TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हाइड्रोजन संचालित वाहनों को लॉन्च करने की जिम्मेदारी अब नितिन गडकरी के हवाले

EV समर्थकों को करारा तमाचा!

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
4 December 2021
in चर्चित
हाइड्रोजन कार
Share on FacebookShare on X

एक लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों को परंपरागत गाड़ियों जो पेट्रोलियम और उसके बाई प्रोडक्ट से चलती हैं, उनके विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। लिथियम आयन बैटरी बढ़ते प्रदूषण के लिए रामबाण की तरह प्रचारित की जा रही है। ऐसे समय में, BMW, मर्सिडीज, फोर्ड जैसी बड़ी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के विनिर्माण को पूरी तरह अपनाने की बात कर रही है। एक बात तो स्वाभाविक है कि इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां वास्तव में परंपरागत गाड़ियों की अपेक्षा कम प्रदूषण फैलाती हैं किन्तु इसे भ्रम मात्र की भी संज्ञा दी जाती है। आइये हम जानते हैं कि कैसे भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के विकल्प को किस प्रकार तैयार कर रही है?

फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर बढ़ती निर्भरता

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में कार मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी बड़ी कंपनियों को फ्लेक्स फ्यूल इंजन बनाने का निर्देश दिया है। फ्लेक्स फ्यूल इंजन एक ही समय पर दो प्रकार के ईंधन का प्रयोग कर सकते हैं। सरकार की योजना एथेनॉल, मीथेनॉल और गैसोलीन पर चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा देने की है। बता दें कि फ्लेक्स फ्यूल इंजन गैसोलीन को एथेनॉल अथवा मीथेनॉल अथवा दोनों के मिश्रण के साथ प्रयोग में लाते हैं।

संबंधितपोस्ट

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

अब दुनिया के देशों में जो EV चलेगी, उस पर लिखा होगा मेड इन इंडिया : PM मोदी

एक पास, पूरे साल टेंशन फ्री सफर! जानें FASTag वार्षिक पास की फीस और अप्लाई करने से जुड़ी डिटेल्स

और लोड करें

वहीं, नितिन गडकरी का दावा है कि वह जल्द ही दिल्ली में हाइड्रोजन संचालित कार चलाकर दिखाएंगे। उन्होंने एक कॉन्फ्रेंस में कहा ‛“मेरे पास ग्रीन हाइड्रोजन पर बसें, ट्रक और कार चलाने की योजना है, जो शहरों में सीवेज के पानी और ठोस कचरे का उपयोग करके उत्पादित की जाएंगी।”

वर्तमान में भारत में परिवहन का 98% हिस्सा पेट्रोलियम संचालित है तथा जैव ईंधन मात्र 2% प्रयोग होता है। भारत अपने कुल पेट्रोलियम उपभोग में 85% विदेशों से आयात करता है। हर वर्ष 8 लाख करोड़ रुपए के पेट्रोलियम प्रोडक्ट आयात किए जाते हैं। यदि ऐसी ही निर्भरता पेट्रोल पर बनी रहे तो 5 वर्षों में इंपोर्ट बिल 25 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।

भारत में रिलायंस, GAIL, NTPC, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन तथा L&T इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। रिलायंस ने 2035 तक कंपनी के कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है।

बिजली उत्पादन को बढ़ाना होगा

लिथियम आयन बैटरी की माइनिंग स्वयं एक प्रदूषक प्रक्रिया है। एक बार लिथियम भूमि की सतह से प्राप्त कर लिया जाए तो उससे बैटरी बनाने में अत्यधिक ऊर्जा व्यय होती है। यहां पहली समस्या बैटरी की Recycling की भी है। यदि वर्तमान समय में प्रयोग हो रही गाड़ियों को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल में बदला जाए तो इतनी बड़ी संख्या में बढ़ने वाली बैटरी को Recycle करने की क्या व्यवस्था होगी इसका कोई ठोस उत्तर नहीं मिल सका है। दूसरी समस्या, इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति की है। यदि इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों ने परंपरागत गाड़ियों को पूरी तरह स्थानांतरित कर दिया तो उनकी संख्या के अनुरूप चार्जिंग स्टेशन और उसी अनुपात में बिजली उत्पादन भी बढ़ाना पड़ेगा, जो कि एक कठिन कार्य है।

और पढ़ें :- किसानों का उत्थान और भारत के 30000 करोड़ के खर्चे का समाधान – गडकरी का मास्टरप्लान

पेट्रोल संचालित गाड़ियों का विकल्प क्या है?

भारत में अधिकांश बिजली उत्पादन परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के दोहन से होता है। भारत में बिजली संयंत्र मुख्यतः कोयले का उपयोग करते हैं। यदि इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी तो भारत को बिजली उत्पादन भी बढ़ाना पड़ेगा। ऐसे में, यदि कोयले का दोहन बढ़ता है तो पर्यावरण उतना ही प्रदूषित होगा, जितना अभी पेट्रोल संचालित गाड़ियों के कारण हो रहा है। यह स्थिति केवल भारत के साथ नहीं है बल्कि अधिकांश विकासशील देशों में इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के प्रयोग के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है।

यह अनुमान लगाना कोरी कल्पना मात्र होगी कि कोयला संचालित अन्य संयंत्रों के स्थान पर बड़ी संख्या में न्यूक्लियर पावर प्लांट बना दिए जाएं। इसके लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है और वैश्विक स्तर पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने का विचार असंभव एवं विध्वंसकारी है। अतः प्रश्न यह है कि पेट्रोल संचालित गाड़ियों का विकल्प क्या है? भारत इस पर तेजी से कार्य कर रहा है।

और पढ़ें :- महामारी के अंत की शुरुआत हो सकता है Omicron

हाइड्रोजन फ्यूल है दूसरा विकल्प

सरकार मिशन हाइड्रोजन पर भी कार्य कर रही है। पृथ्वी पर पानी सबसे बड़े संसाधन के रूप में उपस्थित है। जल (H2O) में हाइड्रोजन के दो परमाणु होते हैं। बिजली की सहायता से हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से अलग करना संभव है और इस प्रक्रिया में प्राप्त हाइड्रोजन का प्रयोग ईंधन के रूप में हो सकता है। हालांकि, अभी हाइड्रोजन इंडस्ट्री अपने शुरुआती दौर में है किंतु 2018 से ऑस्ट्रेलिया में हुई एक रिसर्च में हाइड्रोजन का प्रयोग करके कार, स्टील प्लांट, पानी के जहाज आदि चलाने पर शोधकार्य हो रहा है।

और पढ़ें :-गोयल और गडकरी: कोविड के बाद आए बड़े आर्थिक बदलाव के वास्तुकार

हाइड्रोजन और बायो ईंधन को बढ़ावा देने की है आवश्यकता

भारतीय रेलवे भी डीजल संचालित इंजन को हाइड्रोजन संचालित इंजन में परिवर्तित करने की योजना पर कार्य कर रही है। सरकार की इन योजनाओं के कारण भारत में बड़े कार निर्माताओं ने फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के बाजार में नहीं उतरने का फैसला किया है। स्पष्ट है कि भारत की कार निर्माता कंपनियां ग्रीन एनर्जी लक्ष्य के लिए सरकार के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं। भारत में जिस प्रकार एथेनॉल और हाइड्रोजन फ्यूल इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी सिद्ध हो सकता है। यदि भारतीय अर्थव्यवस्था हाइड्रोजन ईंधन का प्रयोग करने में विश्व की प्रथम अर्थव्यवस्था बन जाती है, तो हम पेट्रोल पर से अपनी निर्भरता पूरी तरह समाप्त कर सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि भारत अपनी हाइड्रोजन ईंधन बनाने की तकनीक का निर्यात भी कर सकता है।

भारत के विस्तृत कृषि क्षेत्र के बलपर हम बायो इथेनॉल इंडस्ट्री को न केवल आत्मनिर्भर बना सकते हैं, बल्कि ऊर्जा निर्यातक देश भी बन सकते हैं। हाइड्रोजन और बायो ईंधन को बढ़ावा देकर भारत इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की अंधी दौड़ से स्वयं को अलग कर सकता है।

Tags: EVइलेक्ट्रॉनिक वाहननितिन गडकरीपेट्रोल
शेयर40ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बिहार पुलिस ने कक्षा-1 के छात्र के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत छेड़खानी का मामला दर्ज किया है

अगली पोस्ट

Annapurna Stotram meaning in Hindi एवं अन्नपूर्णा जयंती का महत्त्व

संबंधित पोस्ट

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited