“असत्य को जीत का मंत्र पता नहीं होता है, इस कारण असत्य वह जीवन भर केवल षड़यंत्र रचते रहता है”
कुछ ऐसा ही हाल भारत में लोकसभा सांसद और AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का है। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के हापुड़ में ओवैसी के काफिले पर उस समय फायरिंग की गई थी, जब वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव संबंधी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद दिल्ली लौट रहे थे। हालांकि, हापुड़ पुलिस ने गोलीबारी में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं। पुलिस ने इस संदर्भ में कहा कि ओवैसी की गाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 के हापुड़-गाजियाबाद खंड पर छिजारसी टोल प्लाजा के पास से गुजर रही थी, तब यह घटना घटी। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
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ओवैसी ने Z श्रेणी की सुरक्षा से किया इंकार
ओवैसी ने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा, “कुछ देर पहले छिजारसी टोल गेट पर मेरी गाड़ी पर गोलियाँ चलाई गयी। 4 राउंड फ़ायर हुए। 3-4 लोग थे, सब के सब भाग गए और हथियार वहीं छोड़ गए। मेरी गाड़ी पंक्चर हो गयी, लेकिन मैं दूसरी गाड़ी में बैठ कर वहाँ से निकल गया। हम सब महफ़ूज़ हैं। अलहमदु’लिलाह।“ वहीं, सोशल मीडिया पर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि यूपी चुनाव में अपनी ज़मीन तलाश रहे ओवैसी ने यह घटना अपने ही इशारे पर कराई है। जिस प्रकार पहले भी कई बार राजनेता अपने ऊपर हमला कराकर लाइमलाइट लेने का प्रयास करते है, ठीक वही प्रयास ओवैसी भी अजमा रहे हैं।
कुछ देर पहले छिजारसी टोल गेट पर मेरी गाड़ी पर गोलियाँ चलाई गयी। 4 राउंड फ़ायर हुए। 3-4 लोग थे, सब के सब भाग गए और हथियार वहीं छोड़ गए। मेरी गाड़ी पंक्चर हो गयी, लेकिन मैं दूसरी गाड़ी में बैठ कर वहाँ से निकल गया। हम सब महफ़ूज़ हैं। अलहमदु’लिलाह। pic.twitter.com/Q55qJbYRih
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 3, 2022
वहीं, इस घटना के बाद भारत सरकार ने असदुद्दीन ओवैसी को z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की लेकिन बाद ओवैसी ने खुद केंद्र द्वारा दी गई जेड सुरक्षा को खारिज कर दिया। ओवैसी ने कहा कि “वह मरने से नहीं डरते हैं, लेकिन ‘ए श्रेणी के नागरिक’ के रूप में रहना चाहते हैं।” बताते चलें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अमित शाह ने सोमवार को संसद में कहा, “ओवैसी पर हमले का फिर से आकलन किया गया है और उन्हें एक बुलेटप्रूफ वाहन और जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। लेकिन, मौखिक जानकारी के अनुसार उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया है। मैं उनसे केंद्र सरकार द्वारा उन्हें दी गई सुरक्षा को स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।”
ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि भारत सरकार द्वारा दी जा रही Z श्रेणी की सुरक्षा से ओवैसी क्यों मना कर रहे हैं? चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल, इसके पीछे तीन कारण हैं।
पहला कारण: ओवैसी पर कोई हमला नहीं हुआ
दरअसल, ओवैसी पर हुए हमले को लेकर अब आम जनमानस भी शक करने लगी है। ओवैसी द्वारा दिखाए गए उनकी कार की तस्वीर में कार के सबसे निचले बिंदु पर दो बुलेट शॉट हैं। हम कोई विशेषज्ञ नहीं हैं लेकिन जब एक हत्यारा अपने लक्ष्य को साधना चाहता है तो वह शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों यानी ऊपरी धड़ को निशाना बनाता है। लेकिन गोलियों के छेद से पता चलता है कि हत्यारों ने उनके ऊपरी शरीर को निशाना नहीं बनाया था। हत्यारे जानते थे कि असदुद्दीन ओवैसी भारत के सबसे हाई-प्रोफाइल नेताओं में से एक हैं।
उनके प्रति किसी भी तरह की अप्रिय घटना की गहन जांच की जाएगी। यह सब जानते हुए हत्यारों ने अपनी बंदूकें घटना स्थल पर ही छोड़ दी, जोकि एक मूर्खता प्रतीत है। वहीं, इस बात की पूरी संभावना है कि बंदूकों पर उनकी उंगलियों के निशान जांचकर्ताओं के निपटान में उपलब्ध बायोमेट्रिक्स डेटा के ढेर से मेल खाएंगे। ऐसे में, कहा जा सकता है कि इस घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया। वहीं, इस नाटकीय घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि ओवैसी पर कोई हमला हुआ हीं नहीं है ।
दूसरा कारण: खुद पर एक और हमला करवा सकते हैं ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम समुदाय के राष्ट्रीय नेता बनने की ओर अग्रसर हैं। उनका चुनावी आधार हैदराबाद के अलावा अब महाराष्ट्र और बिहार के साथ दुसरे राज्यों में भी फैल गया है। पिछले साल हुए बंगाल चुनाव में मुसलमानों द्वारा दरकिनार होने के बाद ओवैसी अब अपने ऊपर हमला का मुद्दा उछाल कर मुसलमानों को भावुक और दिग्भ्रमित करना चाहते हैं ताकि आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में मुसलामानों का वोट पूरी तरह से अपने पाले में ला सकें। ओवैसी यह समझ चुके हैं कि मुसलामानों को रिझाना है तो इस तरह के सियासी चाल चलना जरुरी है। ऐसा पूरा अनुमान है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के समय मुस्लिम वोट बैंक की लालसा में ओवैसी खुद पर फिर से ऐसे ही नाटकीय हमला करवा सकते हैं।
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तीसरा कारण: सहानुभूति दिखाकर मुस्लिम वोट बैंक हथियाना
ओवैसी Z श्रेणी की सुरक्षा को खारिज कर अधिक से अधिक मुसलमानों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। ओवैसी ने अब अपने आपको महान साबित करने के लिए स्वांग रचाना शुरू कर दिया है। किसी मझे हुए फ़िल्मी अभिनेता की तरह उन्होंने कहा है कि “मुझे Z-श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहिए। मैं चुप नहीं रहने वाला… मुझ पर गोली चलाने वालों के खिलाफ UPA क्यों नहीं लगाया गया? मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए, लेकिन आप उनके खिलाफ UPA लागू करें। मैं जीना चाहता हूं, बोलो। मुझे जीने के लिए आवाज उठानी है। गरीब सुरक्षित रहेंगे तभी मेरा जीवन सुरक्षित रहेगा। अगर संविधान गरीबों, कमजोरों और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करता है, तो मैं भी सुरक्षित रहूंगा। मुझे पता है कि हम में से प्रत्येक के लिए मृत्यु होगी।”
बता दें कि ओवैसी जिस उद्देश्य से यूपी की राजनीति में आए थे, उन्हें जनता से उस तरह की प्रतिक्रिया मिलती नहीं दिख रही है। मुस्लिम मतदाताओं के वोटों का ध्रुवीकरण करने की तीव्र इच्छा के साथ आए असदुद्दीन ओवैसी को राज्य में पहले से स्थापित पार्टियों ने बहुत पीछे छोड़ दिया है। एक दौर था जब ओवैसी ओमप्रकाश राजभर के साथ चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे, आज वही राजभर स्वयं अखिलश यादव के साथ हमजोली हो चले हैं।
ऐसे में, इन सब बातों से वो देश के मुसलमानों की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों से ओवैसी देश में मुसलमानों के हितैषी बन कर उभरे हैं। वहीं, विभिन्न राज्यों में विधानसभा के चुनाव के दौरान उनकी पार्टी हर एक राज्य में चुनाव लड़ रही है। वो मुसलामानों का वोट प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं। चाहे फिर राजनीतिक नाटक या फिर कथाकथित खुद पर हमला ही क्यों न कराना पड़े!