक इस बात का अध्ययन कर रहा है कि क्या स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन कोरोना वायरस के Omicron वैरिएंट के खिलाफ कितना कारगर सिद्ध होगा? लिहाजा, भारत बायोटेक ने अफ्रीका को कोरोना वैक्सीन निर्यात करके Omicron वैरिएंट से मुक्त कराने का वादा भी किया है। प्रारंभिक साक्ष्य से पता चलता है कि चिंता के अन्य प्रकारों की तुलना में Omicron के साथ पुन: संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है (यानी, जिन लोगों को पहले COVID-19 था, वे Omicron के साथ अधिक आसानी से पुन: संक्रमित हो सकते हैं), लेकिन अभी इसपर पूरा रिसर्च होना बाकी है।
WHO के माध्यम से, इस बारे में अधिक जानकारी आने वाले कुछ दिनों और हफ्तों में पता चल जाएगी। वर्तमान समय में, WHO Omicron को बेहतर ढंग से समझने के लिए दुनिया भर में बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहा है कि संक्रमण की गंभीरता (लक्षणों सहित) कितनी हो सकती है?
आपको बता दें कि भारत उन देशों में शामिल था, जिसने सबसे पहले विश्व के विभिन्न देशों को कोरोना की वैक्सीन मुहैया कराने का बीड़ा उठाया था। केंद्र की मोदी सरकार की इस पहल का दुनिया ने लोहा माना है और भारत ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जीवन रक्षा के श्रोत के तौर पर वैक्सीन का मुफ्त निर्यात भी किया है, जिससे भारत और मोदी सरकार की लोकप्रियता विश्व पटल पर छाई हुई है।