उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है, तब से राज्य में माफियाओं की कमर टूट गई है। योगी सरकार के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में दर्जनों माफियाओं का एनकाउंटर हुआ है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया गैंगस्टर और विधायक मुख्तार अंसारी से संबंधित 10.10 करोड़ रुपये के अवैध आवास संपत्ति को ज़ब्त कर लिया है। यह संपत्ति उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के महुआबाग इलाके में स्थित है, और इसमें 550.1 वर्ग मीटर की भूमि शामिल है, जहां अंसारी ने 17 दुकानें बनाई थीं। अंसारी ने यह भूमि अपने बेटे अब्बास अंसारी के नाम पर लिया था।
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की संपत्ति हुई ज़ब्त
खबर के अनुसार, 22 दिसंबर को जिला और पुलिस अधिकारी विपणन परिसर में पहुंचे और उचित सार्वजनिक घोषणा के बाद संपत्ति को ज़ब्त की प्रक्रिया शुरू कर दी। बता दें कि अंसारी इस मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स में गज़ल होटल नामक एक होटल चला रहे थे, जिसे पिछले साल नवंबर में गजल होटल के फर्स्ट फ्लोर को मास्टर प्लान की अनदेखी कर बनाए जाने के जुर्म में डीएम की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद ध्वस्त कर दिया गया था। वहीं, यह माफिया राजनेता और उनके परिवार से संबंधित संपत्ति के ज़ब्त का पांचवां मामला है। बताते चलें कि वर्तमान में कुर्क की गई संपत्ति की कीमत करोड़ो में है।
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हालांकि, इससे पहले 8 दिसंबर को गंगिपुर जिला प्रशासन ने मुख्तार की पत्नी के नाम पर पंजीकृत देवरी में 1292.21 वर्ग मीटर की भूमि को ज़ब्त कर लिया है। भूमि की कीमत 9.44 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, अंसारी के करीबी सहयोगी शाहजामा (नायर) के 3 करोड़ रुपये के दो भूखंड भी ज़ब्त किये गए हैं। गौरतलब है कि जिलाधिकारी एम.पी. सिंह के आदेश पर गैंगेस्टर एक्ट के अंतर्गत IS-191 गैंग के लीडर मुख्तार अंसारी की प्रापर्टी में स्थित 17 दुकानों को सीज किया गया है। वर्तमान सर्किल रेट के आधार पर सीज की गई प्रापर्टी की कीमत अनुमानित 10 करोड़ 10 लाख रूपये है।
यूपी सरकार की माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस की नीति
दरअसल, अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी, उनके परिवार और गिरोह में 390 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय हानि का पता लगाया है। वर्तमान में, गैंगस्टर मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है और उनके अवैध साम्राज्य पर प्रवर्तन निदेशालय की पैनी नज़र है। इससे पहले अगस्त में, यूपी सरकार ने गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14 (1) के तहत मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी और उनके भाई से संबंधित संपत्तियों को ज़ब्त कर लिया था। यही नहीं अपितु यूपी सरकार ने सितंबर में मऊ जिले में अंसारी के करीबी सहयोगी उमेश सिंह से संबंधित 10 करोड़ रुपये को ध्वस्त कर दिया था।
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लिहाजा, योगी सरकार ने माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस की नीति अपनाई है और खुले तौर पर राज्य में माफिया राज को ध्वस्त कर दिया है। इसी कड़ी में मुख्तार और उन जैसे कुख्यात माफियाओं पर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यवाही इस बात की गवाही दे रही है कि योगी आदित्यनाथ अगर 2022 का विधानसभा चुनाव जीत गए तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश से माफिया राज पूरी तरह समाप्त हो सकता है।