मुख्य बिंदु
- Samsung ने शोर-रहित करने वाले हेडफ़ोन और हृदय गति मॉनिटर वाली स्मार्टवॉच को बढ़ावा देने के लिए जारी किया एक विज्ञापन
- इस विज्ञापन श्रृंखला को ‘अपने दिल की सुनो’ अभियान के रूप में शीर्षक देते हुए 5 मिनट का वीडियो जारी किया
- मुस्लिम समुदाय द्वारा नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने लगी तब Samsung ने यह विज्ञापन वापस ले लिया
- LGBTQ समुदाय ने विज्ञापन को हटाए जाने पर व्यक्त किया अपना असंतोष
Samsung सिंगापुर ने हाल ही में अपने नए पहनने योग्य उपकरणों जैसे कि शोर-रहित करने वाले हेडफ़ोन और हृदय गति मॉनिटर वाली स्मार्टवॉच को बढ़ावा देने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है। दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक दिग्गज ने इस विज्ञापन श्रृंखला को ‘अपने दिल की सुनो’ अभियान के रूप में शीर्षक देते हुए 5 मिनट का वीडियो जारी किया है किन्तु जब इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय द्वारा नकारत्मक प्रतिक्रिया मिलने लगी तब Samsung ने यह विज्ञापन वापस ले लिया।
विरोध के बाद Samsung ने हटाया विज्ञापन
दरअसल, इस विज्ञापन वाले वीडियो में एक मुस्लिम मां को अपने Drag Queen बेटे के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह LGBTQ विचारधारा को बढ़ावा देने का प्रयास है। Samsung ने बीते बुधवार को एक बयान जारी कर स्वीकार किया कि विज्ञापन को असंवेदनशील और आक्रामक माना जा सकता है। वहीं, सिंगापुर जैसा समृद्ध देश LGBTQ मामलों पर मुख्य रूप से रूढ़िवादी बना हुआ है। विज्ञापन के वीडियो में प्रतिभागियों का एक जोड़ा है, जिसमें एक हिजाब पहने मुस्लिम महिला दिखाई दे रही है, जिसका बेटा एक ड्रैग परफॉर्मर है। BBC के अनुसार अपने संदेश में वह उसे कहता है, “आप बस इस बात से परेशान हैं कि लोग आपको अलग तरह से देख रहे हैं या आपको आंक रहे हैं।”
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सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद, दक्षिण कोरियाई कंपनी (Samsung ) ने अपने सभी सार्वजनिक प्लेटफार्मों से सम्बंधित विज्ञापन को हटा दिया है। विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक इंटरनेट उपयोगकर्ता ने फेसबुक पर लिखा, “हम रूढ़िवादी संस्कृति में होमोफोबिया और ट्रांसजेंडरवाद की अवधारणा का विरोध करते हैं। यह मलय मुस्लिम समुदाय की शांति को अस्थिर करता है।” सिंगापुर में अल्पसंख्यक मलय जातीय समूह है और उनमें से कई धार्मिक रूप से मुस्लिम होने का दावा करते हैं। वहीं, कई अन्य लोगों ने Samsung के विज्ञापन को वापस लेने के फैसले की निंदा करते हुए दावा किया कि विविधता और समावेशिता नवाचार और विकास को बढ़ावा देती है। वहीं, LGBTQ समुदाय ने विज्ञापन को हटाए जाने पर अपना असंतोष व्यक्त किया है।
रूढ़िवादी विचारधारा से बाहर नहीं आ सका है यह समुदाय
स्थानीय LGBTQ+ संगठन Oogachaga केंद्र के प्रबंधक हिल्मी ने ब्रिटिश समाचार आउटलेट को बताया, “माँ-बेटे के रिश्ते के बारे में अल्पसंख्यक समूह से यह अपनी तरह का पहला वीडियो था और यह बहुत ही प्रगतिशील था।” इस बीच, लड़के को विज्ञापन में बेटे के रूप में दिखाया गया है। 20 जनवरी को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें अपने प्रशंसकों को आश्वस्त किया गया कि वह और उसकी मां बिल्कुल ठीक हैं।
व्याला वायरस के रूप में नामित ड्रैग परफॉर्मर जोड़ा ने कहा, “मैं उस वीडियो में कही गई टिप्पणियों पर चर्चा नहीं करने जा रहा हूं। वह वीडियो केवल एक माँ के प्यार के बारे में था और कुछ नहीं।” गौरतलब है कि सिंगापुर के समलैंगिक अधिकारों के आंदोलन का विरोध करने वाले समूह We Are Against Pink dot ने कहा, “हम समलैंगिकता और ट्रांसजेंडरवाद को एक रूढ़िवादी समाज में मुख्यधारा में लाने की विचारधारा के खिलाफ हैं।”
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ऐसे में, जहां तक सिंगापुर के मुस्लिम समुदाय का सवाल है तो इस समुदाय ने एक विज्ञापन के लिए अपनी नफरत को प्रदर्शित करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह समुदाय सदियों पुराने रूढ़िवादी रीति-रिवाजों में उलझा हुआ है। भारत, मलेशिया या सिंगापुर में रहने वाले नए धर्मान्तरित लोग पुरातन मान्यताओं का पालन करना जारी रखते हैं। वहीं, पाकिस्तान और मलेशिया जैसे दक्षिण एशियाई देशों में मुसलमान और इससे भी अधिक भारत जैसे ‘धर्मनिरपेक्ष’ देश में एक गंभीर पहचान संकट से पीड़ित हैं।