भारत में जब आदर्श महिलाओं की बात होती है, तो वैदिक युग के गार्गी, अपाला और मैत्री जैसी विदुषियों के साथ ही आधुनिक युग में महारानी लक्ष्मीबाई, दुर्गा भाभी, वैज्ञानिक असीमा चैटर्जी, पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी, स्व० सुषमा स्वराज जैसी महिलाओं के नाम आते हैं। किंतु पाकिस्तान के लिए आदर्श महिला और पाकिस्तान की बेटी कोई और नहीं, कुख्यात आतंकी आफिया सिद्दीकी है। बच्चों को टिफिन में बारूद भरकर स्कूल भेजने वाले देश से यही उम्मीद की भी जा सकती है। किंतु यह आफिया सिद्दीकी कौन है, जिसे दुनिया लेडी अलकायदा के नाम से जानती है।
टेक्सास के कोलीविल में यहूदियों के प्रार्थना स्थल, जिसे सेनोगॉग कहते हैं, उसमें एक बंदूकधारी प्रवेश करता है और वहां मौजूद 4 यहूदियों को बंधक बना लेता है। यह घटना शनिवार 15 जनवरी की है। बंदूकधारी आतंकवादी सेनोगॉग से प्रसारित होने वाले लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को चारों यहूदियों को छोड़ने के बदले आशिया सिद्धकी की रिहाई की मांग करता है। हालांकि, टेक्सास पुलिस ने मुठभेड़ में आतंकी को मार गिराया। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी की पहचान पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के रूप में की है।
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आतंक की दुनिया में लादेन की तरह है सिद्धकी का कद
ध्यान देने वाली बात है कि आफिया सिद्धकी का कद आतंक की दुनिया में ओसामा बिन लादेन से कम नहीं है। जिस प्रकार ओसामा बिन लादेन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अपने पिता का व्यापार संभालने के स्थान पर इस्लामिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जिहाद को चुना, उसी प्रकार आफिया सिद्दीकी ने भी एक सफल महिला वैज्ञानिक का जीवन छोड़कर ‘अल्लाह’ का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया था। आफिया सिद्दीकी पेशे से न्यूरो साइंटिस्ट थी। उसने अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ‛MIT’ से शिक्षा ग्रहण की थी और बैंडिस विश्वविद्यालय से PHD की डिग्री प्राप्त की थी। अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद वो पाकिस्तान गई और वहां से अफगानिस्तान चली गई, जहां उसका संपर्क अलकायदा के आतंकवादियों से हुआ।
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अलकायदा और तालिबान के शीर्ष नेताओं से हैं सिद्धकी के संबंध
यह महिला इतनी खतरनाक है कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां भी इससे डर चुकी थी। इस महिला के विचार इतने उत्तेजक थे कि इसके विरुद्ध कोर्ट की कार्रवाई के लिए अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को नई तरकीब निकालनी पड़ी। जब सिद्दीकी को पहली बार पकड़ा गया था, तब उसने पूछताछ के दौरान मौजूद एक सुरक्षाकर्मी की M4 राइफल छीनकर वहां मौजूद लोगों पर गोलियां चला दी थी। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इसी मामले में सिद्दीकी की गिरफ्तारी की और उस पर मुकदमा चलाया।
अमेरिकी खुफिया विभाग ने सिद्दीकी को आतंकी घटनाओं में संलिप्तता का आरोपी नहीं बनाया, क्योंकि यदि ऐसा किया जाता तो उसकी आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता सिद्ध करने के लिए कोर्ट के समक्ष प्रमाण प्रस्तुत करने पड़ते। उन प्रमाणों में सिद्धकी की भावी आतंकी योजनाओं से जुड़ी जानकारी भी होती। ध्यान देने वाली बात है कि आफिया सिद्दीकी ने शहरों के मुख्य जल स्त्रोत में जहर मिलाकर लाखों लोगों को मारने जैसी खूंखार योजनाएं बना रखी थी। इसी वजह से अमेरिकी खुफिया एजेंसी यह नहीं चाहती थी कि आफिया सिद्दीकी के विचार आम लोगों के बीच खुले। माना जाता है कि सिद्दीकी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हुए अलकायदा और तालिबान सहित वैश्विक आतंकी नेटवर्क के हर बड़े व्यक्ति से अपने संबंध बना लिए थे।
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यहूदियों ने आइंस्टीन दिया और पाक ने आफिया सिद्दीकी
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिद्दीकी को जेल से छुड़ाने के प्रयास में अब तक 57 लोग मारे जा चुके हैं। ISIS से लेकर अलकायदा तक सभी आतंकी संगठनों ने अलग-अलग हमलों के माध्यम से इसे छुड़ाने के प्रयास किए हैं। यह बात स्वतः सिद्ध करती है कि आफिया सिद्दीकी का कद आतंक की दुनिया में कितना ऊंचा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विज्ञान के क्षेत्र में यहूदियों ने अल्बर्ट आइंस्टीन दिया और पाकिस्तान ने आफिया सिद्दीकी।
अमेरिका को यह समझना पड़ेगा कि हाल में हुई टेक्सास की घटना पाकिस्तान का षड्यंत्र था। पाकिस्तान, वैश्विक आतंकवाद की जन्मस्थली है। ओसामा बिन लादेन से लेकर आफिया सिद्दीकी तक हर बड़ा आतंकी पाकिस्तान से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ निकलता है। ऐसे में जब तक पाकिस्तान विश्व भूगोल का हिस्सा रहेगा, आतंकवाद वैश्विक समस्या बना रहेगा। अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी उसे आतंकवाद की आग से नहीं बचा सकेगी, क्योंकि आज भी हजारों पाकिस्तानी नागरिक अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में मौजूद हैं, इसलिए ऐसी हजारों आतंकी घटनाएं इन देशों में हो सकती है।