देश के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश को ‘उगते सूरज की भूमि’ के रूप में जाना जाता है। चीन की सीमा से लगा अरुणाचल प्रदेश खूबसूरत पहाड़, तरह-तरह की वनस्पतियां और जीवों की चकाचौंध से संपन्न राज्य है, जो किसी भी पर्यटक को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेता है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक अरुणाचल प्रदेश पहुंचते हैं और राज्य के खूबसूरत वादियों में भ्रमण करते हैं। यह राज्य पर्यटन उद्योग क्षेत्र में बहुत ही संपन्न है और अपने खूबसूरत पर्यटन स्थल से अच्छा राजस्व प्राप्त करता है। इसी बीच खबर है कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने बॉलीवुड अभिनेता संंजय दत्त को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। राज्य सरकार द्वारा यह विशेष घोषणा अरुणाचल प्रदेश के नामकरण के 50वें वर्ष को चिह्नित करते हुए स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर की गई है।
खबरों के मुताबिक मीडिया अभियान के हिस्से के रूप में संजय दत्त को राज्य में पर्यटन के प्रचार वीडियो की एक श्रृंखला में दिखाया जाएगा। स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर अरुणाचल पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता ने स्थानीय युवाओं को बताया कि कैसे मादक पदार्थों की लत और इसे लेकर कई पहल हाल के वर्षों में राज्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। नशे की लत के अपने दिनों को याद करते हुए अभिनेता ने कहा कि जीवन जीने के लिए बेहतर है और जीवन दुनिया में किसी भी दवा से बेहतर है। अरुणाचल प्रदेश सरकार के इस कदम को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि संजय दत्त का निजी जीवन काफी विवादों के घेरे में रहा है।
और पढ़े: भारत को 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की विकट आवश्यकता है और Make In India ही है एकमात्र विकल्प
काला रहा है संजय दत्त का बैकग्राउंड
बताते चलें कि साल 1993 में 12 मार्च को मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इसके पीछे कई बॉलीवुड हस्तियों का नाम भी सामने आया। संजय दत्त को अबू सलेम और रियाज सिद्दीकी से अवैध बंदूकों की डिलीवरी लेने, उन्हें रखने और फिर नष्ट करने का दोषी माना गया था। टाडा अदालत में पेश सुबूतों के आधार पर ये हथियार उस जखीरे का हिस्सा थे, जिन्हें बम धमाकों और मुंबई पर हमले के दौरान इस्तेमाल किया जाना था। तब संजय दत्त ने अदालत को दिए अपने बयान में कहा था, “मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इन हथियारों को रखने का यही कारण था। मैं घबरा गया था और कुछ लोगों के कहने में आकर मैंने ऐसा किया।”
हालांकि, कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 6 वर्ष की सजा सुनाई थी। वहीं, अपने निजी रिश्तों और मादक पदार्थों का सेवन और विज्ञापन करने के कारण भी संजय दत्त विवादों के घेरे में रहे हैं। ऐसे में अब बीजेपी शासित अरुणाचल प्रदेश में संजय दत्त को ब्रांड एंबेसडर बनाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। इससे पहले आयुष मंत्रालय ने अपने एक अभियान में बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर को जोड़ा था, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसा बवाल मचा कि केंद्र सरकार को करीना कपूर खान से नाता तोड़ना ही पड़ा। मौजूदा समय में संजय दत्त को लेकर भी सोशल मीडिया पर ऐसे ही भौकाल मचा हुआ है।
और पढ़ें: बॉलीवुड-NCP-शिवसेना का गठजोड़ जितना NCB को पीछे धकेलेगा, वह उतना ही मजबूत होगा: मोदी सरकार
राज्य में पहले से ही मौजूद हैं कई सम्मानित व्यक्ति
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में पहले से ही ऐसे कई सम्मानित व्यक्ति मौजूद हैं, जिन्होंने विश्व पटल पर अरुणाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी अरुणाचल प्रदेश से ही आते हैं, राज्य सरकार उनके चेहरे को आगे कर सकती थी या इनके अलावा साफ छवि वाले अभिनेता या सेलिब्रिटी को भी ब्रांड एंबेसडर बनाया जा सकता था। लेकिन इन सभी को दरकिनार कर राज्य की बीजेपी सरकार ने संजय दत्त को चुना, जिनका बैकग्राउंड काफी खराब रहा है। ऐसे में सवाल तो उठेंगे हीं!
बता दें कि जीरो गांव, पक्के घाटी, दंबुक, नामसाई, परशुराम कुंड, पासीघाट, मेचुका और तवांग के सुरम्य अरुणाचल स्थानों पर बड़े पैमाने पर फिल्मांकन हो रहा है। महीने भर चलने वाला यह उत्सव 20 जनवरी, 2022 को जीरो गांव में मनाया जाएगा, क्योंकि जीरो में ही 1972 में अरुणाचल प्रदेश को इसका नाम और केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था। इसका समापन समारोह 20 फरवरी 2022 को राज्य दिवस के अवसर पर ईटानगर में आयोजित किया जाएगा।