TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    Sahabaj Sarif Donald Trump PM Modi

    भारत के साथ बातचीत चाहता है पाकिस्तान, डोनाल्ड ट्रंप से लगाई गुहार

    विराट कोहली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

    RCB के जश्न में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    Sahabaj Sarif Donald Trump PM Modi

    भारत के साथ बातचीत चाहता है पाकिस्तान, डोनाल्ड ट्रंप से लगाई गुहार

    विराट कोहली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

    RCB के जश्न में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सतीश धवन- एक ऐसे वैज्ञानिक, जिनकी वजह से जमीन से छलांग मारकर आसमान तक पहुंचा भारत

ऐसे लोग विरले ही पैदा होते हैं!

Yashwant Singh द्वारा Yashwant Singh
23 January 2022
in ज्ञान
Satish Dhawan

Source- Google

Share on FacebookShare on X

अगर आपसे यह पूछा जाए कि अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े सबसे बड़े वैज्ञानिक का नाम क्या है तो आपका उत्तर क्या होगा? संभवत: आप भारत के वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम का नाम लेंगे, लेकिन क्या आपको मालूम है कि डॉ कलाम के भी एक गुरु हुए हैं, जिन्होंने लीडरशिप और वैज्ञानिक उपलब्धियों के मामले में ऐसे ऐसे काम किये हैं, जिन्हें जानकर आप भी उनपर गर्व करेंगे। हम बात कर रहे हैं भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर सतीश धवन की। अगर आज हिंदुस्तान जमीन से छलांग मार आसमान तक जा पहुंचा है, तो इसका श्रेय मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक सतीश धवन को जाता है। यह वही व्यक्ति हैं, जिनके नेतृत्व में भारत पहली बार लॉन्चिंग व्हीकल बनाने में सफल हुआ था। खैर आप इसका श्रेय डॉ कलाम को देते हैं, तो नही आप गलत नहीं है। सतीश धवन अगर कभी अपने बारे में सोचे होते, तो शायद हमारे जुबान पर उनका नाम हमेशा के लिए होता।

और पढ़ें: भारतीय वैज्ञानिक खनिज संपदा के लिए समुद्र की गहराइयों में गोता लगाने को तैयार

संबंधितपोस्ट

श्रीहरिकोटा में ISRO ने जड़ा शतक, शून्य से लेकर सौवें प्रक्षेपण तक का गौरवशाली इतिहास

‘मिशन अंतरिक्ष’ के नए सारथी: रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन के महारथी, चंद्रयान मिशन की सफलता में भी रहा योगदान, जानिए इसरो के नए प्रमुख डॉ. नारायणन का पूरा प्रोफ़ाइल

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की ‘संदिग्ध मौत’ की पूरी कहानी

और लोड करें

सतीश धवन का प्रारंभिक जीवन

सतीश धवन का जन्म 25 सितंबर 1920 को श्रीनगर में हुआ था। एक न्यायाधीश के बेटे, धवन का पालन-पोषण और शिक्षा लाहौर में हुई, जहां उन्होंने भौतिकी, गणित, साहित्य और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में क्रमिक रूप से डिग्री ली। भारतीय संदर्भ में विषयों का यह संयोजन असामान्य था। 1930 और 1940 के दशक का लाहौर एक ऐसा स्थान था, जिसने इस तरह के प्रयोग को प्रोत्साहित किया था। यह शहर तब संस्कृति और विद्वता का एक बड़ा केंद्र था, जो हिंदू, इस्लामी, सिख और यूरोपीय बौद्धिक परंपराओं का सबसे अच्छा संगम था।

वर्ष 1945 में धवन बैंगलुरु आएं और नव-स्थापित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में एक साल तक काम किया। इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। वर्ष 1947 में उन्होंने मिनेसोटा विश्वविद्यालय, मिनियापोलिस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री पूरी की और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, उसके बाद उन्होंने अपने सलाहकार हंस डब्ल्यू की देखरेख में गणित और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डबल पीएचडी की।

जब देश को आजादी मिली और विभाजन हुआ, तो वो देश से काफी दूर थे। बंटवारे की घटना ने उनके परिवार को पाकिस्तान छोड़ने और भारत में प्रवास करने के लिए मजबूर किया। अपनी अब विभाजित मातृभूमि में लौटने के तुरंत बाद, सतीश धवन भारतीय विज्ञान संस्थान में वैमानिकी विभाग में शामिल हो गए। उनके शुरुआती छात्रों में से एक रोडम नरसिम्हा याद करते हैं कि “धवन ने संस्थान में युवाओं में ताजगी, आधुनिकता, ईमानदारी और कैलिफ़ोर्निया की अनौपचारिकता का एक तत्व लाया, जिसने छात्रों और कई सहयोगियों को आकर्षित किया।”

हालांकि, एक नेता और एक इंसान के रूप में उनके असाधारण गुण, उनका महान व्यक्तिगत आकर्षण और उनकी गहरी सामाजिक चेतना, प्रो. धवन को कई अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से अलग करती है। उनसे जुड़ा एक मशहूर किस्सा यह है कि जब श्रीहरिकोटा रेंज का निर्माण किया जा रहा था, तब उन्होंने मवेशियों को दूर रखने के लिए रेंज की बाड़ लगाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह रेंज मवेशियों और वहां रहने वाले आदिवासी लोगों की है।

पद्म विभूषण से सम्मानित

प्रो. धवन को भारत और विदेशों में विभिन्न निकायों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 1977 में भारतीय विज्ञान अकादमी, बैंगलुरु का अध्यक्ष चुना गया और वर्ष में उन्हें 1981 में पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया गया। वो यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के लिए चुने जाने वाले कुछ भारतीयों में से एक थे। सतीश धवन प्रसिद्ध अमेरिकी इंजीनियर हैंस डब्ल्यू लीपमैन के छात्र थे, जो धवन को “एक उत्कृष्ट छात्र और आजीवन मित्र” मानते थे। अपने संस्मरण ‘विग्नेट्स’ में, लीपमैन ने उल्लेख किया कि कैसे धवन के नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिक समुदाय ने एक विकासशील राष्ट्र से कुछ शानदार प्रतिभाओं को जन्म दिया। गणितज्ञ और वैमानिकी इंजीनियर सतीश धवन, जिन्हें ‘भारत में प्रायोगिक द्रव गतिकी के जनक’ के रूप में माना जाता है, 1970 के दशक में जबरदस्त सफलता हेतु भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए देश में प्रसिद्ध हैं।

और पढ़ें: ISRO के वैज्ञानिक ने किया चौकाने वाला खुलासा, ‘मुझे जहर दिया गया’, कौन बनाना चाहता है इसरो को निशाना?

1972 में लिया विक्रम साराभाई का स्थान

वर्ष 1951 में प्रो. धवन भारतीय विज्ञान संस्थान में शामिल हुए और 1962 में वो इसके निदेशक बन गए। उन्होंने वर्ष 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई का स्थान लिया। वो अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव भी थे। धवन बैंगलुरु में स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में एक लोकप्रिय प्रोफेसर थे। उन्हें IIsc में भारत की पहली सुपरसोनिक पवन सुरंग स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है।

उन्होंने अलग-अलग सीमा परत प्रवाह, त्रि-आयामी सीमा परतों और ट्राइसोनिक प्रवाह के पुनर्विन्यासीकरण पर अनुसंधान का बीड़ा उठाया। प्रोफेसर धवन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रमुख थे, उन्होंने सीमा परत अनुसंधान के लिए पर्याप्त प्रयास किए। उनका यह सपना था कि भारत अपने तरीके ईजाद करे, जिससे सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा जा सके। उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान हरमन श्लिचिंग की मौलिक पुस्तक बाउंड्री लेयर थ्योरी में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत काम किया है और नाम कमाया है।

कलाम ने कही थे ये बात

बताते चलें कि दिवंगत ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को कहानियां सुनाना पसंद था। जुलाई 1979 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा एक उपग्रह के प्रक्षेपण से संबंधित एक कहानी उन्हें विशेष रूप से पसंद थी। कलाम ISRO में परियोजना के प्रभारी थे और जब कुछ सदस्यों ने इसकी तैयारी के बारे में आपत्ति व्यक्त की तो उन्होंने उन्हें खारिज कर दिया और आदेश दिया कि योजना के अनुसार आगे बढ़ो। वो प्रक्षेपण विफल रहा और उपग्रह अंतरिक्ष में जाने के बजाय बंगाल की खाड़ी में गिर गया।

टीम के नेता के रूप में कलाम विफलता से अपमानित थे और प्रेस के सामने इसकी घोषणा करने की संभावना से भयभीत थे। उन्हें इसरो के अध्यक्ष सतीश धवन ने शर्मिंदगी से बचाया, जो खुद टेलीविजन कैमरों के सामने यह कहने के लिए गए कि इस विफलता के बावजूद उन्होंने अपनी टीम की क्षमताओं में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और उन्हें विश्वास था कि उनका अगला प्रयास सफल होगा। उसके अगले महीने अगस्त में कलाम और उनकी टीम ने एक बार फिर से अंतरिक्ष में एक उपग्रह लॉन्च करने की कोशिश की। इस बार उन्हें सफलता मिली। धवन ने टीम को बधाई देते हुए कलाम को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने को कहा।

बाद के वर्षों में भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और बाद में भी कहानी सुनाते हुए, कलाम ने हमेशा यह कहा किया कि “जब विफलता हुई तो सतीश धवन ने एक लीडर के तौर पर इसे अपने हाथों में ले लिया। जब सफलता मिली तो उन्होंने इसका श्रेय अपनी टीम को दिया।” मतलब जब मिशन असफल हुआ तो धवन ने ज़िम्मेदारी खुद पर ली। सफल हुए तो अपनी टीम को आगे कर दिया। ISRO अगर आज बुलंदियों पर है तो इसके पीछे सतीश धवन जैसे लोगों का हाथ है। वर्ष 2002 में उनकी मृत्यु के बाद श्रीहरिकोट, आंध्रप्रदेश में स्थित भारतीय उपग्रह प्रमोचन केंद्र का पुनर्नामकरण प्रोफेसर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के रुप में किया गया।

Tags: इसरोए पी जे अब्दुल कलामसतीश धवन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

यही कारण है कि इंडोनेशिया की राजधानी अब जकार्ता नहीं नुसंतारा होगी

अगली पोस्ट

OPEC ऑयल गैंग को लगा बड़ा झटका, भारत में 15 साल के निचले स्तर पर पहुंचा OPEC से तेल का आयात

संबंधित पोस्ट

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन
ज्ञान

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

3 June 2025

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव...

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited